इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी को ECG के नाम से जाना जाता है। इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी में रोगी की त्वचा में सेंसर्स लगाए जाते हैं, ताकि दिल के इलेक्ट्रिक सिग्नल ( electrical signals) को मापा जा सके। डॉक्टर हार्ट की फंक्शनिंग को जांचने के लिए ECG करवा सकते हैं।

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इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
इकोकार्डियोग्राम को इको टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह का अल्ट्रासाउंड स्कैन (Ultrasound Scan) है। जिसमें हार्ट की इमेज को बनाने के लिए साउंड वेव्स (Sound Waves) का प्रयोग किया जाता है।
पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट्स (Pulmonary Function Tests)
इस टेस्ट में स्पिरोमेट्री (Spirometry) शामिल होता हैं। जिसमें रोगी को एक मशीन में सांस लेनी होती है। इससे डॉक्टर को यह निर्धारित करने में मदद मिल सकती है कि फेफड़े कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं।
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आर्टेरियल ब्लड गैस (Arterial Blood Gas)
यह एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है, जो यह जांचता है कि रोगी को को पर्याप्त ऑक्सीजन मिल रही है या नहीं।
ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests)
ब्लड टेस्ट करने के लिए रोगी के शरीर से छोटी मात्रा में खून निकाला जाता है। डॉक्टर उस खून का प्रयोग कई कंडीशंस के निदान के लिए किया जाता है। अब पाइए जानकारी ऑर्थोपनिया (Orthopnea) के उपचार के बारे में।
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ऑर्थोपनिया के उपचार (Treatment of Orthopnea)
ऑर्थोपनिया (Orthopnea) के उपचार का उद्देश्य लक्षणों को कम करना और अंडरलायिंग कारणों को मैनेज करना शामिल है। कुछ लोग अधिक ऊंचे स्थान पर सोने से अस्थायी रूप से लक्षणों को दूर करने में सक्षम हो सकते हैं। ऐसा करने का एक आसान तरीका है तकिए का उपयोग करके ऊपरी शरीर को ऊपर उठाना। इसके साथ ही गद्दे के नीचे फोम वैजिज लगाने या लकड़ी के ब्लॉकों का उपयोग करके बिस्तर के सिरे को ऊपर उठाने का प्रयास भी किया जा सकता है।
अगर किसी का वजन बहुत अधिक है या कोई व्यक्ति मोटापे का शिकार है, तो वजन को कम करके भी ऑर्थोपनिया (Orthopnea) के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर या डायटिशन आपको सही व्यायाम या डायट प्लान की सलाह दे सकते हैं। किसी व्यक्ति के ऑर्थोपनिया (Orthopnea) के अंडरलायिंग कारण के आधार पर, डॉक्टर निम्नलिखित दवाएं लिख सकते हैं, जैसे:
- एंटी-इंफ्लेमेशन दवाईयां (Anti-Inflammatory Medications)
- फेफड़ों से बलगम को साफ करने के लिए दवाईयां (Drugs to Clearance of Mucus)
- स्टेरॉइड्स (Steroids)
- डायूरेटिक्स (Diuretics)
- वासोडिलेटर (Vasodilator)
- इनोट्रोपिक ड्रग्स (Inotropic Drugs)
ऑर्थोपनिया (Orthopnea), अंडरलायिंग हार्ट कंडीशन (Underlying Heart Condition) का लक्षण हो सकता है। इस कंडीशन के उपचार में लाइफस्टाइल में बदलाव और देखभाल शामिल है। हार्ट की स्थिति की गंभीरता के आधार पर, किसी व्यक्ति को कभी-कभी सर्जरी (Surgery) की आवश्यकता भी हो सकती है।

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ऑर्थोपनिया से बचाव कैसे किया जा सकता है? (Prevention of Orthopnea)
ऑर्थोपनिया (Orthopnea) किन्हीं स्थितियों में जानलेवा साबित हो सकती है अपने लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव कर भी आप इस समस्या से बच सकते हैं और एक अच्छी गुणवत्ता वाली लाइफ जी सकते हैं। जानिए क्या हैं इससे बचने और हेल्दी रहने के कुछ आसान टिप्स:
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यह तो थी इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी। आप जान ही गए होंगे कि ऑर्थोपनिया (Orthopnea) सांस लेने में समस्या है, जो तब होती है जब रोगी लेटा होता है और सीधे बैठने या उठने पर यह समस्या दूर हो जाती है। इसका उपचार भी इस बात पर निर्भर करता है कि इस समस्या का कारण क्या है या यह कितनी गंभीर है। इसके और इसके कारणों के लक्षणों को कम करने के लिए दवाईयां और अन्य ट्रीटमेंट भी प्रभावी होते हैं। अगर कोई भी इस समस्या के लक्षणों को महसूस करता है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना और इसके अंडरलायिंग कारणों के बारे में जानना जरूरी है। इसके साथ ही आवश्यक है हेल्दी हैबिट्स को अपनाना, ताकि आपको क्वालिटी लाइफ जीने में मदद मिल सके। मन में ऑर्थोपनिया (Orthopnea) से जुड़ा कोई भी सवाल या चिंता होने पर भी डॉक्टर की सलाह लें, ताकि आपको सही मार्गदर्शन प्राप्त हो।