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हाय आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ सकता है, इस बारे में जानते हैं आप?

हाय आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ सकता है, इस बारे में जानते हैं आप?

डायबिटीज बीमारी तब होती है जब ब्लड ग्लूकोज लेवल जिसे ब्लड शुगर कहा जाता है बहुत बढ़ जाता है। ब्लड ग्लूकोज एनर्जी का मुख्य सोर्स है जो कि हम जो खाते हैं उससे प्राप्त होता है। इंसुलिन हॉर्मोन इस ग्लूकोज के लेवल नियंत्रित करने में मदद करता है। ऐसी कई चीजें हैं जो आपके ब्लड शुगर को बढ़ाने का काम करती हैं जिनके बारे में आप जानते होंगे, लेकिन शायद आपने कभी नहीं सोचा होगा कि आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क (Iron intake increases the risk of type 2 diabetes) हो सकता है। जी हां आप सही पढ़ रहे हैं आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ सकता है यह बात कुछ स्टडीज में भी साबित हो चुकी है। इस आर्टिकल में इस बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही हैं।

आयरन (Iron) पृथ्वी के सबसे प्रचुर मात्रा में मौजूद खनिजों में शामिल है। यह मानव के शरीर के लिए प्रोटीन (Protein) और एंजाइमों (Enzymes) के हिस्से के रूप में आवश्यक है जो कोशिकाओं को ऑक्सिजन को ले जाने और कोशिका वृद्धि में मदद करता है। कुछ एविडेंस बताते हैं कि अधिक आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क (Type 2 diabetes) बढ़ जाता है।

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अधिक आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क कैसे बढ़ता है? (How does high iron intake increase the risk of type 2 diabetes?)

अधिक आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क के विषय में एक अध्ययन किया गया जिसमें 85000 मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं को शामिल किया गया। जिसमें पाया गया कि जिन महिलाओं ने बहुत अधिक हीम आयरन (Heme iron) जो कि एनिमल फूड्स में पाया जाता है का सेवन किया उनमें टाइप 2 डायबिटीज के डेवलप होने का रिस्क 28% तक बढ़ गया। इसी तरह का एक और अध्ययन किया गया। इसमें भी अधिक आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क (Iron intake and risk of type 2 diabetes) हो सकता है इसका खुलासा किया गया। जिसमें करीब 33000 महिलाओं को 10 साल तक फॉलो किया गया। रिजल्ट में पता चला कि जिन महिलाओं में आयरन की मात्रा अधिक होती है उनमें टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) होने की संभावना अधिक होती है।

अधिक आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क (High Iron intake and risk of type 2 diabetes) बढ़ने का कारण आयरन के हाय लेवल का मसल्स टिशूज (Muscles tissues) को डैमेज करना हो सकता है। जिससे ब्लड से ग्लूकोज (Blood glucose) को कोशिकाओं में स्थानांतरित करने की शरीर की क्षमता को कम होती है और इस प्रकार इंसुलिन उत्पादन में हस्तक्षेप करता है। आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क (High Iron intake and risk of type 2 diabetes) की स्टडी को इस बात से भी समर्थन प्राप्त है कि आयरन इंटेक को कम करने से डायबिटीज में सुधार या डायबिटीज रिवर्सल हुआ था।

इसके अलावा, इस बात के प्रमाण हैं कि टाइप 2 मधुमेह वाली महिलाएं जो अधिक मात्रा में हीम आयरन और रेड मीट का सेवन करती हैं, उनमें कोरोनरी हृदय रोग (Coronary heart disease) के जोखिम में 50% तक की वृद्धि होती है।

अधिक आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है (Iron intake increases the risk of type 2 diabetes)

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सिर्फ टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) ही नहीं अधिक आयरन इंटेक से बढ़ सकता है जेस्टेशनल डायबिटीज का रिस्क भी

प्रीनेटल विटामिन्स (Prenetal vitamins) में आयरन की भूमिका महत्वूपर्ण है, लेकिन हाल ही के शोध में गर्भवती महिलाओं में उच्च आयरन के स्तर के साथ जेस्टेशनल डायबिटीज के विकास के हाय रिस्क की बात कही गई है। डायबेटोलॉजिया में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार गर्भावस्था के कुछ हफ्तों में अधिक आयरन का सेवन से जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस (Gestational diabetes mellitus) का रिस्क बढ़ सकता है। इसलिए, जोखिम को कम करने के लिए गर्भवती महिलाओं को आयरन का सेवन विश्व स्वास्थ्य संगठन के आयरन के लिए नियमित सिफारिशों के अनुसार ही करना चाहिए। यानी आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क (Iron intake and risk of type 2 diabetes) बढ़ाने के साथ ही जेस्टेशनल डायबिटीज का रिस्क भी बढ़ा सकता है।

आयरन की पर्याप्त मात्रा भी जरूरी है क्योंकि इसकी कमी से एनीमिया हो सकता है। जो भी एक गंभीर समस्या है। जिसमें कमजोरी, थकान और हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। ऐसे में हमें आयरन इंटेक को बैलेंस रखना बेहद जरूरी है। फ्रीक्वेंट ब्लड डोनेशन और आयरन के स्टोरेज में कमी करके इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin sensitivity) और इंसुलिन सीक्रेशन को बढ़ाया जा सकता है।

हाय आयरन इंटेक से होने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याएं (Other health problems caused by high iron intake)

आयरन एक ऐसा खनिज है जिसकी शरीर को वृद्धि और विकास के लिए आवश्यकता होती है। आपका शरीर हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन का उपयोग करता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं में होने वाला एक प्रोटीन है जो फेफड़ों से ऑक्सिजन को शरीर के सभी हिस्सों में ले जाता है, और मायोग्लोबिन (Myoglobin) एक प्रोटीन जो मांसपेशियों को ऑक्सिजन प्रदान करता है। कुछ हॉर्मोन बनाने के लिए भी आपके शरीर को आयरन की आवश्यकता होती है, लेकिन इस जरूरी मिनरल की अधिकता आपकी मुश्किलों को बढ़ा सकती है। अधिक आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है (Iron intake increases the risk of type 2 diabetes) यह तो आप जान ही चुके हैं, लेकिन इसके अलावा इसके अधिक सेवन से परेशानियां हो सकती हैं।

शरीर आयरन को बहुत कुशलता से संग्रहीत करता है और बहुत आयरन टॉक्सिक (Toxic) हो सकता है। अत्यधिक आयरन स्टोर (Iron stores) से ऑर्गन डैमेज हो सकते हैं, विशेष रूप से लिवर, हार्ट और पैंक्रियाज। कुछ मामलों में, बड़ी मात्रा में लिया गया आयरन घातक भी हो सकता है। आयरन पॉइजनिंग के कुछ लक्षणों में थकान और कमजोरी, जोड़ों का दर्द, वजन कम होना और शरीर के बालों का झड़ना शामिल हैं।

हेमोक्रोमैटोसिस (Haemochromatosis) एक ऐसी स्थिति है जो अत्यधिक आयरन स्टोर से जुड़ी हुई है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि हेमोक्रोमैटोसिस से हृदय रोग और कुछ कैंसर, जैसे कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। उपचार में आहार में आयरन की मात्रा को सीमित करना और आयरन के स्तर के सामान्य होने तक नियमित रूप से ब्लड को निकालना शामिल है, हालांकि व्यक्तिगत सलाह के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

अधिक आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है (Iron intake increases the risk of type 2 diabetes)

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आपको कितने आयरन की जरूरत होती है? (How much iron do you need?)

आपको प्रत्येक दिन आयरन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है, यह आपकी उम्र, आपके लिंग और आप ज्यादातर प्लांट बेस्ड डायट को फॉलो करते हैं या नहीं इस पर निर्भर करता है। मीट, एग, फिश का सेवन नहीं करने वाले शाकाहारी लोगों को नीचे बताई जा रही आयरन की मात्रा से लगभग दोगुने आयरन की आवश्यकता होती है क्योंकि शरीर प्लांट फूड्स से प्राप्त होने वाले नॉनहीम आयरन (Nonheme iron) के साथ-साथ एनिमल फूड्स (Animal foods) से प्राप्त होने वाले हीम आयरन (Heme iron) को अवशोषित नहीं करता है। औसत दैनिक अनुशंसित मात्रा नीचे मिलीग्राम (मिलीग्राम) में सूचीबद्ध है। नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार आयरन की जरूरत निम्न प्रकार होती है।

जन्म के बाद 6 महीने तक 0.27 मिलीग्राम लगभग

शिशु 7-12 महीने 11 मिलीग्राम लगभग

बच्चे 1-3 साल 7 मिलीग्राम लगभग

बच्चे 4-8 साल 10 मिलीग्राम लगभग

बच्चे 9-13 वर्ष 8 मिलीग्राम लगभग

किशोर लड़के 14-18 वर्ष 11 मिलीग्राम लगभग

किशोर लड़कियां 14-18 वर्ष 15 मिलीग्राम लगभग

वयस्क पुरुष 19-50 वर्ष 8 मिलीग्राम लगभग

वयस्क महिलाएं 19-50 वर्ष 18 मिलीग्राम लगभग

वयस्क 51 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 8 मिलीग्राम लगभग

गर्भवती किशोर 27 मिलीग्राम लगभग

गर्भवती महिलाएं 27 मिलीग्राम लगभग

स्तनपान कराने वाले किशोर 10 मिलीग्राम लगभग

स्तनपान कराने वाली महिलाएं 9 मिलीग्राम लगभग

आयरन के सोर्स (Iron sources) क्या हैं?

निम्न चीजों से आयरन प्राप्त किया जा सकता है

और पढ़ें: टाइप 2 डायबिटीज के लॉन्ग टर्म कॉम्प्लीकेशन में शामिल हो सकती हैं ये समस्याएं!

उम्मीद करते हैं कि आपको आयरन इंटेक से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क (Iron intake increases the risk of type 2 diabetes) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

All Accessed on 28th November 2021

https://care.diabetesjournals.org/content/early/2020/02/06/dc19-2202

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3648340/

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/33308344/

https://www.niddk.nih.gov/health-information/diabetes/overview/what-is-diabetes

https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/iron

https://ods.od.nih.gov/factsheets/Iron-Consumer/

Current Version

28/11/2021

Manjari Khare द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari

Updated by: Manjari Khare


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Sayali Chaudhari

फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/11/2021

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