जैसा की आप जानते ही हैं कि हार्ट अटैक (Heart attack) एक गंभीर व जानलेवा समस्या है। किसी के लिए भी एक बार हार्ट अटैक आने के बाद दूसरे कार्डियक इंसिडेंट को लेकर चिंतित होना बेहद सामान्य है। यही नहीं, इस के बाद हेल्दी रहने के लिए कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। ताकि, अन्य हार्ट अटैक से बचा जा सके और क्वालिटी लाइफ जीने में मदद मिल सके। आज हम बात करने वाले हैं हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए (What to do after heart attack), इसके बारे में। इसके साथ ही हम जानेंगे कि इसके बाद क्या नहीं करना चाहिए? लेकिन, हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए (What to do after heart attack), इससे पहले हार्ट अटैक (Heart attack) के बारे में जान लेते हैं।
हार्ट अटैक (Heart attack) के बारे में पाएं जानकारी
हार्ट फेलियर या हार्ट अटैक (Heart attack) के पूरी दुनिया में हर साल लाखों मामले सामने आते हैं। यह परेशानी तब होती है, जब हार्ट में ब्लड फ्लो एकदम ब्लॉक हो जाता है। ब्लड फ्लो न हो पाने से हमारा हार्ट ऑक्सीजन नहीं प्राप्त कर पाता। अगर हार्ट अटैक (Heart attack) के बाद रोगी को तुरंत उपचार नहीं मिलता है, तो हार्ट मसल्स नष्ट होने शुरू हो जाते हैं। लेकिन, अगर इसका जल्दी से उपचार हो जाता है, तो हार्ट मसल्स को डैमेज से बचाया जा सकता है। ऐसे में, इसके लक्षणों को पहचानना और तुरंत मेडिकल हेल्प लेना आवश्यक है। इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- छाती में दर्द या डिस्कम्फर्ट (Chest pain or discomfort)
- कमजोरी (Feeling weak)
- चक्कर आना और बेहोशी (Light-headed or faint)
- जबड़ों, गर्दन और पीठ में दर्द या समस्या (Pain or discomfort)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of breath)
हार्ट अटैक (Heart attack) एक अन्य लक्षणों में अचानक थकावट होना, जी मिचलाना या उल्टी आना आदि शामिल हैं। अब जानते हैं कि हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए (What to do after heart attack) और किन चीजों को करने से बचना चाहिए?
हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए (What to do after heart attack) और किन चीजों को करने से बचना चाहिए?
पहले हार्ट अटैक के बाद अधिकतर लोग सर्वाइव कर लेते हैं और उसके बाद प्रोडक्टिव लाइफ जीते हैं। इसके लिए कुछ खास चीजों का ध्यान रखना चाहिए। हार्ट अटैक (Heart attack) के बाद दो दिनों तक आमतौर पर मरीज को अस्पताल में रखा जाता है। लेकिन, अगर रोगी किन्हीं कॉम्प्लीकेशन्स से गुजर रहा है या उसकी अन्य प्रोसीजर जैसे बायपास सर्जरी हुई है, तो अस्पताल से डिस्चार्ज होने में अधिक समय भी लग सकता है। हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए (What to do after heart attack), इसकी शुरुआत करते हैं दवाइयों से।
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दवाईयों में बदलाव के बारे में जानें
हार्ट अटैक (Heart attack) के बाद क्या करना चाहिए, इस बारे में यह जानकारी बेहद जरूरी है। इस दौरान आप जिन चीज को सबसे पहले नोटिस करेंगे, वो है अपनी मेडिकेशन रूटीन में बदलाव। डॉक्टर रोगी की मेडिकेशन डोजेज में बदलाव कर सकते हैं या दवाईयों में भी चेंजेज कर सकते हैं। अपनी दवाइयों के बारे में डॉक्टर से अवश्य बात करें और इन चीजों का भी ध्यान रखें:
- डॉक्टर से उन सभी दवाईयों के बारे में जानें, जिन्हें आपको लेना है
- इन्हें कब और कैसे लेना है, यह भी जानें
- साइड-इफेक्ट्स के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें
- हर चीज की लिस्ट बनाएं। एमरजेंसी के दौरान इस लिस्ट को अपने साथ रखें।
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इमोशंस का रखें ध्यान
हार्ट अटैक (Heart attack) के बाद रोगी के द्वारा अधिक इमोशंस का अनुभव करना बेहद सामान्य है। इस दौरान रोगी इन सब का अनुभव कर सकता है:
- भय (Fear)
- डिप्रेशन (Depression)
- अस्वीकृति (Denial)
- एंग्जायटी (Anxiety)
यह इमोशंस अधिकतर रोग दो से छे महीनों तक महसूस कर सकते हैं, यही नहीं इनसे आपकी इन चीजों पर भी असर हो सकता है:
- एक्सरसाइज की क्षमता
- फैमिली लाइफ और काम
- ओवरआल रिकवरी
अपने डॉक्टर और मेंटल हेल्थ स्पेशलिस्ट से आप इन नेगेटिव फीलिंग्स से आसानी से डील कर सकते हैं। इसके साथ ही अपने परिवार को भी अपनी स्थिति से अवगत कराएं। यह फीलिंग्स मन में आना सामान्य है। लेकिन, रोगी इससे आसानी से डील कर सकता है।
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हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं (Healthy lifestyle)
हार्ट अटैक (Heart attack) के बाद जल्दी रिकवर होने और भविष्य में हार्ट अटैक से बचने के लिए कुछ खास चीजों को अपनाना रोगी के लिए बेहद जरूरी है। इसके बारे में डॉक्टर भी आपको सलाह देंगे। हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए (What to do after heart attack), इनमें इन चीजों को अपनाना बेहद जरूरी है:
स्मोकिंग से बचें (Stop smoking)
तंबाकू, हार्ट डिजीज का मुख्य रिस्क फैक्टर है। इससे ब्लड वेसल्स की वॉल्स को नुकसान होता है और इसके साथ ही ब्लड और ऑक्सीजन को हार्ट व अन्य अंगों तक पहुंचने में भी मुश्किल होती है। जिससे ब्लड क्लॉट्स बनते हैं जो हार्ट अटैक की वजह बन सकते हैं। यही नहीं, तंबाकू में पाया जाने वाला निकोटिन केमिकल से ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है। अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो इसे छोड़ना बेहद जरूरी है।
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हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए: ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें (Control blood pressure)
हाय ब्लड प्रेशर से हार्ट और ब्लड वेसल्स में स्ट्रेस पड़ता है। अपने ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए डॉक्टर से बात करें। इसे मैनेज करने के तरीकों में सही डायट, एक्सरसाइज आदि शामिल हैं। इसके साथ ही डॉक्टर आपको दवाईयां भी दे सकते हैं। ब्लड प्रेशर के साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करना भी जरूरी है। अगर आपको हार्ट अटैक है, तो डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही रखने के लिए दवाइयों की सलाह दे सकते हैं।
डायबिटीज की जांच करें (Check for diabetes)
डायबिटीज वो बीमारी हैं, जो हमारे इंसुलिन हॉर्मोन लेवल को प्रभावित करती है। इसमें हमारा शरीर या तो इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाता है या इसका सही से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। डायबिटीज से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ सकता है। ऐसे में नियमित डायबिटीज की जांच जरूरी है। अगर आपको डायबिटीज है तो उसे मैनेज करने के लिए प्लान बनाना जरूरी है।
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हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए: नियमित व्यायाम करें (Regular exercise)
नियमित कार्डियो एक्सरसाइज से हार्ट मजबूत होता है। जैसे वाकिंग, जॉगिंग, रनिंग, स्विमिंग आदि। एक्सरसाइज से हार्ट सही से ब्लड पंप कर पाता है और शरीर में सही से ऑक्सीजन की डिलीवरी होती है। इससे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। यही नहीं, हार्ट हेल्थ के लिए वजन का संतुलित रहना भी आवश्यक है। इसलिए वजन को कम करने के बारे में भी विचार करें।
हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए: हार्ट हेल्दी डायट लें (Eat heart-healthy diet)
हम जिस आहार का सेवन करते हैं, वो ब्लड फ्लो को प्रभावित करता है। कुछ खाद्य पदार्थ जैसे बैड फैट्स आर्टरीज में प्लाक को बिल्डअप का कारण बन सकते हैं। प्लाक के कारण हार्ट में ब्लड फ्लो स्लो या बंद हो सकता है। समय के साथ यह आर्टरीज ब्लॉक हो सकती हैं और हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर या अन्य हार्ट डिजीज का कारण बन सकती हैं। अपने आहार में ऐसे फूड्स को शामिल करें जिनमें कोलेस्ट्रॉल और सैचुरेटेड फैट्स कम हों। अधिक से अधिक फल और सब्जियों को लें। यही नहीं, डेयरी उत्पादों के साथ ही नमक व चीनी आदि का सेवन भी कम करें। यह तो थी जानकारी कि हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए (What to do after heart attack) और क्या नहीं करना चाहिए। अब कुछ अन्य चीजों के बारे में भी जान लें।
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इन चीजों का भी रखें ध्यान
अगर आपको हार्ट अटैक (Heart attack) हुआ है, तो आपको हार्ट प्रॉब्लम्स यानी हार्ट डिजीज का जोखिम अधिक रहता है। ऐसे में वार्निंग लक्षणों का खास ध्यान रखना चाहिए। अगर आपको क्रिटिकल सिम्प्टम नजर आएं, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। यह समस्याएं कभी भी हो सकती हैं और यह इस प्रकार हैं:
- छाती में दर्द (Chest pain)
- बाजू, गर्दन, जबड़े या पेट में कसाव या प्रेशर (Tightness or pressure)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of breath)
- चक्कर आना, कमजोरी या बेहोशी (Dizziness, weakness or fainting)
- पीली और स्वेटी स्किन (Pale, sweaty skin)
- हार्टबीट का तेज और अनियमित होना (Fast or irregular heartbeat)
- जी मिचलाना और उल्टी (Nausea and vomiting)
- टांगों में सूजन और दर्द (Swelling or pain in legs)
- अचानक थकावट होना (Sudden fatigue)
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उम्मीद है कि हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए (What to do after heart attack) और क्या नहीं करना चाहिए, इसके बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। याद रखें हार्ट अटैक (Heart attack) के बाद आपका जीवन थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन, कुछ चीजों का ध्यान रख कर आप इस सामान्य जीवन जी सकते हैं। बस अपनी डायट, एक्सरसाइज रूटीन और स्मोकिंग हैबिट्स आदि में बदलाव करें। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।
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