डायबिटीज की बीमारी शरीर के अन्य ऑर्गन पर भी बुरा असर डालती है। अगर आप मधुमेह की दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो भी आपको अधिक सावधानी की जरूरत पड़ती है। लंबे समय तक किसी भी बीमारी में दवाओं का सेवन करने से साइड इफेक्ट होने की संभावना बढ़ जाती है। लंबे समय तक मेटाफॉर्मिन लेने से भी परेशानी हो सकती है। मधुमेह की दवा मेटफॉर्मिन (Diabetes Drug Metformin) एक ऐसी दवा है, जो थायरॉइड की वजह बन सकती है। यानी कि डायबिटीज के रोगी को थायरॉइड (Thyroid in diabetic patient) भी हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मेटफॉर्मिन एक ऐसी दवाई है जो टाइप-2 डाइयबिटीज के दौरान ली जाती है, लेकिन एक नई रिसर्च के मुताबिक इस दवाई की वजह से थायरॉइड को उत्तेजित करने वाले हार्मोन्स में कमी आ जाती है। इसी वजह से हाइपोथायरोडिज्म हो सकता है।
मधुमेह की दवा मेटफॉर्मिन: डायबिटीज के रोगी को थायरॉइड
हाइपोथायरोडिज्म एक ऐसी समस्या है जिसमें थायरॉइड ग्रंथि शरीर के लिए पर्याप्त थायरॉइड हार्मोन नहीं बना पाती। थायरॉइड ग्रंथि हमारे शरीर के मैटाबॉलिज्म और सभी जरूरी कार्यों में अहम भूमिका निभाती है, ऐसे में अगर उसमें समस्या आ जाए तो शरीर का नुकसान पहुंचना शुरू हो जाता है। इसकी वजह से दिल की बीमारी, हड्डियों का बेवजह टूटना और कोमा की स्थिति भी बन जाती है।
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मधुमेह की दवा मेटफॉर्मिन का इस्तेमाल (Use of the diabetes drug metformin)
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए सही डायट और एक्सरसाइज के अलावा कई दवाइयों के सेवन की भी सलाह डॉक्टर देते हैं। इसी स्थिति मे कई बार डॉक्टर मेटफॉर्मिन लेने की भी सलाह देते हैं। टाइप 2 डायबिटीज के जूझ रहे लोग मेटफॉर्मिन का सेवन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए करते हैं। मेटफॉर्मिन ब्लड शुगर कंट्रोल करने के साथ-साथ किडनी की समस्याओं, यौन समस्याओं, अंधापन, नर्व की दिक्कतों में कारगर साबित होती है। साथ ही अगर डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जाएं, तो हार्ट स्ट्रोक के खतरे को भी कम किया जा सकता है। मेटमॉर्फिन शरीर में प्राकृतिक रूप से बनने वाली इंसुलिन की प्रक्रिया को सुधारने में मदद करती है और साथ ही ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करती है। जिन लोगों के डायबिटीज के शिकार होने की आशंका ज्यादा होती है उन्हें भी मेटाफॉर्मिन के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। वहीं ऐसी महिलाएं जिन्हें ओवरी से जुड़ी समस्याएं जैसे कि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम हो, वे भी मेटाफॉर्मिन का इस्तेमाल कर सकती है। इसके अलावा मेटाफॉर्मिन महिलाओं में मेंस्ट्रुअल साइकल को रेगुलर बनाए रखने और फर्टिलिटी को बढ़ाने में भी मदद कर सकती है।
मधुमेह की दवा मेटफॉर्मिन का सेवन हो सकता है खतरनाक
डायबिटीज के मरीजों में खून में शुगर की मात्रा कम करने के लिए मेटफॉर्मिन दी जाती है। ये दवाई लिवर में ग्लूकोज के निर्माण को और खाने से शक्कर सोखने की प्रक्रिया धीमी कर देती है। ये दवाई या तो अकेले या फिर दूसरी अन्य दवाई जैसे इंसुलिन आदि के साथ ली जाती है। हालांकि, पिछली कुछ रिसर्च के मुताबिक ये टीएसएच हॉर्मोन को कम करती है, जिससे हाइपोथायरोडिज्म का खतरा पैदा हो जाता है। इस रिसर्च का नेतृत्व कनाडा के डॉ. लॉरेन्ट एक्जोले ने किया था।
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मधुमेह की दवा मेटफॉर्मिन के साइड इफेक्ट्स (Side Effects of the Diabetes Drug Metformin)
मेटफॉर्मिन के कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। अगर आपको हीव्स, सांस लेने में दिक्कत, चेहरे, होठ, जीभ या गले मे सूजन जैसी किसी भी एलर्जी के लक्षण महसूस हों, ऐसे में आपको तुरंत ही मेडिकल लेनी चाहिए। मेटफॉर्मिन का सेवन करने से लैक्टिक एसिडोसिस (लैक्टिक एसिड का बनना, जो शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है) की समस्या पैदा हो सकती है। यह समस्या शुरुआत में तो इतनी गंभीर नहीं लगती लेकिन धीरे-धीरे गंभीर रूप से ले सकती है। लैक्टिक एसिडोसिस के लक्षण हो सकते हैं:
- मशल्स में दर्द रहना या कमजोरी महसूस करना
- शरीर के अंगों का सुन्न पड़ जाना
- सिर दर्द, सिर चकराना
- पेट दर्द, उल्टी या मिचली की समस्या होना
- असामान्य या धीमी हार्ट रेट
- मेगालोब्लास्टिक एनीमिया
- सांस लेने में दिकक्त की समस्या
- फ्लू के लक्षण जैसे कि बुखार आना, सर्दी लगना, पूरे शरीर में दर्द होना
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मधुमेह की दवा मेटफॉर्मिन (Diabetes drug metformin) पर क्या कहती है रिसर्च
रिसर्च में करीब 74 हजार डायबिटीज के मरीजों के आंकड़े जुटाए गए जिन्होंने मेटफॉर्मिन जैसी दवाईयां ली थीं। इस रिसर्च में देखा गया कि डायबिटीज के वो रोगी जिनका थायरॉइड फंक्शन सही था उनमें मेटफॉर्मिन का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं था। हालांकि, जो पहले से ही अंडर-एक्टिव थायरॉइड का शिकार थे, उनमें थायरॉइड उत्तेजक हार्मोन और कम हो गए। ऐसे 55 प्रतिशत लोग थे जिनमें अंडरएक्टिव थायरॉइड बढ़ने को खतरा पैदा हो गया था।
हालांकि, इस रिसर्च को लेकर कई तरह के मतभेद भी है। कहा जाता है कि इस रिसर्च में एक बड़ा सैंपल जरूर लिया गया लेकिन फिर भी इसकी कुछ सीमाएं हैं। उदाहरण के तौर पर इतने सारे मरीजों ने अलग-अलग जगह से दवाईंयां ली होंगी, जबकि ये नहीं कहा जा सकता कि सभी ने ट्रीटमेंट सही तरह से लिया होगा।
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मधुमेह की बीमारी अगर में दवा का सेवन करने से पहले आपको डॉक्टर से भी जानकारी लेनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति को किडनी से संबंधित समस्या है या फिर लिवर प्रॉब्लम है, तो डॉक्टर को इस बारे में जानकारी जरूर दें। अगर आप डॉक्टर को किडनी संबंधित जानकारी दिए बिना ही लंबे समय तक मधुमेह की दवा का सेवन करते रहेंगे, तो लैक्टिक एसिडोसिस ( Lactic acidosis) का खतरा बढ़ सकता है। आपको इस संबंध में डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए।
उन लोगों के लिए जो इमेजिंग प्रक्रिया की योजना बना रहे हैं। अगर आप इमेजिंग प्रक्रिया (Imaging procedure:) के लिए डाई या कंट्रास्ट का इंजेक्शन लगाने की योजना बनाते हैं तो आपको इस दवा को थोड़े समय के लिए लेना बंद करना होगा। आप इस संबंध में डॉक्टर को जरूर बताएं। अगर आपकी कोई सर्जरी होने वाली है या फिर कोई इंफेक्शन है, तो भी आपको इस बारे में डॉक्टर को जानकारी देनी चाहिए। ऐसे में मधुमेह की दवा मेटफॉर्मिन की डोज में बदलाव किया जा सकता है।
मधुमेह की दवा मेटफॉर्मिन (diabetes drug metformin) पर निष्कर्ष
इसका निष्कर्ष यह है किस व्यक्ति को कितना मेटफॉर्मिन लेना है ये उसके ब्लड शुगर स्तर पर आधारित होता है। डॉक्टर पूरे चेकअप के बाद ही मेटफॉर्मिन का डोज लिखता है। ऐसे में इस दवाई को लेने से पहले डॉक्टर से इसके खतरे और फायदे के बारे में जरूर जान लें।
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