हार्ट पल्स रेट को समझना है, तो इसे इस तरह समझा जा सकता है कि 1 मिनट में हमारा हृदय जितनी बार धड़कता है, उसे हार्ट रेट का नाम दिया गया है। यह कार्डिएक एक्टिविटी को मापने का एक तरीका है। आमतौर पर इसे अलग-अलग गणना की मदद से मापा जा सकता है। एक वयस्क और बच्चे के लिए साठ बीट्स प्रति मिनट से कम की गणना को लो पल्स रेट (Slow heart pulse rate) माना जाता है। आमतौर पर उम्र के साथ व्यक्ति की हार्ट पल्स रेट धीमी होती चली जाती है, लेकिन यदि व्यक्ति को हार्ट से संबंधित समस्याएं हैं, तो इसे एक कंडिशन के तौर पर माना जाता है और पल्स रेट तेज भी हो सकती है। इस आर्टिकल में जानें लो पल्स रेट (Slow heart pulse rate) की समस्या के बारे में।
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क्या है लो पल्स रेट (Slow heart pulse rate) की समस्या?
यदि किसी को लो पल्स रेट (Slow heart pulse rate) की समस्या है, तो इसका मतलब है उसे लो हार्ट रेट या ब्रैडीकार्डिया की तकलीफ है। यह स्थिति आमतौर पर सामान्य मानी जाती है, लेकिन कई बार लो पल्स रेट (Slow heart pulse rate) की दिक्कत हार्ट एरिथिमिया (Heart arrhythmia) के कारण भी हो सकती है। आमतौर पर लोगों का सामान्य रेस्टिंग हार्ट रेट साठ से सौ बीट्स प्रति मिनट के अनुसार होती है। लेकिन यदि किसी व्यक्ति का रेस्टिंग हार्ट रेट 60 बीपीएम से कम है, तो ये धीमी हार्ट पल्स रेट की स्थिति मानी जाती है। आमतौर पर स्पोर्ट्स से संबंधित एथलीट और बुजुर्गों में धीमी हार्ट रेट हार्ट पल्स रेट देखी जाती है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति को बिना किसी कारण के यह समस्या है, तो इससे कई तरह की तकलीफें हो सकती हैं।
क्या हैं लो पल्स रेट के लक्षण? (Symptoms of slow heart pulse rate)
आमतौर पर लो पल्स रेट (Slow heart pulse rate) या ब्रैडीकार्डिया (Bradycardia) का पहला लक्षण स्लो हार्ट रेट माना जाता है। कई बार लोगों में इसके अलावा किसी तरह के लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन कई बार लो हार्ट रेट किसी गंभीर बीमारी का खतरा भी बन सकता है, इसलिए इससे जुड़े लक्षणों को पहचानना आपके लिए बेहद जरूरी माना जाता है। धीमी हार्ट पल्स रेट के लक्षणों में आपको यह समस्याएं दिखाई दे सकती है –
- सांस लेने में कठिनाई
- बेहोशी
- कमजोरी
- काम के दौरान स्लो ब्रिदिंग
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इसके अलावा जब किसी तरह की बीमारी लो पल्स रेट (Slow heart pulse rate) का कारण बनती है और इसका समय पर इलाज नहीं होता, तो व्यक्ति में यह गंभीर समस्याएं भी दिखाई दे सकती हैं –
- चेस्ट पेन (Chest pain)
- हायपरटेंशन (Hypertension)
- लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure)
- हार्ट फेलियर (Heart failure)
- कार्डिएक अरेस्ट (Cardiac arrest)
यह सभी समस्याएं व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। इसलिए धीमी हार्ट पल्स रेट से जुड़े इन लक्षणों को पहचान कर जल्द से जल्द इस के बारे में डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए। यदि आपको अक्सर ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करके अपनी स्थिति के बारे में जानना चाहिए। जिससे आप किसी बड़ी बीमारी के खतरे से बच सकें। लेकिन लो पल्स रेट (Slow heart pulse rate) के पीछे क्या कारण होते हैं, यह जानना भी आपके लिए जरूरी है। आइए जानते हैं धीमी हार्ट पल्स रेट के क्या कारण हो सकते हैं।
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क्या हो सकते हैं लो पल्स रेट के कारण? (Causes of Slow heart pulse rate)
आमतौर पर लो हार्ट रेट के कई कारण हो सकते हैं, जिसके लिए व्यक्ति की पूरी जांच करनी जरूरी है। जिससे धीमी हार्ट पल्स रेट का असल कारण पता लगाया जा सके। सामान्यतः धीमी हार्ट पल्स रेट (Slow heart pulse rate) के यह कारण देखे जा सकते हैं –
- सिक साइनस सिंड्रोम
- हार्ट के किसी इलेक्ट्रिक पाथवे में समस्या
- हार्ट अटैक के कारण हार्ट इंजरी
- हार्ट मसल में इन्फ्लेमेशन
- वॉल्वुलर हार्ट डिजीज
- स्लीप एप्निया
- इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस
- लो थायराइड फंक्शन
- कंजेनिटल हार्ट डिफेक्ट
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इसके अलावा कुछ खास तरह की दवाइयों के सेवन से भी धीमी हार्ट पल्स रेट की समस्या हो सकती है, जिसमें आम तौर पर बीटा ब्लाकर्स (Beta-blockers) या हार्ट रिदम से संबंधित मेडिकेशन का समावेश होता है। यह सभी स्थितियां लो पल्स रेट (Slow heart pulse rate) का कारण बन सकती है। लेकिन इससे जुड़ी समस्या को समझने के लिए आपको जल्द से जल्द हार्ट पल्स रेट की स्थिति का निदान करना जरूरी होता है। आइए जानते हैं किस तरह इस स्थिति का निदान हो सकता है।
कैसे हो सकता है धीमी हार्ट पल्स रेट का निदान? (Diagnosis of slow heart pulse rate)
धीमी हार्ट पल्स रेट की समस्या दिखाई देने पर आपको डॉक्टर सबसे पहले होने वाले लक्षणों के बारे में पूछते हैं। इसके साथ ही आपकी शारीरिक जांच भी की जाती है। इस शारीरिक जांच में डॉक्टर आपकी हार्ट रेट और पल्स की जांच करते हैं। यदि किसी तरह की समस्या नजर आती है, तो डॉक्टर हार्ट रेट और रिदम से जुड़े कुछ टेस्ट के लिए भी कह सकते हैं। इसके लिए आमतौर पर व्यक्ति को एम्बुलेटरी मॉनिटर (Ambulatory monitor) पहनने की जरूरत पड़ सकती है। इस मॉनिटर से पता चलता है कि आपको हर्ट रिदम की समस्या है या नहीं। इसे हार्ट रिदम मापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिससे धीमी हार्ट पल्स रेट (Slow heart pulse rate) की स्थिति को ठीक ढंग से समझा जा सके। इस स्थिति को समझने के बाद धीमी हार्ट पल्स रेट के उपचार की जल्द से जल्द जरूरत पड़ती है। आइए जानते हैं धीमी हार्ट पल्स रेट का उपचार किस तरह किया जा सकता है।
कैसे किया जा सकता है लो पल्स रेट का उपचार? (Treatment of Slow heart pulse rate)
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार धीमी हार्ट पल्स रेट (Slow heart pulse rate) की समस्या के लिए किसी तरह के उपचार की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन अगर यह समस्या लंबे समय से है और आपको हार्ट से संबंधित अन्य तकलीफ है, तो इसका जल्द से जल्द उपचार करना जरूरी हो जाता है। यदि किसी दवा के कारण आपको स्लो हार्ट रेट की समस्या हो रही है, तो डॉक्टर आप की दवा में बदलाव कर सकते हैं। साथ ही साथ जरूरत पड़ने पर आपको पेसमेकर के इस्तेमाल की भी ज़रूरत पड़ सकती है। पेसमेकर के इस्तेमाल से हार्ट की रिदम (Heart rhythm) को रेगुलेट किया जा सकता है। आमतौर पर हार्ट पल्स रेट से जुड़ी समस्या में कई तरह के उपचार किए जा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं –
- थायराइड के उपचार से जुड़ी हुई दवाइयां
- हार्ट से जुड़ी दवाइयों में बदलाव
- जीवन शैली में बदलाव
- नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट की जांच
लो पल्स रेट को हल्के में ना लें
कहा जाता है कि लो पल्स रेट (Slow heart pulse rate) आपके लिए गंभीर स्थिति पैदा नहीं करती, लेकिन यदि आपको हार्ट से जुड़ी किसी तरह की समस्या है, तो यह आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। यही वजह है कि व्यक्ति को नियमित तौर पर अपने ब्लड प्रेशर और पल्स में बदलाव को गंभीरता से लेते हुए जांच करानी चाहिए। कई बार हार्ट हेल्थ बिगड़ने की वजह से लो हार्ट रेट (Low heart rate) की समस्या देखी जाती है, जिसका समय पर इलाज न कराने पर आपको अन्य तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती है। इसलिए धीमी हार्ट पल्स रेट को गंभीरता से लेना जरूरी माना जाता है।
ध्यान दें
इसके साथ-साथ आपको सही आहार, पर्याप्त नींद और व्यायाम की जरूरत पड़ती है, जिससे आपकी हार्ट हेल्थ बेहतर बनी रहे। इसके साथ-साथ तनाव, तंबाकू और शराब इत्यादि से आपको दूर रहने की जरूरत पड़ती है, जो धीमी हार्ट पल्स रेट (Slow heart pulse rate) की स्थिति को और भी बिगाड़ सकते हैं। यदि आप हार्ट से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो आपको अपनी पल्स रेट पर ध्यान देने की जरूरत पड़ती है, जिससे धीमी हार्ट पल्स रेट के कारण किसी अन्य तरह की समस्या ना हो।
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