और पढ़ें : अस्थमा रोग से हमेशा के लिए पाएं छुटकारा, रोजाना करें ये आसन
शीतली प्राणायाम के नुकसान क्या हैं? और किन लोगों को यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए?
हर सिक्के के दो पहलु होते हैं, ऐसे में इस प्राणायाम के कुछ नुकसान भी हैं। इसलिए हमें एक्सपर्ट की जरूरत पड़ती है, जो हमें सही और गलत की सीख देते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार जानें किसे नहीं करना चाहिए यह आसन,
- मानसिक रूप से बीमार लोगों को यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनके शरीर का तापमान कम होता है या तनाव और डिप्रेशन से ग्रसित लोगों को भी यह आसन नहीं करना चाहिए
- ठंडी जगहों में रहने वाले लोगों के साथ सर्दियों के मौसम में इस आसन को कतई नहीं करना चाहिए।
और पढ़ें : ये 5 आसन दिलाएंगे तनाव से छुटकारा, जरूर करें ट्राई
जानें शीतली प्राणायाम करने के दौरान क्या-क्या बरतें सावधानी?
इस प्राणायाम के दौरान निम्नलिखित सावधानी बरतें।
- इसे किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं, लेकिन बेहतर यही होगा कि यदि आपने इससे पहले योग नहीं किया है, तो योग प्रशिक्षक से ट्रेनिंग लेने के बाद ही इसे करें, ताकि आप इस प्राणायाम की गंभीरता को जान सकें।
- साफ व स्वच्छ जगह पर करें : शीतली प्राणायाम को साफ व स्वच्छ जगह पर ही करें। जैसे कि सुबह-सुबह पार्क में, ताकि फ्रेश हवा आपको मिल सकें। एक्सपर्ट अश्विनी शुक्ला बताते हैं कि शीतली प्राणायाम को गंदी जगहों पर अभ्यास नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसे मुंह खोलकर किया जाता है, श्वांस को मुंह के जरिए अंदर लिया जाता है। ऐसे में गंदी जगह पर इसे करने से संभावनाएं रहती है कि प्रदूषित हवा हमारे शरीर में चली जाए। इसलिए इसे साफ व स्वच्छ जगह पर ही करना चाहिए।
- लंबे समय तक न करें : एक्सपर्ट के अनुसार इसे लंबे समय तक नहीं करना चाहिए। क्योंकि मुंह से जब कोई व्यक्ति श्वास लेता है तो संभावना रहती है कि वायु के साथ प्रदूषित हवा के कुछ कण भी शरीर में चले जाएं, इसलिए लंबे समय तक इसे नहीं करना चाहिए।
- सर्दियों के समय न करें : शीतली प्राणायाम को सर्दियों के दिनों में कतई नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस प्राणायाम को करने से शरीर का तापमान ठंडा होता है, सर्दियों के दिनों में तापमान प्राकृतिक तौर पर ही ठंडा होता है। ऐसे में उन दिनों में इसे करने से स्वास्थ्य को लेकर परेशानी हो सकती है।
- हमेशा गर्मियों के दिनों में ही करें : शीतली प्राणायाम को हमेशा गर्मियों के दिनों में ही करना चाहिए। क्योंकि गर्मियों में हमारे शरीर का तापमान काफी बढ़ा हुआ होता है, इसे कर हम शरीर के तापमान को नियंत्रण में रख सकते हैं।
इन ऊपर बताई गई बातों को ध्यान रखें और इस प्राणायाम को नियम से करें।
और पढ़ें : पेट की परेशानियों को दूर करता है पवनमुक्तासन, जानिए इसे करने का तरीका और फायदे
एक्सपर्ट की लें राय ताकि फायदा हो, न कि नुकसान
इस आसन को करने के लिए हमेशा एक्सपर्ट की राय लेनी जरूरी होती है ताकि हम शीतली प्राणायाम (Sheetali Pranayama) के फायदों को हासिल कर सकें। गलत जानकारी होने से हमें इसके काफी ज्यादा नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे यदि इसे अस्वच्छ व धूल कण वाले इलाके में किया जाए तो संभावनाएं हैं कि हमारे श्वास के जरिए प्रदूषित हवा चली जाएगी। एक्सपर्ट बताते हैं कि क्योंकि मुंह से श्वास लेने से वह बिना प्यूरीफाई हुए शरीर में चला जाता है, इस कारण शरीर में कई विषाक्त धूल कण भी चले जाते हैं, जो इंसान को बीमार कर सकते हैं। इसे शीतली प्राणायाम की प्रैक्टिस हमेशा स्वच्छ जगहों पर ही करनी चाहिए। वहीं गर्मी से राहत पाने के लिए आप इसका अभ्यास कर सकते हैं। सबसे अहम बात यह है कि इसे ठंडे प्रदेशों में रहने वाले लोगों को कतई नहीं करनी चाहिए। इससे उनकी सेहत बिगड़ सकती है।
अगर आप शीतली प्राणायाम (Sheetali Pranayama) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।