कुछ हेल्थ कंडीशन जैसे कि डायबिटीज, मल्टीपल स्केलेरोसिस, चिंता या फिर स्ट्रोक की समस्या के कारण भी प्रेग्नेंसी में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या हो सकती है।
यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन के कारण (Causes of urinary track infection)
करीब 30 से 40 प्रतिशत महिलाएं, जिन्होंने अभी तक यूटीआई का इलाज नहीं कराया है, उन्हें प्रेग्नेंसी में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या हो सकती है।
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क्या यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस को ठीक किया जा सकता है? (Can urinary incontinence be corrected?)
प्रेग्नेंसी के समय इस समस्या से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। डिलिवरी के बाद भी अगर समस्या है तो सर्जरी, थेरिपी या फिर एक्सरसाइज की हेल्प से समस्या से निजात पाई जा सकती है। कई स्टडीज में ये बात सामने आई है कि रिपेटेड एब्डॉमिनल डिलिवरी होने के बाद यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या से निजात मिल जाती है, लेकिन इस समस्या का उचित समाधान नहीं हो सकता है। यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या से निजात के लिए सर्जरी का सहारा लिया जा सकता है। पेल्वकि फ्लोर एक्सरसाइज करने की भी सलाह दी जाती है। पेल्विक एक्सरसाइज की हेल्प से मसल्स को मजबूती मिलती है। मसल्स में ढीलेपन के कारण ही यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या होती है।
प्रेग्नेंसी में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस (Urinary incontinence in pregnancy) का ट्रीटमेंट क्या हो सकता है?
ब्लैडर मैनेजमेंट के साथ ही लाइफस्टाइल में चेंज करके इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। ब्लैडर मैनेजमेंट के लिए कुछ तरीकों को अपनाया जा सकता है।
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कीगल एक्सरसाइज (Kegel exercise) पर दें ध्यान
कीगल एक्सरसाइज की हेल्प से पेल्विक मसल्स को स्ट्रेंथ मिलती है। कीगल एक्सरसाइज को प्रेग्नेंसी के पहले, प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में सुरक्षित माना जाता है। कीगल एक्सरसाइज के दौरान उन मसल्स पर जोर देने की जरूरत होती हैं, जो यूरिन को रोकने में मदद करती हैं। अब 10 सेकेंड के लिए मसल्स पर जोर दें। इस तरह से एक दिन में पांच सेट करें। पेल्विक फ्लोर में रिलैक्स कैसे करते हैं, ये जरूर सीखें। ऐसा करने से लेबर के पहले और बाद में हेल्प मिलेगी।
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