स्ट्रेथनिंग एक्सरसाइज (Strengthening exercises)

जोड़ों को मजबूत बनाने के लिए स्ट्रेथनिंग एक्सरसाइज की जाती है। अगर आप रोजाना स्ट्रेथनिंग एक्सरसाइज करते हैं, तो टेंडन की मसल्स को सपोर्ट मिलता है। रोजाना स्ट्रेथनिंग एक्सरसाइज फाइब्रोमायल्जिया के लक्षणों में राहत प्रदान करती है। आप एक्सरसाइज करते समय विशेष सावधानी रखें। अगर आपने ध्यान न दिया, तो एक्सरसाइज के दौरान चोट भी लग सकती है। स्ट्रेथनिंग एक्सरसाइज में आप निम्न एक्सरसाइज को शामिल कर सकते हैं।
- लिफ्टिंग वेट (lifting weights)
- रसिस्टेंस बैंड (working with resistance bands)
- गार्डनिंग में खुदाई या फावड़े का उपयोग (heavy gardening)
- सीढ़ियां चढ़ना (climbing stairs)
- साइकलिंग (cycling)
- डांस (dance)
- पुश-अप्स (push-ups)
- सिट-अप्स(sit-ups)
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फाइब्रोमायल्जिया के लक्षणों में राहत के लिए लो इम्पेक्ट एक्सरसाइज (Low-Impact Exercises )

लो इम्पेक्ट एरोबिक्स एक्सरसाइज फाइब्रोमायल्जिया के लक्षणों से राहत दिलाने का काम करते हैं। अगर आपने पहले कभी भी एक्सरसाइज नहीं की है, तो आप लो इम्पेक्ट एक्सरसाइज से भी शुरुआत कर सकते हैं। आप योग से शुरुआत करें। योग करने से स्ट्रेस कम होता है और मसल्स टेंशन से राहत मिलती है। फाइब्रोमायल्जिया के कारण परेशानी या चिंता होना आम बात होती है। ऐसे में योग स्ट्रेस को दूर करने के लिए बहुत जरूरी हो जाता है। इससे इंजुरी का रिस्क भी कम हो जाता है।
अच्छे वर्कआउट और स्ट्रेचिंग के लिए ताई ची (Tai chi) की प्रैक्टिस की जा सकती है।स्टडी में ये बात सामने आई है कि जो लोग ताई ची का नियमित अभ्यास करते हैं उनका सेंस ऑफ बैलेंस बढ़ता है। साथ ही ऐसे लोग घर के कामों को भी आसानी से करने में सक्षम होते हैं। फाइब्रोमायल्जिया की बीमारी में ताई ची की प्रैक्टिस आपको अधिक फ्लेक्सिबल और मजबूत बनाती है।
पिलाटे (Pilates) एक्सरसाइज में ब्रीथिंग और स्ट्रेंथनिंग पर फोकस किया जाता है। आपको एक्सरसाइज के दौरान पॉस्चुरल मसल्स पर काम करना होगा। ये मसल्स स्पाइन को सपोर्ट करने में हेल्प करती हैं। आप पेट के बल लेट जाएं। अब आपने हाथों और पैरों के सहारे शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। अब एक घुटने को मोड़कर अंदर की ओर लाएं और फिर वापस उसी पुजिशन में ले जाएं। आप दूसरे पैर के साथ ही ऐसा ही करें। ये मसल्स का वर्कआउट होता है, जो आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ ही दर्द से राहत भी प्रदान करता है। आप पिलाटे एक्सरसाइज के बारे में एक्सपर्ट से राय जरूर लें।
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फाइब्रोमायल्जिया (fibromyalgia) के लिए वर्कआउट रूटीन अपनाने से मिल सकते हैं ये फायदे
फाइब्रोमायल्जिया के जो पेशेंट्स रेग्युलर एक्सरसाइज करते हैं, उनमें कई तरह के फायदे नजर आ सकते हैं। जानिए एक्सरसाइज से होने वाले फायदे के बारे में।