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योग करने से पेशेंट पर क्या हुआ असर?
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन की ओर से की गई स्टडी में करीब 123 लोगों को शामिल किया गया। उन लोगों को माइक्रोवस्कुलर कॉम्प्लिकेशन, मैक्रोवस्कुलर कॉम्प्लीकेशन और पेरीफेरल न्यूरोपैथी की समस्या थी। इन लोगों को करीब तीन महीने तक योग करने की सलाह दी गई। जब रिजल्ट की बात सामने आई तो पाया गया कि जिन लोगों ने योग किया था, उनका बीएमआई (BMI) कम हो गया। साथ ही उन लोगों में ग्लाइसेमिक कंट्रोल भी हुआ। ऐसे लोगों में योग के बाद विटामिन सी (Vitamin C) में वृद्धि या बढ़त भी हुई। योग के बाद लोगों के वेस्ट रेशियो, ब्लड प्रेशर (blood pressure) और विटामिन E आदि के स्तर में कोई अंतर नहीं पाया गया।
टाइप 2 मधुमेह (Type 2 diabetes) में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में योग को एक प्रभावी चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। टाइप 2 डायबिटीज के पेशेंट में बीएमआई (BMI) और ग्लाइसेमिक कंट्रोल में योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग ( Effect of Yoga on Glycemic Control) कौन से किए जा सकते हैं, ये आप डॉक्टर से एक्पर्ट से पूछ सकते हैं।
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ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग कैसे करें?
ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग (Effect of Yoga on Glycemic Control) एक नहीं बल्कि बहुत से अपनाएं जा सकते हैं। योग की प्रैक्टिस आप एक्सपर्ट से जानकारी लेने के बाद भी कर सकते हैं। कुछ योग जैसे कि लैग्स अप द वॉल पोज (Legs-Up-the-Wall Pose), रिसायकलिंग बाउंड एंगल पोज (Reclining Bound Angle Pose), सीटेड फॉरवर्ड बैंड (Seated forward bend), सपोर्टेड शोल्डरस्टेंड (Supported shoulder stand), अपवर्ड-फेसिंग डॉग (Upward-Facing Dog), बो पोज (Bow Pose), कोर्पस पोज (Corpse Pose) आदि अपनाया जा सकता है।