लाइट सिगरेट के नुकसान तो हैं ही बल्कि सभी प्रकार की सिगरेट नुकसानदेह हैं। मौजूदा समय में कोई भी सिगरेट नहीं है, जिसका सेवन कर व्यक्ति को शारीरिक तौर पर नुकसान न हो। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (National Cancer Institute) की रिपोर्ट के अनुसार लाइट सिगरेट का सेवन करने से किसी प्रकार का फायदा नहीं है। सिगरेट के नुकसान से बचने के लिए जो लोग रेगुलर सिगरेट को छोड़कर लाइट सिगरेट की ओर रूख करते हैं, उन्हें उतने ही जोखिम का खतरा रहता है जितना कि रेगुलर सिगरेमोड़ाल ट पीने से उन्हे खतरा है। इसके अलावा भी लाइट सिगरेट के कई नुकसान हैं। जानते हैं इनके बारे में।
लाइट सिगरेट के नुकसान (Dangers of light cigarettes)
अरे मैं हार्ड नहीं, लाइट सिगरेट पीता हूं। इसमें नुकसान नहीं होता कुछ। यदि आप भी इसी भ्रम में जी रहे हैं तो जाग जाइए। लाइट सिगरेट को तंबाकू कंपनियां रेगुलर सिगरेट की तुलना में ‘स्वस्थ’ विकल्प बताती रही हैं। पर शोधकर्ताओं का कहना है कि यह लाइट सिगरेट भी नुकसानदेह हो सकती है और इससे फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है। जानिए लाइट सिगरेट पीने के नुकसान
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बढ़ सकता है एडेनोकार्सिनोमा का खतरा (Adenocarcinoma risk may increase)
लाइट सिगरेट के बारे में कहा जाता है कि इसमें टार का लेवल बहुत कम होता है, इसलिए यह नुकसान नहीं पहुंचा सकती। वहीं अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कहा है कि माइल्ड हो या लाइट सिगरेट यह दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। उनका कहना है कि इन सिगरेट से एडेनोकार्सिनोमा का रिस्क बढ़ सकता है। एडेनोकार्सिनोमा फेफड़ों के कैंसर का सबसे सामान्य प्रकार है। इसलिए गलतफहमी में ना रहें बल्कि नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट ने यह संकेत भी दिया है कि धूम्रपान करने वाला व्यक्ति यदि लंबी, गहरी पफ लेता है या ज्यादा सिगरेट पीता है, तो लाइट सिगरेट से होने वाला टार एक्सपोजर रेगुलर सिगरेट की तरह हो सकता है।
यह बात हुई टार की, अब कई लोगों को लगेगा कि कंपनियों ने इसके फिल्टर में भी काम किया ताकि लाइट सिगरेट पीने वाले के स्वास्थ्य पर नुकसान न पहुंचे। तो बता दें कि कंपनियों ने कम टार वाली सिगरेट मार्केट में उतारी हैं। इसके लिए उन्होंने सेल्यूलोज एसीटेट फिल्टर जैसे फीचर्स वाली सिगरेट्स पेश की। यह फिल्टर टार को ट्रैप कर सकता है। इसके अलावा पोरस सिगरेट पेपर का उपयोग किया गया। जो जहरीले रसायनों को आसानी से बाहर निकाल देता है। सिगरेट के फिल्टर में वेंटिलेशन होल होते हैं, जो धुंए को हवा के साथ मिलाकर हल्का कर देते हैं। कंपनियों की इन बातों पर ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी कॉम्प्रेहेंसिव कैंसर सेंटर एंड लंग मेडिकल ऑनकोलॉजी के उप निदेशक पीटर शील्ड्स ने कहा कि जहां तक फिल्टर में होल्स का मामला है, तो यह स्मोकर्स और पब्लिक हेल्थ कम्युनिटी को बेवकूफ बनाना है कि वे सुरक्षित होते हैं।
कैंसर (Cancer)
मुंह से लेकर लंग तक का कैंसर करने में लाइट स्मोकिंग कारगर हो सकती है।