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लाइट सिगरेट के नुकसान से वाकिफ हैं आप?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/02/2022

    लाइट सिगरेट के नुकसान से वाकिफ हैं आप?

    आजकल मार्केट में कई प्रकार की सिगरेट उपलब्ध हैं। जिसमें अल्ट्रा लाइट (Ultra Mild), माइल्ड (Mild), लाइट (Light) शामिल है। आपको बता दें कि साल 1960-1970 के दौर में कई तंबाकू कंपनियां जो सिगरेट का उत्पादन करती थीं, हार्ड सिगरेट (Hard Cigarette) की तुलना में फुल फ्लेवर (Full Flavor) व अन्य प्रकार की सिगरेट का उत्पादन करने लगी थीं। जिसमें वे दावा करती थीं कि इसमें कम टार-निकोटीन (Tar and nicotine) होता है। सामान्य सिगरेट की तुलना में लाइट सिगरेट (Light cigarette) का सेवन करने से थ्रोट और चेस्ट (Throat or Chest) में कम जलन होती है। इससे लोगों को लगता था कि सामान्य सिगरेट की तुलना में लाइट सिगरेट कम नुकसानदायक है पर वास्तव में ऐसा नहीं है। इस कारण लाइट सिगरेट का सेवन करना बेहतर विकल्प बन गया, वहीं इसे छोड़ना लोगों के लिए मुश्किल हो गया, लेकिन लाइट सिगरेट भी नॉर्मल सिगरेट की तरह ही नुकसानदायक है। इस बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है इस लेख में।

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    सिगरेट को कौन सी चीज बनाती हैं लाइट? (What makes cigarettes light?)

    सिगरेट उत्पादन करने वाली कंपनियों ने कम टार युक्त सिगरेट को कई प्रकार से परिभाषित किया है।

    • फुल फ्लेवर और रेगुलर : इसमें 15 एमजी या इससे भी अधिक टार होता है।
    • लाइट और लो टार : इसमें 8 से 14 एमजी टार होता है
    • अल्ट्रा लाइट और अल्ट्रा लो टार : इसमें 7 एमजी या फिर इससे भी कम टार होता है

    टार के लेवल की जांच मशीन से की जाती है। इसके तहत कोई इंसान नहीं बल्कि मशीन सिगरेट को स्मोक कर उसे इन तीन भागों में वर्गीकृत करती है। उसी के आधार पर इसे अल्ट्रा लाइट और लाइट सिगरेट में वर्गीकृत किया जाता है। इन मेजर्स के नापने का यह पेंचिदा फॉर्मूला है, क्योंकि इंसानों की तुलना में मशीन सिगरेट को दूसरे तरीके से स्मोक करती हैं। इसलिए सही-सही रीडिंग को जान पाना मुश्किल होता है। इतना ही नहीं यदि धूम्रपान करने वाले दो व्यक्ति सिगरेट का सेवन एक समान, एक ही समय पर करें, तो नजीते अलग-अलग होंगे। ऐसे में यह सही है कि मशीन की तुलना में टार का सेवन इंसान ज्यादा मात्रा में करते हैं। तंबाकू इंडस्ट्री (Tobacco companies) ने खुद तय किया है कि अल्ट्रा लाइट और लाइट सिगरेट को परिभाषित करना चाहिए। वहीं किसी संघीय एजेंसी ने ऐसा नहीं किया। आगे जानिए कैसे तैयार की जाती है लाइट सिगरेट।

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    सेल्यूलोस एसीटेट से बनता है सिगरेट फिल्टर (Cigarette filters made of cellulose acetate)  

    सिगरेट फिल्टर (Cigarette filter) को सेल्यूलोस एसीटेट से बनाया जाता है। ताकि धूम्रपान के दौरान टार सीधे लंग्स में न जाए। सेल्यूलोस एसीटेट व्हाइट काॅटन (White cotton) का होता है। इस रेशे में फंसकर ही टार लंग्स में नहीं जा पाता है। इसी फिल्टर में काफी हद तक टार रूक जाते हैं। बावजूद इसके कई टार लंग्स में चला ही जाता है। धूम्रपान की प्रक्रिया के दौरान हवा में काफी मात्रा में सिगरेट का स्मोक घूमता रहता है। वहीं सांस लेने की प्रक्रिया के दौरान जो उसे लेता है उसे सेकेंड हैंड स्मोक कहा जाता है। ठीक ऐसा लाइट सिगरेट के साथ भी है। लाइट सिगरेट के नुकसान में एक तो सीधे जो इसका सेवन करते हैं उनके लिए यह नुकसानदेह है, वहीं हवा में मौजूद कणों को न चाहते हुए भी जो सेवन करते हैं, यह उनके लिए भी नुकसानदेह होता है।

    लाइट सिगरेट (Light Cigarettes)

    सुरागदार होता है लाइट सिगरेट (Light Cigarettes) का पेपर   

    लाइट सिगरेट (Light cigarette) के नुकसान के बारे में जानने के साथ इसे तैयार करने में इस्तेमाल की जानी वाली चीजों के बारे में भी जानना जरूरी है। बता दें कि लाइट सिगरेट को बनाने के दौरान इस्तेमाल किया जाने वाला कागज ज्यादा सुरागदार होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि रेगुलर सिगरेट की तुलना में यह जलने पर कई कैमिकल्स को इस पेपर के जरिए आसानी से निकाल देता है। वैसे तो हम जानते हैं कि सिगरेट में काफी मात्रा में जहरीले कैमिकल्स पाए जाते हैं। ऐसे में यह कैमिकल्स लोगों के मुंह के जरिए शरीर में नहीं जा पाते हैं। बावजूद इसके धूम्रपान की प्रक्रिया के दौरान स्मोकिंग कर रहे व्यक्ति के इर्द-गिर्द जहरीले कैमिकल्स मौजूद होते हैं। इसका सेवन कोई दूसरा व्यक्ति करे तो यह उसके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसलिए लोगों की कोशिश होनी चाहिए कि यदि वे स्मोकिंग नहीं करते हैं तो ऐसी जगहों पर ना जाएं जहां लोग स्मोक करते हैं।

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    सिगरेट (Cigarettes) के फिल्टर में होल का होना जरूरी

    फिल्टर में बड़े होल का होना जरूरी होता है। ताकि धूम्रपान करने के दौरान टोबैको स्मोक (Tobacco smoke) के साथ हवा में चला जाए। जो धुएं को पतला करने का काम करें। बावजूद इसके कई लोग सिगरेट के इसी होल को हाथ को कवर करते हैं। इस कारण धुआं फिल्टर नहीं हो पाता है। सिगरेट पीने वाले कई लोग जान-बूझकर सिगरेट के फिल्टर के होल को बंद कर देते हैं। ताकि उन्हें ज्यादा नशा हो सके। क्योंकि एयर से धुआं यदि फिल्टर हो जाए तो उन्हें ज्यादा संतुष्टि नहीं मिलती है। यही कारण है कि लोग ज्यादा नशा करने के लिए सामान्य से ज्यादा सिगरेट पीते हैं।

    लोगों को भ्रमित करना नहीं है सही

    विदेशों में जहां सिगरेट कुछ देशों में लीगल है, वहीं भारत में भी 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए धूम्रपान लीगल है। वहीं द फैमिली स्मोकिंग प्रिवेंशन एंड टोबैको कंट्रोल एक्ट ऑफ 2009 (Family Smoking Prevention and Tobacco Control Act) के अनुसार यूएस फूड एडमिनिस्ट्रेशन को अनुमित मिली है कि तंबाकू पदार्थों की बिक्री की जा सके।

    तंबाकू उत्पादों को बनाने वाली कंपनियों के प्रति सार्वजनिक तौर पर यह अधिसूचना जारी की गई कि लोगों को भ्रमित करने के लिए वो अपने ब्रैंड पर लाइट, लो और माइल्ड जैसे शब्दों का प्रयोग न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि साइंस इस तथ्य को सपोर्ट नहीं करता है। तंबाकू कंपनियां स्वत: इस बात पर जोर देती हैं कि अच्छे तंबाकू उत्पाद कैसे बनाए जाएं। वैश्विक तौर पर बात करें तो आज भी लाइट सिगरेट चलन में मौजूद हैं।

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    स्मोकिंग की लत को छोड़ने के लिए नीचे दिए इस क्विज को खेलिए।

    रेगुलर, हार्ड, माइल्ड, लाइट सभी प्रकार की सिगरेट हैं नुकसानदेह (Regular, hard, mild, light all types of cigarettes are harmful)

    लाइट सिगरेट के नुकसान तो हैं ही बल्कि सभी प्रकार की सिगरेट नुकसानदेह हैं। मौजूदा समय में कोई भी सिगरेट नहीं है, जिसका सेवन कर व्यक्ति को शारीरिक तौर पर नुकसान न हो। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (National Cancer Institute) की रिपोर्ट के अनुसार लाइट सिगरेट का सेवन करने से किसी प्रकार का फायदा नहीं है। सिगरेट के नुकसान से बचने के लिए जो लोग रेगुलर सिगरेट को छोड़कर लाइट सिगरेट की ओर रूख करते हैं, उन्हें उतने ही जोखिम का खतरा रहता है जितना कि रेगुलर सिगरेमोड़ाल ट पीने से उन्हे खतरा है। इसके अलावा भी लाइट सिगरेट के कई नुकसान हैं। जानते हैं इनके बारे में।

    लाइट सिगरेट के नुकसान (Dangers of light cigarettes)

    अरे मैं हार्ड नहीं, लाइट सिगरेट पीता हूं। इसमें नुकसान नहीं होता कुछ। यदि आप भी इसी भ्रम में जी रहे हैं तो जाग जाइए। लाइट सिगरेट को तंबाकू कंपनियां रेगुलर सिगरेट की तुलना में ‘स्वस्थ’ विकल्प बताती रही हैं। पर शोधकर्ताओं का कहना है कि यह लाइट सिगरेट भी नुकसानदेह हो सकती है और इससे फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है। जानिए लाइट सिगरेट पीने के नुकसान

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    बढ़ सकता है एडेनोकार्सिनोमा का खतरा (Adenocarcinoma risk may increase)

    लाइट सिगरेट के बारे में कहा जाता है कि इसमें टार का लेवल बहुत कम होता है, इसलिए यह नुकसान नहीं पहुंचा सकती। वहीं अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कहा है कि माइल्ड हो या लाइट सिगरेट यह दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। उनका कहना है कि इन सिगरेट से एडेनोकार्सिनोमा का रिस्क बढ़ सकता है। एडेनोकार्सिनोमा फेफड़ों के कैंसर का सबसे सामान्य प्रकार है। इसलिए गलतफहमी में ना रहें बल्कि नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट ने यह संकेत भी दिया है कि धूम्रपान करने वाला व्यक्ति यदि लंबी, गहरी पफ लेता है या ज्यादा सिगरेट पीता है, तो लाइट सिगरेट से होने वाला टार एक्सपोजर रेगुलर सिगरेट की तरह हो सकता है।

    यह बात हुई टार की, अब कई लोगों को लगेगा कि कंपनियों ने इसके फिल्टर में भी काम किया ताकि लाइट सिगरेट पीने वाले के स्वास्थ्य पर नुकसान न पहुंचे। तो बता दें कि कंपनियों ने कम टार वाली सिगरेट मार्केट में उतारी हैं। इसके लिए उन्होंने सेल्यूलोज एसीटेट फिल्टर जैसे फीचर्स वाली सिगरेट्स पेश की। यह फिल्टर टार को ट्रैप कर सकता है। इसके अलावा पोरस सिगरेट पेपर का उपयोग किया गया। जो जहरीले रसायनों को आसानी से बाहर निकाल देता है। सिगरेट के फिल्टर में वेंटिलेशन होल होते हैं, जो धुंए को हवा के साथ मिलाकर हल्का कर देते हैं। कंपनियों की इन बातों पर ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी कॉम्प्रेहेंसिव कैंसर सेंटर एंड लंग मेडिकल ऑनकोलॉजी के उप निदेशक पीटर शील्ड्स ने कहा कि जहां तक फिल्टर में होल्स का मामला है, तो यह स्मोकर्स और पब्लिक हेल्थ कम्युनिटी को बेवकूफ बनाना है कि वे सुरक्षित होते हैं।

    कैंसर (Cancer)

    मुंह से लेकर लंग तक का कैंसर करने में लाइट स्मोकिंग कारगर हो सकती है।

    क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic bronchitis)

    लंबे समय तक धूम्रपान करने वालों में क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस एक आम बीमारी है। क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस में बहुत अधिक कफ बनता है, जिससे बहुत खांसी आती है। बार- बार खांसी आने से वायुमार्ग में सूजन आ जाती है। खांसी, बलगम व सूजन के कारण फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है

    दांतों की बीमारी को जन्म देता है

    स्मोकिंग दांतों में गोंद, दांतों का रंग बेरंग होना, मसूड़ों में सूजन व सेंसिटिविटी को बढ़ावा देती है।

    स्मोकिंग से सेक्स लाइफ में भी आती है कमी

    लाइट स्मोकिंग से आपकी सेक्स लाइफ भी प्रभावित होती है। इसके कारण इरेक्शन की समस्या हो सकती है।

    प्रेग्नेंसी में हो सकती है दिक्कत

    स्मोकिंग के कारण आपको कंसिव करने में भी दिक्कत हो सकती है और इससे बच्चे में अस्थमा जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।

    लाइट सिगरेट पीने से हेल्थ रिस्क कम नहीं होते हैं। लाइट सिगरेट के नुकसान से बचने का एकमात्र तरीका यही है कि किसी भी प्रकार के सिगरेट का सेवन न करें। सिगरेट छोड़कर व्यक्ति कई प्रकार की ऊपर बताई गईं बीमारियों के अलावा लंग्स कैंसर (Lung Cancer), हार्ट अटैक (Heart Attack), स्ट्रोक (Stroke) और क्रॉनिक लंग्स डिजीज (Chronic Lung Disease) आदि से बच सकता। इसलिए जरूरी है कि किसी भी प्रकार की बीमारी से बचाव के लिए धूम्रपान ना किया जाए।

    डिस्क्लेमर

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    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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    Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/02/2022

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