कान की मैल या कान से आने वाली बदबू पर अगर आपने कभी गौर नहीं किया है, तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। कई बार कान की साफ सफाई की अभाव में या हाइजीन का ध्यान नहीं रखने के कारण ऐसी समस्या शुरू हो सकती है। आज इस आर्टिकल में कान के पीछे की स्मेल (Smell behind ears) और कान की मैल को क्यों नहीं इग्नोर करना चाहिए और इयर हाइजीन (Ear Hygiene) का ख्याल कैसे रखना चाहिए, यह समझेंगे। दरअसल कान (Ear) बॉडी का सबसे नाजुक पर जटिल अंगों में शामिल है। कानों की भी देखभाल उतनी ही जरूरी है, जितनी शरीर के अन्य अंगों की देखभाल। लेकिन अगर कानों की देखभाल ठीक से ना की जाए, तो कान में मैल या कान के पीछे की स्मेल (Smell behind ears) आ सकती है, जो इंफेक्शन (Infection) के अलावा अन्य परेशानियों की जनक हो सकती है। तो चलि कान की मैल से जुड़ी परेशानी को समझते हैं और कैसे इनसे बचना है, यह जानते हैं।
- कान के पीछे की स्मेल क्यों आती है?
- कान के पीछे की स्मेल आने के कारण क्या हैं?
- कान के पीछे की स्मेल आने के लक्षण क्या हैं?
- क्या है कान के पीछे की स्मेल को दूर करने का घरेलू उपाय?
- कैसे करें कान की सफाई?
और पढ़ें : Middle Ear Infection : कान का संक्रमण क्या है?
कान के पीछे की स्मेल (Smell behind ears) क्यों आती है?
कान के पीछे की स्मेल की कहानी कुछ ऐसी है कि कान के पर्दे के पीछे खाली जगह होती है, जो कान के मध्य भाग को यूस्टेशियन ट्यूब्स (Eustachian tubes) से जोड़ने का काम करती है। इस हिस्से एक तरह का तरल पदार्थ होता है, जो बैक्टीरिया फ्री होता है। लेकिन जब किसी व्यक्ति को गले में इंफेक्शन या नाक में इंफेक्शन की समस्या शुरू होती है, तो ये इंफेक्शन यूस्टेशियन ट्यूब (Eustachian tube) की मदद से मिडिल इयर में पहुंच जाते हैं। यही लिक्विड कान को संक्रमित कर देते हैं, जिससे कान के पीछे से स्मेल स्मेल आने लगती है या कान में मैल इकट्ठा होने लगते हैं। इसलिए कान के पीछे की स्मेल को समझने के लिए इसके कारणों को समझना जरूरी है।
और पढ़ें : Anosmia: एनोस्मिया (सूंघने की शक्ति कम होना) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज
कान के पीछे की स्मेल आने के कारण क्या हैं? (What causes Smell behind ears?)
कान के पीछे की स्मेल का मुख्य कारण इंफेक्शन माना जाता है। लेकिन इसके और भी कारण हो सकते हैं। जैसे:
कान में मैल जमना (Earwax)- कान में मैल जमने का सबसे अहम कारण धूल और गंदगी होती है। दरअसल कान में मौजूद वैक्स डेढ़ सेल्स, ऑयल (Oil), पसीना और धूल की वजह से बैक्टीरिया (Bacteria) को जन्म लेने का मौका दे देते हैं। अगर कान में मैल को समय-समय पर साफ ना किया जाए, तो कान के पीछे की स्मेल आने के कारण बन जाते हैं।
कान का इंफेक्शन (Ear infection)- कान में इंफेक्शन होने के कारण कान से स्मेल आने का कारण बन जाती है। इयर इंफेक्शन कान के बाहरी या कान के अंदुरुनी हिस्से में हो सकती है। ऐसी स्थिति होने पर मिडल इयर (Middle Ear) में सूजन की तकलीफ शुरू हो जाती है।
कोलेस्टेटोमा (Colestema)- कोलेस्टेटोमा कान से जुड़ी परेशानी है। कोलेस्टेटोमा होने पर कान के पर्दे के पीछे की स्किन पर लम्प (Lump) बनने लगते हैं। लम्प यानी गांठ के बढ़ने के साथ-साथ कान में दर्द और कान के पीछे से स्मेल आने की समस्या शुरू हो सकती है।
कान का कैंसर (Cancer) या ट्यूमर (Tumor)- ट्यूमर शरीर के किसी भी हिस्से में आसानी से अपने लिए जगह बनाने में कामयाब हो सकते हैं। ये गांठ कैंसरस भी हो सकते हैं। ऐसी परेशानी कान से बदबू आने की समस्या की शुरुआत कर सकता है।
स्वीमर्स इयर (Swimming ear)- पानी में तैरने के दौरान कान में पानी चले जाने की वजह भी बैक्टीरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर पानी ज्यादा दिनों तक रह जाए, तो कान से बदबू आ सकती है।
साइनस इंफेक्शन (Sinus infection)- साइनस इंफेक्शन होने की वजह से माथे में सूजन और कान से स्मेल आने का कारण बन सकती है। इसलिए अगर आप साइनस (Sinus) के पेशेंट है, तो कान की साफ सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
कान में चोट लगना- चोट किसी भी कारण और किसी को भी लग सकती है। अगर कान में चोट लगी है, तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि ये कान में दर्द (Ear pain) के साथ-साथ कान के पीछे की स्मेल (Smell behind ears) का भी कारण बन सकते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि चोट लगने की वजह से कान में घाव, सूजन या खरोज का खतरा बना रहता है।
इन कारणों के अलावा हेल्थ एक्सपर्ट्स स्मोकिंग जैसी आदतों को भी कान की परेशानियों से जोड़कर देखते हैं।
और पढ़ें : Cauliflower Ear: कॉलीफ्लॉवर इयर क्या है?
कान के पीछे की स्मेल आने के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Smell behind ears)
कान के पीछे से बदबू आने पर निम्नलिखित लक्षण महसूस या देखे जा सकते हैं। जैसे:
- कान बहना
- कान से हरा, पीला या गाढ़ा डिस्चार्ज होना
- कान में मवाद आना
- कान में दर्द (Ear pain) होना
- कान से ब्लीडिंग होना
- कान का बाहरी हिस्से में सूजन आना
- कान में टिनिटस की समस्या होना
- सुनने में तकलीफ होना
- गले में सूजन आना
- थ्रोट इंफेक्शन (Throat Infection) होना
- सर्दी-जुकाम होना
- सिरदर्द (Headache) महसूस होना
- कान में खुजली (Itching) होना
इन लक्षणों के अलावा कान से जुड़े अन्य लक्षण महसूस हो सकते हैं। लेकिन किसी भी लक्षण को अनदेखा ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें।
और पढ़ें : Anosmia: एनोस्मिया (सूंघने की शक्ति कम होना) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज
क्या है कान के पीछे की स्मेल को दूर करने का घरेलू उपाय? (Tips to avoid Smell behind ears)
कान की मैल या कान के पीछे की स्मेल को दूर करने केलिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। जैसे:
- समय-समय पर कान की सफाई करते रहें।
- पानी में तैरने के दौरान ध्यान रखें और तैरने के बाद कान अच्छी तरह से साफ करें।
- गंदे पानी में तैरने (Swimming) से बचें।
- बच्चों के कान में पानी जाने ना दें।
- बच्चों के कान की सफाई के दौरान सावधानी बरतें।
- किसी भी नुकीली वस्तु से इयर वैक्स (Ear Wax) या मैल ना निकालें।
- कान में कोई भी स्प्रे (Spray) ना डालें। जैसे डियोड्रेंट या परफ्यूम।
इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर कान से जुड़ी परेशानियों से बचा जा सकता है।
और पढ़ें : Soliwax Ear Drop: सॉलिवैक्स इयर ड्रॉप क्या है? जानिए इसका उपयोग और साइड इफेक्ट्स
कैसे करें कान की सफाई? (How to clean Ear?)
- कान की सफाई के लिए ईएनटी (ENT) डॉक्टर के पास जाएं
- कान के बाहरी हिस्सों को गीले कपड़ों से साफ करें।
- अगर कॉटन (Cotton) की मदद से कान क्लीन कर रहें हैं, तो बेहतर होगा इसका इस्तेमाल सिर्फ बाहरी एरिया की सफाई में करें।
- कई लोग कानों में तेल (Oil) डालते हैं, जबकि ऐसा बिना डॉक्टर के सलाह के नहीं करना चाहिए।
इन 4 पॉइंट्स को ध्यान में रखकर कान को क्लीन रखा जा सकता है।
और पढ़ें : ईयर टिकल थेरिपी क्या है? जानें कैसे बढ़ती उम्र की टेंशन दूर करने में करती है मदद
डॉक्टर से कब कंसल्टेशन है जरूरी?
अगर आपको निम्नलिखित परेशानी महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। जैसे:
- कान क्लीन रखने के बावजूद अत्यधिक मैल जमना।
- कान से या कान को टच करने पर हाथों में बैड स्मेल आ जाना।
- कान भारी महसूस होना।
- कान में दर्द महसूस होना।
- कान से डिस्चार्ज आना।
- सुनने में तकलीफ होना।
ऐसी कोई भी परेशानी होने पर लापरवाही ना करें और अपनी परेशानी डॉक्टर के साथ शेयर करें।
और पढ़ें : डॉक्टर आंख, मुंह, से लेकर पेट, नाक, कान तक का क्यों करते हैं फिजिकल चेकअप
कान से जुड़े फैक्ट्स क्या हैं? (Interesting facts about Ear)
यहां जानिए कान से जुड़े 5 फैक्ट्स-
- शरीर की सबसे छोटी हड्डी कान के बीच के हिस्से में मौजूद होती है।
- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार कान में स्टेरोसिलिया (Stereocilia) की संख्या प्रति सेल्स 50 से 100 होती हैं। स्टेरोसिलिया कान में मौजूद बालों की कोशिकाओं को ऑर्गेनाइज करने में अहम भूमिका निभाती है।
- सोने के दौरान भी आप हियरिंग पावर बरकरार रहती है, लेकिन मस्तिष्क (Brain) सोने के दौरान आने वाली आवाज को अनसुना कर देता है।
- कान को साफ करने की जरूरत नहीं पड़ती है। दरअसल यह अपने आप साफ हो जाता है, लेकिन अगर वैक्स ज्यादा बनता है, तो किसी एक्सपर्ट से ही साफ करवाना जरूरी है।
- कान सिर्फ आपको सुनने में ही मदद नहीं करते हैं, बल्कि वे आपको अपना संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
तो ये रहीं कान से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण फैक्ट्स और फैट्स में भी ये साफ बताया गया है कि कान की सफाई खुद से नहीं करनी चाहिए। अगर आप कान के पीछे की स्मेल (Smell behind ears) या कान की मैल से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
[embed-health-tool-bmi]