क्या आपके गले में खराश है? गले में खराश अक्सर आपको चैन से बैठने नहीं देती है। यह खाने पीने से लेकर सांस लेने तक में समस्या पैदा करती है। किसी भी व्यक्ति के गले में खराश हो सकती है। गले की तमाम समस्याओं में गले में खराश एक आम समस्या है। समय रहते गले में खराश का इलाज किया जाना जरूरी है। इसके पीछे कई इंफेक्शन और बैक्टीरिया हो सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में गले में खराश की विस्तृत जानकारी देंगे।
गले में खराश क्या है?
गले में खराश एक ऐसी स्थिति है, जो गले में दर्द, या जलन पैदा करती है। खाने पीने की चीजों को निगलते वक्त गले में खराश और भी बदतर हो जाती है। गले में खराश का सबसे सामान्य कारण एक वायरल इंफेक्शन फैरिंजाइटिस (pharyngitis)) जैसे जुकाम या फ्लू होता है। हालांकि, वायरस के कारण होने वाली गले में खराश अपने आप ही ठीक हो जाती है। स्ट्रेप थ्रोट (स्ट्रेप्टोकोकल इंफेक्शन) (streptococcal infection), एक कम सामान्य गले की खराश है, जो बैक्टीरिया की वजह से होती है। इस स्थिति में गले में खराश की जटिलताओं को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स दवाइयों के इलाज की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, गले में खराश के अन्य दुर्लभ मामलों में अधिक कठिन इलाज की जरूरत पड़ती है।
गले में खराश के प्रकार
- गले में खराश जिस हिस्से को प्रभावित करती है, उसके आधार पर ही गले में खराश के प्रकार को विभाजित किया जाता है। गले में खराश के प्रकार निम्नलिखित हैं:
- (फैरिंजाइटिस (pharyngitis)), गले में खराश का यह प्रकार मुंह के पीछे के हिस्से को प्रभावित करता है।
- टॉन्सिलिटिस (Tonsillitis) टॉन्सिल्स की सूजन और रेडनेस है। अक्सर यह मुंह के पीछे के कोमल ऊत्तकों में होती है।
- लैरिंजाइटिस (Laryngitis) वॉइस बॉक्स (कंठ) या (Larynx) की रेडनेस है।
गले में खराश के लक्षण
- गले में खराश के लक्षण अपने कारणों पर निर्भर करते हैं। गले में खराश होने पर निम्नलिखित परेशानियों महसूस की जाती हैं:
- खरोंच
- जलन
- सूखापन
- कसावट
- खुजली
उपरोक्त समस्याएं किसी चीज को निगलने या बात करने पर सबसे अधिक समस्या पैदा करती हैं। इस स्थिति में आपका गला या टॉन्सिल्स लाल दिख सकते हैं।
कई बार सफैद पैचेस या टॉन्सिल्स पर पस पड़ जाता है। स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) में वायरस से होने वाली गले में खराश के मुकाबले सफेद चकते ज्यादा पड़ते हैं।
गले में खराश के साथ निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव भी हो सकता है:
- बंद नाक या नेजल कंजेशन
- नाक बहना
- छींक आना
- खांसी
- बुखार
- सर्दी लगना
- गले की ग्रंथि में सूजन
- होएर्स आवाज होना
- बदन दर्द
- सिरदर्द
- निगलने में परेशानी
- भूख न लगना
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गले में खराश के लक्षण
- जुकाम, फ्लू और अन्य वायरल इंफेक्शन
- गले में खराश के 90% मामले वायरस के कारण होते हैं। यह वायरस निम्नलिखित हो सकते हैं:
- सामान्य जुकाम
- इनफ्लूएंजा- फ्लू
- मोनोनुक्लेओसिस (mononucleosis)
- एक ऐसा इंफेक्शन है, लार या सलाइवा के जरिए फैलता है।
- खसरा- एक ऐसी बीमारी है, जो रैश और बुखार का कारण बनती है।
- चिकनपॉक्स– एक ऐसा इंफेक्शन है, जो बुखार और खुजली, फफोलों कारण बनता है। यह एक ऐसा इंफेक्शन है, जो साल्वेरी ग्लेंड्स में सूजन का कारण बनता है।
स्ट्रेप थ्रोट और अन्य बैक्टीरियल इंफेक्शन
बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से गले में खराश हो सकती है। इसमें सबसे ज्यादा सामान्य स्ट्रेप थ्रोट है। यह गले और टॉन्सिल्स का एक ऐसा इंफेक्शन है, जो ग्रुप A स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया की वजह से होता है।
बच्चों के गले में खराश के तकरीबन 40% मामलों में स्ट्रेप थ्रोट जिम्मेदार होता है। टॉन्सिलाइटिस और यौन संचारित संक्रमण जैसे गनोरिया और क्लेमेडिया गले में खराश का कारण बन सकते हैं।
स्ट्रेप थ्रोट वाले व्यक्ति यदि किसी व्यक्ति को छूते हैं तो वहां पर इंफेक्शन फैल जाता है। इससे स्वस्थ व्यक्ति के उस वस्तु को छूने पर इंफेक्शन उसे फैल सकता है। हालांकि, ज्यादातर स्ट्रेप थ्रोट के मामले गंभीर नहीं होते हैं। आमतौर पर तीन से सात दिन की अवधि के बीच स्ट्रेप थ्रोट के लक्षण ठीक हो जाते हैं।
बच्चों और किशोरों के गले में खराश होना सबसे सामान्य बात है। चूंकि, युवा होने की वजह से उनकी बॉडी इससे पहले किसी भी वायरस और बैक्टीरिया के संपर्क में नहीं आई हुई होती है। इनमें से ज्यादातर बच्चे उम्र बढ़ने के साथ-साथ अपनी इम्युनिटी में इन बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की ताकत पैदा नहीं कर पाते हैं। इसके चलते उनके गले में खराश होती है।
- स्ट्रेप थ्रोट के लक्षण
- गले में दर्द
- निगलने में परेशानी
- भूख न लगना
- टॉन्सिल्स में दर्द और सूजन, कई बार सफेद चकते या पस पड़ जाना
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गले में खराश का कारण एलर्जी
एलर्जी पैदा करने वाले कारक जैसे पोलेन, घास और जानवरों की रूसी के संपर्क में आने पर इम्यून सिस्टम प्रतिक्रिया देता है। इससे कुछ कैमिकल्स रिलीज होते हैं, जो नेजल कंजेशन, वॉटरी आइज (आंख से पानी बहना), छींक और गले में जलन पैदा करते हैं।
सूखी हवा
- हवा मुंह और गले से नमी को छीन सकती है। इससे गला सूख जाता है और उसमें खरोंच जैसा महसूस होता है। ज्यादातर सर्दियों के मामले में हवा में रूखापन होता है, जब हीटर चलाए जाते हैं।
- धुंआ, केमिकल और जलन पैदा करने वाले अन्य पदार्थ
- पर्यावरण में मौजूद अनेकों कैमिल्स और पदार्थ गले में खराश पैदा करते हैं। निम्नलिखित पदार्थ गले में खराश का कारण बन सकते हैं:
- सिगरेट और अन्य प्रकार के तंबाकू का धुंआ
- वायु प्रदूषण
- सफाई में इस्तेमाल होने वाले यंत्र और अन्य कैमिकल्स
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चोट या इंज्युरी
गले में किसी भी प्रकार की चोट या कटना गले में खराश और दर्द पैदा कर सकता है। हालांकि, गले में भोजन का निवाला अटकने से भी गले में खराश पैदा हो सकती है।
बार-बार वोकल कॉर्ड और गले की मांसपेशियों पर दबाव पड़ने से खराश हो सकती है। तेज चिल्लाने या लंबे वक्त तक गाना गाने से आपके गले में खराश हो सकती है। हालांकि, फिटनेस इंस्ट्रक्टर और अध्यपकों के गले में खराश होना एक आम समस्या है, क्योंकि अक्सर उन्हें चिल्लाना पड़ता है।
गले में खराश की रोकथाम या गले में खराश के उपाय
- हाथों को नियमित रूप से साफ रखें: टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद हाथों को साबुन से साफ करें। खाना खाने से पहले और छींकने के बाद हाथों को साबुन से साफ करें।
- जूठा खाना, जूठे ग्लास या यूटेन्सिल्स का इस्तेमाल करने से बचें।
- खांसी या छींक आने पर टिस्सू का इस्तेमाल करें और इसके बाद उसे फेंक दें। जरूरत पड़ने पर अपनी कोहनी को एक घेराव बनाकर उसमें छींके।
- एल्कोहॉल वाले सेनिटाइजर को साबुन और पानी न उपलब्ध होने पर हाथ धोने के लिए एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल करें।
- सार्वजनिक चीजों से बचें। बाजार में सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही आसपास की चीजों को हाथ लगाएं।
- टीवी का रिमोट, फोन और कंप्यूटर के कीबोर्ड को क्लीनर से नियमित रूप से साफ करें। यात्रा के दौरान होटल में इस्तेमाल होने वाले फोन और रिमोट को भी इस्तेमाल करने से पहले साफ कर लें।
- बीमार लोगों के संपर्क में आने से अपने आपको बचाएं।
अंत में हम यही कहेंगे कि गले की खराश को समय रहते ठीक किया जा सकता है। यदि आपको गले की खराश ज्यादा परेशान कर रही है और इसके लक्षण जा नहीं रहे हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।