डायबिटीज एक क्रॉनिक कंडीशन है, जो इंसुलिन लेवल के बिगड़ने के कारण पैदा होती है। पैंक्रियाज से प्रोड्यूस होने वाले इंसुलिन हॉर्मोन की मात्रा कम होने पर ब्लड में शुगर का लेवल बिगड़ जाता है और फिर डायबिटीज की समस्या शुरू हो जाती है। इंसुलिन की कमी (Insulin deficiency) कई समस्याओं का कारण बन सकती है। डायबिटीज के कारण एक नहीं बल्कि कई समस्याएं खड़ी होती हैं। कहा जाता है कि बचाव करने से आप किसी बड़ी बीमारी को भी दूर भगा सकते हैं। अगर आपको डायबिटीज की समस्या (Problem of diabetes) हो या फिर ना हो, तो भी आप करेले के साथ ही जामुन के जूस का सेवन कर सकते हैं।
करेला और जामुन का सेवन लोग आमतौर पर सब्जी और फल के रूप में करते हैं। कम ही लोगों को जानकारी होती है कि इनका जूस भी बनाकर पिया जा सकता है। जहां एक ओर करेले का स्वाद कड़वा होता है, वहीं जामुन की मिठास बेहद अच्छी लगती है। डायबिटीज पेशेंट अक्सर करेले के जूस का सेवन करते हैं लेकिन करेले के साथ जामुन का जूस पीना बहुत लाभकारी होता है, इसके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं होती है। डायबिटीज में करेला जामुन जूस (Karela jamun juice in diabetes) के बारे में जाने अधिक जानकारी!
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वैसे तो डायबिटीज से छुटकारे के लिए लाइफस्टाइल में सुधार के साथ ही रोजाना एक्सरसाइज (Daily exercise) और बूरी आदतों जैसे कि स्मोकिंग छोड़ना, एल्कोहॉल से दूरी बनाना आदि शामिल है। रोजाना योगा या एक्सरसाइज आपके वजन को कंट्रोल रखने में अहम भूमिका निभाती है। आप आयुर्वेदिक ढंग से भी डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं। करेला साल भर नहीं आता है, ऐसे में करेला का सेवन हमेशा कर पाना डायबिटीज पेशेंट के लिए संभव नहीं है। मार्केट में करेले के साथ ही जामुन का जूस आप ले सकते हैं। ऐसी कई कंपनी हैं, जो डायबिटीज में करेला जामुन जूस (Karela jamun juice in diabetes) पीने को बढ़ावा दे रही है। अगर आपके आस पास करेला, जामुन उपलब्ध नहीं है, तो आप मार्केट से भी इसे आसानी से खरीद सकते हैं। डॉक्टर से सलाह के बाद ही करेला जामुन जूस का सेवन करें और उनसे सही मात्रा के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर लें।
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