डायबिटीज या मधुमेह एक क्रॉनिक कंडीशन है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। इस कंडीशन के कारण ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल में नहीं रह पाता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control) के बारे में अहम जानकारी देंगे।
इंसुलिन एक हॉर्मोन है, जो पैंक्रियाज से निकलता है। अगर इंसुलिन की पर्याप्त मात्रा का सिकरीशन नहीं हो पाता है, तो ब्लड में शुगर का लेवन धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। इंसुलिन के स्तर में आने वाले कमी कई कारणों पर निर्भर करती है। अगर डायबिटिक व्यक्ति खानपान पर ध्यान दें और रोजाना एक्सरसाइज करें, तो ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।आइए पहले जानते हैं कि किगोंग क्या है?
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किगोंग क्या है? (What is Qigong)
किगोंग एक चायनीज एक्सरसाइज है, जो कि हीलिंग टेक्निक में शामिल हैं। इसमें मेडिटेशन, ब्रीथिंग को कंट्रोल करना, मूवमेंट एक्सरसाइज करना आदि शामिल है। इसे किगोंग थेरिपी के नाम से भी जानते हैं। हावर्ड मेडिकल स्कूल के असिस्टेंट प्रोफेसर और रिसर्च डायरेक्टर पीटर की मानें, तो किगोंग ट्रेडिशनल चायनीज कल्चर है, जो वायटल एनर्जी के लिए जाना जाता है। कि और गोंग दो अलग शब्दों से मिलकर बना है। कि ट्रेडिशनल कल्चर और गोंग कल्टिवेशन के लिए जाना जाता है। इस थेरिपी को वायटल एनर्जी कल्टिवेशन (Vital energy cultivation) के नाम से भी जानते हैं।किगोंग प्रैक्टिस के कई फॉम होते हैं। कुछ फॉम में मेडिटेशन और ब्रीथिंग शामिल होती है। ये स्पीरीचुअलिटी और हेल्थ के लिए खास होती है, जबकि बाकी थेरिपी में मार्शल आर्ट एक्सरसाइज शामिल होती है। ताई ची (Tai chi) प्रैक्टिस को भी किगोंग फॉम से रिलेट किया जाता है। हालांकि दोनों ही अलग तरह से की जाने वाली प्रैक्टिस हैं। जानिए किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control) का क्या है संबंध।
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किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control)
किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control) का गहरा संबंध है। किगोंग थेरिपी एनर्जी-बेस्ड क्रियाविधि है, कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने का काम करती है। चाइना में ये थेरिपी करीब पांच हजार सालों से अपनाई जा रही है। यू.एस. नेशनललाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक किगोंग व्यायाम टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) वाले लोगों में इंसुलिन (Insulin) रिजिस्टेंस और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म (Glucose metabolism ) में सुधार होता है।किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control) का संबंध ऐसा है कि ये प्रैक्टिस टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) को ट्रीट करने में भी मदद करती है। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) क्रॉनिक कंडीशन है, जिसमें ब्लड में शुगर का लेवल हाय हो जाता है। डायबिटीज सीरियस डिजीज है, जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। यह जीवन के लिए खतरा हो सकती है।
किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control) के संबंध को जानने के लिए स्टडी के दौरान ब्लड शुगर और हीमोग्लोबिन A1c पर किगोंग के प्रभाव को नोट किया गया। करीब 12 हफ्तों तक इसकी जांच की गई। ये बात सामने निकल कर आई कि जिन टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के पेशेंट्स ने किगोंग प्रैक्टिस (Qigong practice) शुरू की थी, उनके ब्लड में शुगर का लेवल काफी हद तक नियंत्रित हुआ।
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किगोंग को ची-कुंग (Chi-Kung) के नाम से भी जाना जाता है। जीवन की शक्ति को बनाए रखने के लिए ये प्रैक्टिस बहुत काम आती है। इस प्रैक्टिल में ब्रीथिंग टेक्नीक (Breathing techniques), पोस्चर (Postures), मेडिटेशन आदि शामिल हैं। कि-गोंग में की मतलब ब्रीथ या एयर से होता है। इस प्रैक्टिस से सेल्फ हीलिंग के साथ ही कई बीमारियों से छुटकारा भी मिलता है। जानिए इसके प्रकार के बारे में।
किगोंग और शुगर कंट्रोल: मेडिकल कीगोंग (Medical Qigong)
तीन कैटेगरी में इसे सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन में इसे सबसे पुराना माना जाता है। इसमें एक्यूपंक्चर (Acupuncture), हर्बल दवा और चाइनीज मसाज शामिल है। बीमारी के अनुसार ही इस थेरिपी का इस्तेमाल किया जाता है।
मार्शल किगोंग (Martial Qigong)
इस प्रकार की किगोंग प्रैक्टिस फिजिकल पॉवर पर केंद्रित है।मार्शल किगोंग का अभ्यास करने वाले लोग ईंट को तोड़ सकते हैं, स्टील के तारों को मोड़ सकते हैं, त्वचा को नुकसान पहुंचाए बिना शरीर के कमजोर हिस्सों में वस्तुओं को रख सकते हैं। मार्शल किगोंग अभ्यासी आधुनिक विज्ञान द्वारा असंभव माने जाने वाले शारीरिक करतबों का प्रदर्शन कर सकता है।
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किगोंग और शुगर कंट्रोल: स्प्रीरिचुअल किगोंगमैन मेडिटेशमन (Spiritual QigongMan meditating)
इस प्रकार के स्प्रिचुअल किगोंगमैन मेडिटेशमन (Spiritual QigongMan meditating) में आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए मंत्रों, मुद्राओं (हाथ की स्थिति), ध्यान और प्रार्थनाओं को किया जाता है। ये टेक्नीक बौद्ध धर्म (Buddhism), ताओवाद (Taoism) और कन्फ्यूशीवाद (Confucianism) से काफी प्रभावित हैं।
किगोंग का लक्ष्य उन असंतुलनों को ठीक करना है जो एक व्यक्ति के पूरे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। असंतुलन जैसे कि तनाव (Stress), क्रोध, चिंता, अवसाद, दु: ख, आदि कई बीमारियों का कारण बनता है। स्ट्रेस के कारण शरीर में हॉर्मोनल बदलाव भी होते हैं। ऐसे में किगोंग प्रैक्टिस करने से इन सभी समस्याओं से राहत मिलती है, जिसके कारण ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल में रहता है। अगर आपको अभी भी किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control) का संबंध समझ नहीं आया है, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर प्राप्त करें।
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अगर एक बार डायबिटीज की बीमारी हो जाए, तो इससे पीछा छुड़ाना आसान नहीं होता है। अगर आप रोजाना हेल्दी डाइट लेने के साथ ही एक्सरसाइज भी करते हैं, तो तो काफी हद तक आप ब्लड में शुगर के लेवल (Blood sugar level) को कंट्रोल में रख सकते हैं। अगर आप इन दोनों ही बातों का ख्याल नहीं रखते हैं, तो ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ता जाएगा और साथ ही कई सारी और भी समस्याएं शुरू हो जाएंगी। आप इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें और इस दौरान किस थेरिपी को अपनाना चाहिए, इस बारे में भी डॉक्टर से पूछें। ऐसा करने से आप डायबिटीज की बीमारी के दौरान भी स्वस्थ्य रह सकते हैं। किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control) के संबंध में एक्सपर्ट से जानकारी प्राप्त करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको किगोंग और शुगर कंट्रोल (Qigong and sugar control) के बारे में बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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