डायबिटीज लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारी है। पहले डायबिटीज अधिक उम्र में होने वाली बीमारी माना जाता था वहीं अब यह बीमारी किसी भी उम्र में होने की संभावना रहती है। हमारी लाइफस्टाइल जितनी अच्छी होगी, उतना ही हमें विभिन्न प्रकार की बीमारियों का खतरा कम होगा। खराब जीवनशैली कई बीमारियों को जन्म देने का काम करती है। डायबिटीज के दौरान कुछ बातों का ध्यान रख बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। महिलाओं में इंसुलिन रसिस्टेंस कम करने के लिए एक्सरसाइज (Exercise to reduce insulin resistance in women) का क्या रोल होता है, ये फायदेमंद होती है या फिर नहीं, इस बारे में स्टडी की जा चुकी है। आप भी इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए आखिर स्टडी के दौरान आखिर क्या बातें सामने आई और इंसुलिन रसिस्टेंस का क्या मतलब होता है।
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महिलाओं में इंसुलिन रसिस्टेंस कम करने के लिए एक्सरसाइज (Exercise to reduce insulin resistance in women)
इंसुलिन पैंक्रियाज द्वारा बनाया गया एक हॉर्मोन है, जो ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। आपके जो भी भोजन खाते हैं, उससे ग्लूकोज प्राप्त होता है। लिवर जरूरत के समय ग्लूकोज भी बनाता है। फास्ट या उपवास के समय जब ब्लड शुगर (Blood sugar) कुछ खाने के बाद अचानक से बढ़ जाता है, तो इंसुलिन ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है। इंसुलिन रसिस्टेंस तब होता है जब आपकी मसल्स, फैट और लिवर में कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति अच्छा रिस्पॉन्स नहीं देती हैं और आपके ब्लड से ग्लूकोज आसानी से नहीं ले पाती हैं।
डायबिटीज की बीमारी में एक्सरसाइज का अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है। इस संबंध में स्टडी भी की जा चुकी है। स्टडी के दौरान कम्बाइंड रसिस्टेंस और एरोबिक ट्रेनिंग प्रोग्राम इंसुलिन सेंसिटीविटी को इंप्रूव करने के संबंध में अध्ययन किया गया। इसका कंपेयर पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं में अकेले एरोबिक प्रशिक्षण की तुलना में इंसुलिन सेंसिटीविटी में सुधार से संबंधित था। जानिए महिलाओं में इंसुलिन रसिस्टेंस कम करने के लिए एक्सरसाइज के संबंध में क्या रिसर्च डिजाइन और मैथड था।
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महिलाओं में इंसुलिन रसिस्टेंस कम करने के लिए एक्सरसाइज: रिचर्स डिजाइन और मैथड (RESEARCH DESIGN AND METHODS)
डायबिटीज जर्नल (diabetesjournals) में प्रकाशित स्टडी के दौरान करीब 28 मोटी और पोस्टमीनोपॉजल महिलाओं को शामिल किया गया। ये महिलाएं टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित थी। तीन में से एक महिला को 16 सप्ताह का ट्रीटमेंट दिया गया जिसमें एरोबिक प्लस रसिसटेंस (aerobic plus resistance training) को शामिल किया गया।
महिलाओं में इंसुलिन रसिस्टेंस कम करने के लिए एक्सरसाइज ( Exercise to reduce insulin resistance in women) : क्या निकला रिजल्ट?
महिलाओं में इंसुलिन रसिस्टेंस कम करने के लिए एक्सरसाइज ( Exercise to reduce insulin resistance in women) के संबंध में कुछ बातें निकल कर सामने आई। रिजल्ट में ये बात सामने आई कि ग्लूकोज इंफ्यूजन रेट की दर में काफी वृद्दि हुई। साथ ही व्यायाम के कारण मसल्स डेंसिटी भी बढ़ गई थी। इंप्रूव्ड ग्लूकोज डिस्पोजल सब्क्यूटेनियस एटी (subcutaneous AT), विसरल एटी (visceral AT) और मसल्स डेंसिटी से जुड़ा हुआ था। एब्डॉमिनल एटी (Abdominal AT) को नियंत्रित करने के बाद मांसपेशियों के घनत्व ने ग्लूकोज निपटान के साथ संबंध बनाए रखा।
एरोबिक ट्रेनिंग में रिसिस्टेंस ट्रेनिंग जोड़ने से टाइप 2 डायबिटीज के साथ पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं में ग्लूकोज डिस्पोजल में वृद्धि होती है। इंप्रूव्ड इंसुलिन सेंसिटिविटी एब्डॉमिनल सब्क्यूटेनियस और विसरल एटी (visceral AT) के लॉस और मसल्स डेंसिटी की वृद्दि से जुड़ा हुआ है।
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इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध होने पर क्या दिख सकते हैं लक्षण?
महिलाओं में इंसुलिन रसिस्टेंस कम करने के लिए एक्सरसाइज के संबंध में स्टडी के बारे में आप जान चुके हैं। इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध होने पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जब कोशिकाओं में इंसुलिन रसिस्टेंस की समस्या हो जाती है, तो सेल्स इंसुलिन का सही प्रकार से इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। अगर आपको प्रीडायबिटीज की समस्या है, तो बेहतर होगा कि आोप डॉक्टर के संपर्क में रहे। डॉक्टर आपका समय-समय पर ब्लड शुगर चेक करते रहेंगे। ऐसा करने से डायबिटीज के बारे में जानकारी मिल जाएगी। क्लासिक डायबिटीज के सिम्टम्स में ज्यादा प्यास लगना, खाने के बाद भूख लगना, बार-बार यूरिन का एहसास, हाथ-पैरों में झुनझुनी, अधिक थकान का महसूस होना, बार-बार संक्रमण हो जाना आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं। अगर आपको भी ऐसे ही लक्षणों का एहसास हो रहा है, तो बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर को बताएं और साथ ही डायबिटीज का ट्रीटमेंट भी कराएं।
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टाइप 2 डायबिटीज को किया जा सकता है कंट्रोल
टाइप 2 डायबिटीज की बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आपका वजन अधिक है, आप रोजाना एक्सरसाइज नहीं करते हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। आपको अपने डायटीशियन से बात करने के बाद डायट प्लान करनी होगी। साथ ही आपको रोजाना एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।
अगर आपने कभी भी एक्सरसाइज नहीं की है, तो आप वॉकिंग से भी शुरुआत कर सकते हैं। पहले आप रोजाना आधे घंटे चलिए। धीरे-धीरे आप रनिंग भी कर सकते हैं। आप अपनी दिनचर्या में एरोबिक एक्सरसाइज को शामिल कर सकते हैं। अगर आपको स्विमिंग और सायकलिंग आती है, तो यह भी आपके लिए बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है। आप एक साथ खाने के बजाय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दिनभर खाइए। खाने में फ्रेश वेजिटेबल, फ्रेश फ्रूट आदि को शामिल करें। आपको खाने में प्रोसैस्ड फूड या फिर ऐसे फूड्स नहीं शामिल करना चाहिए, जिनमें बहुत अधिक मात्रा में कैलोरी या फैट होता हो। आपको दिन में कितनी कैलोरी लेनी है, इसके लिए आप अपने डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं।
अगर आपको अधिक मात्रा में स्ट्रेस रहता है या फिर आप तनाव में रहते हैं, तो आपको मेडिटेशन या योग का सहारा लेना चाहिए। ऐसा करने से आपका तनाव कम होगा। तनाव के कारण एक नहीं बल्कि कई बीमारियां जन्म लेते हैं अगर आपको हेल्दी रहना है तो आपको अपनी दिनचर्या में कुछ बातों का ध्यान रख सुधार करना होगा आप कुछ ही दिनों बाद फर्क महसूस करने लगेंगे।
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इस आर्टिकल में हमने आपको महिलाओं में इंसुलिन रसिस्टेंस कम करने के लिए एक्सरसाइज (Exercise to reduce insulin resistance in women) के संबंध में हुई स्टडी को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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