आजकल व्यक्ति को अलग-अलग बीमारियों ने घेरा हुआ है, छोटी से लेकर बड़ी बीमारी, व्यक्ति को किसी भी समय अपनी गिरफ्त में ले सकती है। जब बात हो रही है गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की, तो ह्रदय संबंधित परेशानियां आपको लंबे समय तक परेशान कर सकती हैं। ऐसी ही एक दिल से जुड़ी तकलीफ है, एक्टोपिक रिदम। एक्टोपिक रिदम (Ectopic Rhythm) की समस्या व्यक्ति को तब होती है, जब व्यक्ति की हार्ट बीट प्रीमेच्योर होने लगती है। एक्टोपिक रिदम को आमतौर पर प्रीमेच्योर आर्टिरियल कॉन्ट्रैक्शन (Premature atrial contraction) या प्रीमेच्योर वेंट्रिकुलर कॉन्ट्रैक्शन (Premature ventricular contraction) का नाम भी दिया गया है। आइए जानते हैं एक्टोपिक रिदम के बारे में कुछ खास बातें।
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एक्टोपिक रिदम (Ectopic Rhythm) क्या है?
एक्टोपिक रिदम उसे कहते हैं जब हार्ट बीट रिदम से हटकर चलने लगती है। जब हार्ट बीट, रिदम से जल्दी या रिदम से लेट चलती है तो ऐसी स्थिति को एक्टोपिक रिदम का नाम दिया गया है। ऐसी हार्टबीट आपको आम हार्टबीट से अलग हटकर पता चलती है। आपको इस स्थिति में समझ आता है कि आपके दिल ने हार्टबीट मिस कर दी है। कुछ लोग ये स्थिति कुछ खास मौकों पर महसूस करते हैं। हालांकि ये स्थिति आपको नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन यदि लंबे समय तक एक्टोपिक रिदम (Ectopic Rhythm) की समस्या हो, तो आपको मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है। डॉक्टर इसके बारे में पता लगा कर आपको हार्ट संबंधी अंडरलाइन कंडीशन की सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा आपको ये दिक्कत हार्ट इंजरी (Heart injury) या ब्लड में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस (Electrolyte imbalance) होने के कारण भी हो सकती है। इसलिए समय रहते इसके बारे में पता होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं एक्टोपिक रिदम के प्रकारों के बारे में।
एक्टोपिक रिदम : इसके होते हैं दो प्रकार (Types of Ectopic Rhythm)
एक्टोपिक रिदम के दो प्रकार हो सकते हैं, जो हार्ट के अलग-अलग हिस्सों की वजह से होते हैं। इनमें ये दो प्रकार शामिल हैं –
प्रीमेच्योर आर्टिरियल कॉन्ट्रैक्शन (Premature atrial contraction)
हार्टबीट जो आमतौर पर हार्ट के अपर चेंबर की वजह से होती है, ऐसी हार्ट बीट को प्रीमेच्योर आर्टिरियल कॉन्ट्रैक्शन कहा जाता है। आमतौर पर बच्चों में इरेगुलर हार्ट बीट का यह प्रकार देखा जाता है और इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता।
प्रीमेच्योर वेंट्रिकुलर कॉन्ट्रैक्शन (Premature ventricular contraction)
जब इरेगुलर हार्ट बीट हार्ट के लोअर चेंबर याने वेंट्रीकल्स की वजह से होती है, तो इसे प्रीमेच्योर वेंट्रिकुलर कॉन्ट्रैक्शन कहा जाता है। यह समस्या उम्र के साथ किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। यदि आपको हार्ट अटैक आ चुका है, तो ऐसी स्थिति में एक्टोपिक रिदम की यह स्थिति आपको झेलनी पड़ सकती है। आइए अब जानते हैं एक्टोपिक रिदम (Ectopic Rhythm) के कारणों के बारे में।
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एक्टोपिक रिदम : कारण जानना है जरूरी (Causes of Ectopic Rhythm)
हालांकि एक्टोपिक रिदम का कोई ठोस कारण आज तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ फैक्टर्स ऐसे हैं, जो एक्टोपिक रिदम का कारण बनते हैं। इनमें एल्कोहॉल, कैफ़ीन, स्मोकिंग, (Alcohol, Caffeine, Smoking) कुछ खास मेडिकेशन, इल्लीगल ड्रग्स, स्टिम्युलेंट, एड्रीनलिन का बढ़ना, तनाव, एक्सरसाइज का समावेश होता है। यदि एक्टोपिक रिदम (Ectopic Rhythm) की समस्या आपको अक्सर रहती है, तो इसके यह कारण हो सकते हैं –
- हार्ट डिजीज (Heart disease)
- केमिकल इंबैलेंस (Chemical imbalance)
- हार्ट मसल में इंजरी (Heart muscle injury)
- इंफेक्शन (Infection)
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
ये तो थी एक्टोपिक रिदम के कारणों की बात। आइए अब जानते हैं एक्टोपिक रिदम के लक्षणों के बारे में।
एक्टोपिक रिदम : लक्षणों को पहचानना है जरूरी (Symptoms of Ectopic Rhythm)
कुछ लोग एक्टोपिक रिदम के लक्षणों को नहीं समझ पाते, लेकिन कुछ लोग इसे महसूस कर सकते हैं। एक्टोपिक रिदम (Ectopic Rhythm) के लक्षण इस प्रकार हैं –
- हार्ट में फ्लटरिंग महसूस होना
- हार्ट का तेजी से धड़कना
- कुछ सेकंड के लिए ह्रदय का रुकना
- हार्ट बीट तेजी से महसूस होना
- कमजोरी महसूस होना
जिन लोगों को पहले हार्ट संबंधित समस्याएं हुई हैं, उन लोगों में एक्टोपिक रिदम की समस्या देखी जा सकती है। ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करना उनके लिए फायदेमंद साबित होगा। आइए अब जानते हैं एक्टोपिक रिदम को किस तरह पहचाना जा सकता है।
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एक्टोपिक रिदम : ऐसे होता है इस स्थिति का निदान (Diagnosis of Ectopic Rhythm)
अक्सर एक्टोपिक रिदम का कारण पता नहीं चलता, लेकिन आमतौर पर इसके लिए किसी तरह के ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती। यदि आपको बेहतर महसूस हो रहा है, तो आपको सिर्फ डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है। जरूरत महसूस होने पर डॉक्टर आपको फिजिकली चेक कर सकते हैं या आपकी हार्ट बीट का मुआयना कर सकते हैं। लेकिन यदि आपको एक्टोपिक रिदम (Ectopic Rhythm) की तकलीफ अक्सर रहती है और यह समय-समय पर महसूस होती है, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपके कुछ टेस्ट करवा सकते हैं, जिसमें इनका समावेश होता है –
- इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
- हॉल्टर मॉनिटर (Holter monitor)
- कोरोनरी एंजियोग्राफी (Coronary angiography)
- इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम (Electrocardiogram)
- एमआरआय (MRI)
- हार्ट सिटी स्कैन (Heart city scan)
यह टेस्ट आपकी जरूरत के मुताबिक करवाए जा सकते हैं। अलग अलग व्यक्ति में इनकी अलग अलग जरूरत पड़ सकती है। आइए अब जानते हैं एक्टोपिक रिदम का ट्रीटमेंट किस तरह किया जा सकता है।
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एक्टोपिक रिदम : इस स्थिति में पड़ सकती है ट्रीटमेंट की जरूरत (Treatment of Ectopic Rhythm)
नैशनल सेंटर ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी इन्फ़र्मेशन (NCBI) के अनुसार आमतौर पर एक्टोपिक रिदम में ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती। इसके सिम्टम्स अपने आप कुछ समय में सामान्य हो जाते हैं। लेकिन यदि आपको अक्सर एक्टोपिक रिदम की समस्या रहती है, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके लक्षण किसी अंडरलाइन डिजीज के कारण नजर आ सकते हैं। यदि आपको कुछ समय पहले हार्टअटैक या लीवर की समस्या रही है, तो डॉक्टर एक्टोपिक रिदम (Ectopic Rhythm) की समस्या में आपको बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers) या अन्य मेडिकेशंस दे सकते हैं। यदि आपको हार्ट डिजीज है, तो डॉक्टर जरूरत के अनुसार आपको एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) की सलाह भी दे सकते हैं। इसलिए हार्ट की समस्या के साथ यदि आपको एक्टोपिक रिदम की तकलीफ अक्सर रहती है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना फायदेमंद साबित होगा।
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आमतौर पर एक्टोपिक रिदम की तकलीफ एल्कोहॉल, टोबैको और कैफीन के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से होती है, इसलिए यदि आप इरेगुलर हार्टबीट महसूस कर रहे हैं, तो आपको इन चीजों से दूरी बनानी चाहिए। यदि आपको एक्टोपिक रिदम की समस्या तनाव की वजह से होती है, तो आपको मेडिटेशन और एक्सरसाइज के जरिए इसे कंट्रोल करना चाहिए। यदि आपको लंबे समय से तनाव की स्थिति महसूस हो रही है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपको एंटी एंग्जायटी मेडिसिन (Anti anxiety medicine) प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। एक्टोपिक रिदम (Ectopic Rhythm) की स्थिति आपको नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन यदि यह समस्या अक्सर रहने लगे तो, आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए समय रहते डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी सेहत बनाए रखने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं।
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