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क्यों कुछ लोगों की हाइट छोटी होती है?

क्यों कुछ लोगों की हाइट छोटी होती है?

गिनिस वर्ल्ड रिकार्ड्स में दुनिया की सबसे छोटी महिला के खिताब से नवाजी गई ज्योति को कौन नहीं जनता है। ज्योति पूरे विश्व में सबसे छोटी महिला हैं। लेकिन, क्या आपने कभी ये सोचा है कि कुछ लोगों की लंबाई (हाइट) इतनी कम क्यों होती है ? जिन लोगों की लंबाई जरूरत से ज्यादा कम होती है, उन्हें बौना (Dwarf) या नाटा कहा जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको बौनेपन के बारे में ही बताएंगे

क्या है बौनापन?

मनुष्य की अत्यधिक या सामान्य से कम लंबाई होना, पैर छोटे होना और हाथों की लंबाई ज्यादा होना या हाथ छोटे और पैर की लंबाई ज्यादा होना और शारीरिक रचना सामान्य लोगों से अलग होने की स्थिति को बौना या नाटा कहा जाता है।

इसके दो प्रकार होते हैं:

डिस्प्रपोर्शन ड्वॉर्फिजम (Disproportionate dwarfism) – यदि शरीर का आकार सामान्य नहीं होगा, तो शरीर के कुछ हिस्से छोटे रह जाते हैं। डिसऑर्डर के कारण हड्डियों का विकास नहीं हो पाता है, जिसका असर शारीरिक रचना पर पड़ता है।

प्रोपोशनेट ड्वॉर्फिजम (Proportionate dwarfism)- जन्म से हाइट कम होना या बचपन से ही लंबाई नहीं बढ़ना प्रोपोशनेट ड्वॉर्फिजम कहलाता है।

बौनेपन का कारण क्या है?

ज्यादातर लंबाई कम होने की पीछे जेनेटिक डिसऑर्डर माना जाता है। लेकिन, कुछ लोगों में इसके कारणों का पता नही चल पाता है। बौनेपन की अधिकांश घटनाएं माता-पिता से जुड़ी हुई होती है

  • (Achondroplasia)- जेनेटिक परेशानियों की वजह से एकॉन्ड्रोप्लाजिया होता है।
  • टर्नर सिंड्रोम टर्नर सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जो सिर्फ लड़कियों और महिलाओं को प्रभावित करती है। जब एक क्रोमोसोम (एक्स गुणसूत्र) गायब या आंशिक रूप से गायब होता है। एक महिला को प्रत्येक माता-पिता से एक एक्स क्रोमोसोम विरासत में मिलता है। टर्नर सिंड्रोम वाली महिला में एक ही सेक्स क्रोमोसोम काम करता है।
  • ग्रोथ हॉर्मोन में कमी- ग्रोथ हॉर्मोन में कमी की वजह से किसी भी व्यक्ति की लंबाई नहीं बढ़ सकती है।
  • अन्य कारण- बौनेपन के अन्य कारणों में आनुवंशिक विकार (जेनेटिकल), हार्मोन की कमी या पौष्टिक आहार की कमी हो सकती है। वैसे कभी-कभी इसके कारणों को समझना मुश्किल भी हो सकता है।

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बौनेपन का परीक्षण

बाल रोग विशेषज्ञ आपके बच्चे की बौनेपन की जांच करने के लिए कई पहलूओं पर काम कर सकते हैं। कई जांचों के बाद ही डॉक्टर इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं कि बच्चे में बौनेपन से संबंधित कोई विकार है कि नहीं। इसके लिए डॉक्टर निम्नलिखित जांच कर सकते हैं।

बौनेपन के लिए लंबाई की जांच

बच्चों के शुरुआती सालों में समय-समय पर बच्चे के वजन, लंबाई और सिर के आकार को नापा जाता है। इन सब कि जांच करने से डॉक्टर से पता लगा सकता है कि बच्चे के विकास में कोई आसामन्य वृद्धि तो नहीं हो रही है।

इमेजिंग टेक्नोलॉजी से बौनेपन की जांच

बच्चों में बौनेपन की जांच करने के लिए डॉक्टर एक्स रे कराने की सलाह दे सकता है। इसके आलावा खोपड़ी और कंकाल की कुछ ससामान्ताओं को देखकर भी बच्चों में किसी विकार का पता लगाया जा सकता है। हाइपोथैलेमस में कुछ असामान्यता की जांच के लिए डॉक्टर एमआरआई करने की सलाह दे सकता है।

अनुवांशिक परीक्षण

बच्चों में बौनेपन का पता लगाने के लिए अनुवांशिक परीक्षण भी किया जा सकता है। अंनुवाशिक परीक्षण से भी कई विकारों का पता लगाया जा सकता है। लेकिन साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि ऐसा हर बार जरूरी भी नहीं कि यदि किसी में बौनेपन की समस्या है, तो उसके बच्चों में भी यह देखने को मिलेगी ही।

परिवार की मेडिकल हिस्ट्री

बौनेपन के लक्षणों को पहचानने के लिए डॉक्टर परिवार की मेडिकल हिस्ट्री की भी जानकारी पता कर सकता है। परिवार की मेडिकल हिस्ट्री से बच्चों में बौनेपन की आशंका का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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बौनेपन के लिए बच्चों का हॉर्मोन परीक्षण

डॉक्टर बच्चों में बौनेपन के लक्षण देखने के लिए हॉर्मोन के परीक्षण करने को बोल सकते हैं। ग्रोथ हॉर्मोन या अन्य हॉर्मोन बच्चों के विकास के लिए जरूरी होते हैं। इन परीक्षण के बाद बच्चों में हॉर्मोन से जुड़ी समस्या का पता लगाया जा सकता है।

बौनेपन की वजह से क्या-क्या परेशानी हो सकती है ?

  • शरीर का विकास सही वक्त पर न होना।
  • बैठने या चलने में परेशानी होना।
  • बार-बार कानों में इंफेक्शन होना और सुनने में दिक्कत होना।
  • पैरों का सीधा न होना।
  • सोने के दौरान सांस लेने में समस्या होना।
  • स्पाइनल कॉर्ड पर अत्यधिक दबाव पड़ना।
  • मस्तिष्क के चारों ओर अतिरिक्त द्रव (हाइड्रोसिफलस) होना।
  • सामान्य से अलग दांत होना।
  • पीठ में दर्द या सांस लेने में तकलीफ होने के साथ-साथ पीठ में दर्द होना।
  • निचली रीढ़ (स्पाइनल स्टेनोसिस) में परेशानी महसूस होना।
  • अर्थराइटिस
  • अत्यधिक वजन बढ़ना। जिससे जोड़ो की समस्या हो सकती है।
  • टर्नर सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को दिल की बीमारी भी हो सकती है।

बौनेपन का इलाज क्या है ?

शुरुआती निदान और उपचार बौनापन से जुड़ी कुछ समस्याओं को रोकने या कम करने में मदद कर सकते हैं। ग्रोथ हॉर्मोन की कमी से संबंधित बौनेपन वाले लोगों का विकास हॉर्मोन के साथ इलाज किया जा सकता है। कई मामलों में बौनापन आर्थोपेडिक या मेडिकल प्रॉब्लम की वजह से भी होती हैं। अगर एक साल तक बच्चे में विकास ठीक से न हो, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जरूर मिलें। डॉक्टर भी 2 से 3 साल तक बच्चे पर कड़ी निगरानी रख इलाज करते हैं। बच्चों को नियमितरूप से आउटडोर एक्टिविटी में जरूर शामिल होने दें।

सर्जरी

बौनेपन के इलाज के लिए कई सर्जरी करने की जरूरत हो सकती है।

  • बौनेपन से निजात के लिए हड्डियों के गलत विकास की समस्या को ठीक करना
  • सर्जरी की मदद से रीढ़ की हड्डी के गलत विकास को भी सही और स्थिर करना
  • बौनेपन से छुटकारा दिलाने के लिए सर्जरी करके रीढ़ की हड्डी के बीच की जगहों को चौड़ा किया जाता है।

बॉडी पार्ट्स को लंबा करन के लिए भी सर्जरी

बौनेपन से जूझ रहे लोगों के लिए बॉडी पार्ट्स को लंबा करने के लिए सर्जरी भी एक विकल्प हो सकता है। वहीं यह भी जान लें कि इस प्रक्रिया में कई जोखिस जुड़े होते हैं। साथ ही इस बात की भी सलाह दी जाती है कि इंसान को इस तरह की सर्जरी तभी करानी चाहिए जब वे इन सर्जरी के दर्द को सहने लायक हो और साथ ही इनके परिणामों को भी समझ सकता हो।

बौनेपन के लिए डॉक्टर

मरीजों को निम्नलिखित विशेषज्ञों का दौरा करना चाहिए, यदि उन्हें बौनापन के लक्षण हैं:
  • बच्चों का चिकित्सक
  • एंडोक्राइनोलॉजिस्ट
  • ओर्थपेडीस्ट
  • ईएनटी विशेषज्ञ
  • मेडिकल आनुवंशिकीविद
  • हृदय रोग विशेषज्ञ
  • नेत्र-विशेषज्ञ
  • मनोचिकित्सक
  • न्यूरोलॉजिस्ट
  • ओथडोटिस
  • विकास चिकित्सक
  • व्यावसायिक चिकित्सक

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Dwarfism – https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/dwarfism/symptoms-causes/syc-20371969 – 06/12/2019

Dwarfism- https://www.webmd.com/children/dwarfism-causes-treatments#3 – Accessed on 06/12/2019

Dwarfism – https://kidshealth.org/en/parents/dwarfism.html – Accessed on 06/12/2019

Dwarfism – https://medlineplus.gov/dwarfism.html – Accessed on 06/12/2019

Restricted growth (dwarfism) – https://www.nhs.uk/conditions/restricted-growth/ – Accessed on 06/12/2019

 

Genetic, Chromosomal & Metabolic Conditions Accessed on 06/12/2019

Dwarfism Accessed on 06/12/2019

Current Version

25/03/2021

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Nikhil deore


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Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/03/2021

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