हाय ब्लड प्रेशर की समस्या अक्सर लोगों को सुनने में आम बीमारी की तरह लगती है। ये सच भी है कि शरीर का बीपी अचानक से हाय होकर नॉर्मल भी हो जाता है। कुछ लोगों में बीपी हाय होने के बाद नॉर्मल नहीं हो पाता है और ये एक बीमारी के रूप में सामने आता है। हाय बीपी का अगर सही समय पर ट्रीटमेंट न किया जाए, तो शरीर को कई बीमारियों को सामना करना पड़ सकता है। हाय बीपी हार्ट को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। अगर आपको भी हाय बीपी का समस्या है, डॉक्टर से जांच कराने के बाद आपको नियमित दवाइयों का सेवन करना चाहिए। हाय बीपी के कारण पेशेंट को कॉर पल्मोनल (Cor Pulmonale) कंडिशन का सामना भी करना पड़ सकता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको कॉर पल्मोनल (Cor Pulmonale) के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में भी बताएंगे।
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कॉर पल्मोनल (Cor Pulmonale) क्या है?
कॉर पल्मोनल (Cor Pulmonale) हार्ट से जुड़ी एक कंडीशन है, जो हायपरटेंशन के परिणाम के रूप में सामने आती है। पल्मोनरी आर्टरीज में ब्लड प्रेशर बढ़ जाने के कारण कॉर पल्मोनल की समस्या होती है। इसे राइट साइड हार्ट फेलियर के नाम से जाना जाता है क्योंकि ये हार्ट के राइट वेंट्रिकल में पाई जाती है। कॉर पल्मोनल के कारण राइट वेंट्रिकल इंलार्ज हो जाती है और पर्याप्त मात्रा में ब्लड सप्लाई नहीं कर पाती है। इस कारण से वेंट्रिकल की लिमिट खत्म हो जाती है और वो फेल हो जाता है। अगर फेफड़ों में जाने वाले रक्त के उच्च दबाव को नियंत्रित किया जाए,तो इस स्थिति को रोका जा सकता है। अनट्रीटेड पल्मोनरी हायपरटेंशन कॉर पल्मोनल (Cor Pulmonale) को जन्म दे सकती है। इस कारण से पेशेंट की एक नहीं बल्कि कॉम्प्लिकेशंस बढ़ सकती हैं। जानिए कॉर पल्मोनल (Cor Pulmonale) कंडीशन के कारण किन लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।
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कॉर पल्मोनल के लक्षण (Symptoms of Cor Pulmonale)
कॉर पल्मोनल के लक्षण आमतौर पर दिखाई नहीं पड़ते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी लक्षण होते हैं, जिन पर लोगों का ध्यान आमतौर पर नहीं जाता है। जानिए मुख्य लक्षणों के बारे में।
- सांस लेने में कठिनाई (Shortness of breath)
- थकान का जल्द एहसास (tiredness)
- हार्ट रेट बढ़ जाना (an increased heart rate)
- चक्कर आना (Dizziness)
अगर समय पर बीमारी का इलाज नहीं कराया जाता है, तो बीमारी के लक्षण अधिक भयावह हो सकते हैं। ऐसे में छाती में दर्द, पैरों में सूजन, लगातार खांसी आना (excessive coughing) और बोलते समय घरघराहट आदि समस्याएं हो सकती हैं।
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किस कारण से होती है ये बीमारी (Causes of cor pulmonale)
आपने ये तो सुना ही होगा कि हमारे शरीर की क्रियाप्रणाली एक दूसरे से जुड़ी हुई है। यानी अगर कोई ऑर्गन काम करना बंद कर देता है या किसी ऑर्गन में खराबी आ जाती है, तो दूसरे ऑर्गन के काम में भी बुरा प्रभाव पड़ता है। कॉर पल्मोनल के केस में भी यही होता है। शरीर से लंग्स ब्लड ट्रांसपोर्ट के लिए फेफड़ों को हार्ट पर निर्भर रहना पड़ता है। पल्मोनरी हायपरटेंशन (Pulmonary hypertension) के कारण लंग्स आर्टरीज और हार्ट के राइट वेंट्रिकल में प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसा फेफड़ों में हाय ब्लड प्रेशर के कारण होता है। पल्मोनरी हायपरटेंशन का ट्रीटमेंट न कराना कॉर पल्मोनल (Cor pulmonale) का मुख्य कारण बनता है। कुछ अन्य
कारण जैसे कि लंग्स में ब्लड क्लॉट, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic obstructive pulmonary disease), लंग टिशू का डैमेज होना, स्लीप एप्निया (Sleep apnea), सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) आदि भी इस हेल्थ कंडीशन का कारण बन सकते हैं।
कॉर पल्मोनल का डायग्नोसिस (Diagnosis of cor pulmonale)
कॉर पल्मोनल का डायग्नोसिस फिजिकल एग्जामिनेशन के साथ ही मेडिकल टेस्टिंग (Medical testing) के माध्यम से किया जाता है। डॉक्टर अनियमित ह्रदय की धड़कने चेक करते हैं। डॉक्टर जांच के दौरान ब्लड टेस्ट (Blood tests) भी करते हैं। एंटीबॉडी लेवल और ब्रेन नैट्रियूरेटिक पेप्टाइड ( Antibody levels and brain natriuretic peptide) की जानकारी ब्लड टेस्ट से मिल जाती है। ब्रेन नैट्रियूरेटिक पेप्टाइड एक अमीनो एसिड है, जो हार्ट में बनता है। ये हार्ट के स्ट्रेस्ड हो जाने पर भी सिक्रीट होता है। इन टेस्ट के साथ ही सीटी स्कैन भी किया जाता है, जो बॉडी पार्ट की इमेज लेता है। इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) के माध्यम से हार्ट की इमेज ली जाती है। जरूरत पड़ने पर एक्स-रे भी लिया जा सकता है, जो कि ब्लड क्लॉट के बारे में जानकारी देता है।
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कैसे किया जाता है इस कंडीशन का ट्रीटमेंट (How is this condition treated)?
कॉर पल्मोनल का ट्रीटमेंट करने के लिए डॉक्टर पल्मोनरी हायपरटेंशन (Pulmonary hypertension) का ट्रीटमेंट करते हैं। सबसे पहले डॉक्टर जानने की कोशिश करते हैं कि किस कारण से पल्मोनरी हायपरटेंशन की समस्या हुई है। डॉक्टर हाय ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए कुछ मेडिसिंस देंगे, जिससे ऑक्सीजन फ्लो इनकरेज होगा। फ्लूड रिटेंशन (Fluid retention) के लिए डॉक्टर डाययूरेटिक्स (Diuretics) दे सकते हैं। डाययूरेटिक्स सोडियम लेवल को कम करने का काम करती हैं। वहीं कुछ ब्लड थिनर्स (Blood thinners) को इस्तेमाल की जाने की भी सलाह दी जाती है। कॉर पल्मोनल का अगर सही समय पर ट्रीटमेंट न कराया जाए, तो हार्ट या लंग ट्रांसप्लांट की भी जरूरत पड़ सकती है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर ऑक्सिजन थेरेपी (Oxygen therapy.) भी दे सकते हैं।
कॉर पल्मोनल के ट्रीटमेंट के दौरान कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स ( calcium channel blockers) का इस्तेमाल कठिन या जटिल हो सकता है। ये दवाएं कैल्शियम को रक्त वाहिकाओं की दीवारों की कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकती हैं और पल्मोनरी आर्टरीज को रिलेक्स करने का मौका देती हैं। इससे पल्मोनरी हायपरटेंशन कम हो जाता है लेकिन हार्ट या फिर रेस्पायरेटरी सिस्टम में बुरा प्रभाव पड़ता है।
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हाय बीपी की समस्या को कभी भी इग्नोर करने की भूल न करें। आपको हाय बीपी को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर कुछ मेडिसिंस देंगे। उनका रोजाना सही समय पर सेवन करने के साथ ही रोजाना एक्सरसाइज करें और खाने में शुगर और सॉल्ट की मात्रा को नियंत्रण में रखें। डायट में ऐसी चीजों को शामिल न करें जो आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करे। कुछ बातों का ध्यान रख आप बीपी को कंट्रोल में रख सकते हैं और साथ ही इससे होने वाली बीमारियों के खतरे को भी कम कर सकते हैं। आप इस बारे में डॉक्टर से भी जानकारी ले सकते हैं।
अगर आपको बीपी को कंट्रोल करने से संबंधित कोई प्रश्न पूछना है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको हार्ट से संबंधित कंडीशन कॉर पल्मोनल (Cor Pulmonale) के बारे में जानकारी मिल गई होगी। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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