नॉर्मल और डेंजर हार्ट रेट में फर्क (Normal vs Dangerous Heart Rate) क्या होता है, ये प्रश्न अक्सर आपके मन में आता होगा। हार्ट हमारे शरीर का महत्वपूर्ण ऑर्गन माना जाता है। हृदय की मदद से ब्लड पंपिंग की प्रक्रिया पूरी होती है। ब्लड में न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो शरीर के विभिन्न भागों में पंपिंग की प्रक्रिया से पहुंचते हैं। अगर पंपिंग की प्रक्रिया धीमी या फिर तेज होती है, तो इससे पूरा शरीर प्रभावित होता है। हार्ट रेट से मतलब दिल की धड़कन की संख्या से होता है। हार्ट रेट हमेशा एक जैसी नहीं होती है। कभी ये कम होता है या फिर कभी यह ज्यादा भी हो जाती है। ऐसा शारीरिक गतिविधियों, इमोशन में बदलाव आदि के कारण भी हो सकता है। अगर आपका हृदय तेज गति से ज्यादातर समय धड़कता है, तो यह बीमारी के संकेत की ओर इशारा करता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको नॉर्मल और डेंजर हार्ट रेट में फर्क बताएंगे। जानिए क्या हार्ट रेट में फर्क हमेशा बीमारी की ओर इशारा करता है।