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ग्लाइसेमिक कंट्रोल (Glycemic Control) के लिए योग कैसे दिखाता है अपना असर?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/11/2021

    ग्लाइसेमिक कंट्रोल (Glycemic Control) के लिए योग कैसे दिखाता है अपना असर?

    डायबिटीज की समस्या किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकती है। डायबिटीज की बीमारी खराब लाइफस्टाइल के कारण या अधिक स्ट्रेस, चिंता आदि लेने के कारण हो सकती है। ज्यादातर केस में जिन लोगों में स्ट्रेस की समस्या होती है या फिर जो लोग ठीक से नींद नहीं लेते हैं, खान-पान पर ध्यान नहीं देते हैं या एक्सरसाइज नहीं करते हैं, उन लोगों को टाइप टू डायबिटीज (Type 2 diabetes) का सामना करना पड़ता है। डायबिटीज में ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग ( Effect of Yoga on Glycemic Control) की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

    डायबिटीज में ब्लड में शुगर का लेवल (Blood sugar level) कंट्रोल में नहीं रह पाता है। हमारे अग्नाशय या पैंक्रियाज (Pancreas) से इंसुलिन हॉर्मोन रिलीज होता है। अगर किसी कारण से इंसुलिन हॉर्मोन सही से रिलीज ना हो पाए, तो ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल में नहीं रह पाता है। डायबिटीज की बीमारी को कंट्रोल में रखने के लिए इंजेक्शन और मेडिसिन लेने की सलाह दी जाती है। साथ ही डॉक्टर पेशेंट को एक्सरसाइज और योग करने की सलाह भी देते हैं।

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    ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग ( Effect of Yoga on Glycemic Control)

    ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग

    टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) तनाव, चिंता, डिप्रेशन (Depression) और क्वालिटी ऑफ लाइफ (QOL)से जुड़ा हुआ है। इस बात के अधिक प्रमाण नहीं हैं कि योग इन फैक्टर्स में सुधार कर सकता है और व्यक्तियों को एक्टिव लाइफस्टाइल के लिए प्रेरित कर सकता है। ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग ( Effect of Yoga on Glycemic Control) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है या फिर नहीं, इसके लिए कुछ लोगों में स्टडी की गई और इस बात की पड़ताल की गई कि उनके ग्लाइसेमिक वैल्यू (Glycemic value) पर कुछ प्रभाव पड़ता है या फिर नहीं।

    ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग का क्या महत्व है, इसे लेकर स्टडी हुई है। एनसीबीआई (NCBI) में प्रकाशित स्टडी के दौरान करीब 227 लोगों को योग ग्रुप से जोड़ा गया और कुछ लोगों को एक्सरसाइज ग्रुप से जोड़ा गया। योग ग्रुप के लोगों ने करीब 2 सप्ताह तक योग की प्रैक्टिस की करीब 3 महीने तक घर में योग का अभ्यास किया। वहीं एक्सरसाइज ग्रुप ने हफ्ते में पांच दिन 30 मिनट तक वॉक किया। जब दोनों लोगों में कम्पेरिजन किया गया तो ये बात सामने आई कि जिन लोगों ने योग किया था, उनका ग्लाइसेमिक लेवल एक्सरसाइज करने वालों के मुकाबले बेहतर था। यानी ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग ( Effect of Yoga on Glycemic Control) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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    योग करने से पेशेंट पर क्या हुआ असर?

    अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन की ओर से की गई स्टडी में करीब 123 लोगों को शामिल किया गया। उन लोगों को माइक्रोवस्कुलर कॉम्प्लिकेशन, मैक्रोवस्कुलर कॉम्प्लीकेशन और पेरीफेरल न्यूरोपैथी की समस्या थी। इन लोगों को करीब तीन महीने तक योग करने की सलाह दी गई। जब रिजल्ट की बात सामने आई तो पाया गया कि जिन लोगों ने योग किया था, उनका बीएमआई (BMI) कम हो गया। साथ ही उन लोगों में ग्लाइसेमिक कंट्रोल भी हुआ। ऐसे लोगों में योग के बाद विटामिन सी (Vitamin C) में वृद्धि या बढ़त भी हुई। योग के बाद लोगों के वेस्ट रेशियो, ब्लड प्रेशर (blood pressure) और विटामिन E आदि के स्तर में कोई अंतर नहीं पाया गया।

    टाइप 2 मधुमेह (Type 2 diabetes) में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में योग को एक प्रभावी चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। टाइप 2 डायबिटीज के पेशेंट में बीएमआई (BMI) और ग्लाइसेमिक कंट्रोल में योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग ( Effect of Yoga on Glycemic Control) कौन से किए जा सकते हैं, ये आप डॉक्टर से एक्पर्ट से पूछ सकते हैं।

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    ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग कैसे करें?

    ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग (Effect of Yoga on Glycemic Control) एक नहीं बल्कि बहुत से अपनाएं जा सकते हैं। योग की प्रैक्टिस आप एक्सपर्ट से जानकारी लेने के बाद भी कर सकते हैं। कुछ योग जैसे कि लैग्स अप द वॉल पोज (Legs-Up-the-Wall Pose), रिसायकलिंग बाउंड एंगल पोज (Reclining Bound Angle Pose), सीटेड फॉरवर्ड बैंड (Seated forward bend), सपोर्टेड शोल्डरस्टेंड (Supported shoulder stand), अपवर्ड-फेसिंग डॉग (Upward-Facing Dog), बो पोज (Bow Pose), कोर्पस पोज (Corpse Pose) आदि अपनाया जा सकता है।

    अपनाएं चाइल्ड पोज (Child’s Pose)

    ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग

    रिलेक्सेशन को बढ़ाने के लिए चाइल्ड पोज (Child’s Pose) बेहद फायदेमंद साबित होता है। इस चाइल्ड पोज को अपनाने से इंसुलिन प्रोडक्शन बढ़ जाता है। इस पोज को अपनाने से बैक और नेक पेन भी ठीक हो जाता है। साथ ही जिन लोगों को थकान की अधिक समस्या रहती है, उनके लिए भी ये पोज अपनाना फायदेमंद साबित हो सकता है। जानिए कैसे करें ये योग।

    अपने घुटनों को मोड़ कर बैठ जाएं और उसके बाद दोनों हाथों को ऊपर की ओर करें। आप पेट को नीचे की तरफ झुका लें। ऐसी अवस्था में आपके घुटनों में वजन होगा। आपको हाथों को ऊपर की रखना है और घुटनों की सहायता से पेट को ऊपर की ओर उठाना है। और अब पेट को नीचे की ओर करना है। आप इस पोज को कुछ समय तक करें। ऐसा करने से आपको दर्द से राहत मिलेगी और डायबिटीज की समस्या से भी राहत मिल सकती है।

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    अपवर्ड फेसिंग डॉग (Upward-Facing Dog)

    सबसे पहले स्टमक यानी पेट के बल लेट जाएं और पैरों को पीछें की ओर कर लें। अपने हाथों के पंजे को जमीन में टिका लें और कमर के ऊपर के हिस्से को उठाएं। ऐसा करीब दस से 12 बार करें और कुछ रिलेक्स के बाद इसे दोहराएं। इस पोज को अपनाने से सर्कुलेशन बढ़ने के साथ ही वजन को कम करने में भी मदद मिलती है। ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग (Effect of Yoga on Glycemic Control) में आप इसे चुन सकते हैं। अगर आपको अधिक योग के बारे में जानकारी चाहिए, तो इस बारे में एक्सपर्ट से राय जरूर लें।

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    खानपान पर भी दें ध्यान!

    डायबिटीज (Diabetes) को कंट्रोल में रखने के लिए योग के साथ ही आपको खानपान में भी सावधानी बरतने की जरूरत है। आपको खाने में फ्रेश वेजिटेबल्स को शामिल करना चाहिए। आपको बाहर से या फिर पैक्ड फूड्स का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। आप खाने में जो भी खा रहे हैं बेहतर होगा उसे घर पर ही बना कर खाएं। डॉक्टर से पूछें कि आपको डाइट में किन चीजों को शामिल करना चाहिए। साथ ही पर्याप्त मात्रा में नींद ले और स्ट्रेस से दूरी बना लें। आप कुछ बातों का ध्यान रख सुधार कर आप डायबिटीज को कंट्रोल में रख सकते हैं

    इस आर्टिकल में हमने आपको ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए योग (Effect of Yoga on Glycemic Control) के बारे में  बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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