कहते हैं ‘हार्ट हेल्दी = लाइफ वेल्थी’ (Heart healthy = Life wealthy)…. लेकिन नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार दिल के मरीजों की संख्या भारत में तेजी से बढ़ते जा रही है। ऐसी में दिल से जुड़ी बीमारियों या तकलीफों के बारे में जानना बेहद जरूरी है। इसलिए आज इस आर्टिकल में मायोकार्डियम इंफेक्शन (Myocardium infection) क्या है और मायोकार्डियम इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं, इससे जुड़ी पूरी जानकारी आपसे शेयर करेंगे।
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- मायोकार्डियम इंफेक्शन क्या हैं?
- मायोकार्डियम इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं?
- मायोकार्डियम इंफेक्शन के कारण क्या हैं?
- मायोकार्डियम इंफेक्शन का निदान कैसे किया जाता है?
- मायोकार्डियम इंफेक्शन का इलाज कैसे किया जाता है?
अब एक-एक कर इन सवालों के जवाब जानते हैं।
मायोकार्डियम इंफेक्शन (Myocardium infection) क्या हैं?
हार्ट के मसल्स में जब किसी भी कारण से सूजन आ जाए, तो इसे मेडिकल टर्म में मायोकार्डियम इंफेक्शन (Myocardium infection) या मायोकारडायटिस (Myocarditis) कहते हैं। मायोकार्डियम इंफेक्शन की समस्या होने पर हार्ट मसल्स के अलावा हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिस्टम (Heart’s electrical system) को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में लोगों को मायोकार्डियम इंफेक्शन के लक्षणों के बारे में समझना बेहद जरूरी है।
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मायोकार्डियम इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Myocardium infection)
मायोकार्डियम इंफेक्शन के लक्षण निम्नलिखित हैं। जैसे:
- सीने में दर्द (Chest pain) महसूस होना।
- सांस (Breathing) लेने में तकलीफ होना।
- तालु का फड़कना।
- दिल की धड़कन (Heart beat) तेज या धीमी होना।
- कमजोरी (Weakness) महसूस होना।
- आंखों के सामने अंधेरा छाना।
- बेहोश होना।
बच्चों में मायोकार्डियम इंफेक्शन होने पर निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं। जैसे:
- बच्चे को बुखार (Fever) आना।
- बच्चे का बेहोश (Faint) होना।
- सांस लेने में तकलीफ (Breathing problem) होना।
- तेजी से सांस (Breathing) लेना।
- हृदय गति (Heart beat) सामान्य से तेज या स्लो होना।
मायोकार्डियम इंफेक्शन की समस्या को अगर इग्नोर किया गया, तो कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए अगर आपको ऊपर बताये लक्षण महसूस हो रहें हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें। हालांकि ऐसी स्थिति क्यों शुरू हुई, इसलिए इसके कारणों को भी समझना जरूरी है।
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मायोकार्डियम इंफेक्शन के कारण क्या हैं? (Cause of Myocardium infection)
मायोकार्डियम इंफेक्शन या मायोकारडायटिस के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- वायरस (Virus)।
- बैक्टीरिया (Bacteria)।
- परजीवी (Parasite)।
- विषाक्त पदार्थों का सेवन करना।
इन ऊपर बताये कारणों के अलावा मायोकार्डियम इंफेक्शन सेल्फ एंटीजन के खिलाफ ऑटोइम्यून के सक्रिय होने की भी वजह से ऐसा हो सकता है।
मायोकार्डियम इंफेक्शन का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Myocardium infection)
मायोकार्डियम इंफेक्शन के निदान के लिए डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट की सलाह देते हैं। जैसे:
- ईसीजी (Electrocardiogram)– इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम टेस्ट की मदद से हार्ट के एलेट्रिकल इम्पल्स की जानकारी मिलती है।
- चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray)- चेस्ट एक्स-रे की मदद से हार्ट के शेप, साइज और हार्ट में मौजूद फ्लूइड की जानकारी मिलती है। इस टेस्ट की मदद से हार्ट फेलियर के भी संकेत मिल सकते हैं।
- कार्डियक एमआरआई (Cardiac MRI)- हार्ट मसल्स (Heart muscle) में हुए इंफ्लेमेशन (Inflammation) या इसके लक्षणों की जानकारी कार्डियक एमआरआई से मिल सकती है।
- इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)- इकोकार्डियोग्राम की सहायता से हार्ट बीट (Heart beat) की वजह से बनने वाले वेभ से भी मायोकार्डियम इंफेक्शन की जानकारी मिल सकती है।
- ब्लड टेस्ट (Blood test)- ब्लड टेस्ट की मदद से अगर किसी एंजाइम की वजह से हार्ट डैमेज होने की जानकारी मिलती है। यही नहीं ब्लड टेस्ट की सहायता से एंटीबॉडी एजेंट्स (Antibodies against) से भी जुड़ी इन्फॉर्मेशन मिलती है।
- कार्डियक कैथेटेराइजेशन (Cardiac catheterization) और एंडोमायोकार्डियल बायोप्सी (Endomyocardial biopsy)- पैर की नस से गर्दन से एक पतली ट्यूब हार्ट में पहुंचाया जाता है, जिससे हार्ट मसल्स के टिशू को बायोप्सी के लिए लैब टेस्ट में भेजा जाता है। इस टेस्ट की मदद से सूजन (Inflammation) या संक्रमण (Infection) की जानकारी मिलती है।
इन अलग-अलग टेस्ट की मदद से मायोकार्डियम इंफेक्शन (Myocardium infection) का निदान किया जाता है। हालांकि अगर पेशेंट को पहले से कोई अन्य शारीरिक परेशानी है, तो अन्य बॉडी चेकअप (Body checkup) की भी सलाह दी जा सकती है, जिससे मायोकार्डियम इंफेक्शन या मायोकारडायटिस का इलाज ठीक तरह से किया जा सके।
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मायोकार्डियम इंफेक्शन का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Myocardium infection)
मायोकार्डियम इंफेक्शन का इलाज इसके लक्षणों और कारणों को ध्यान में रखकर निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:
मेडिकेशन (Medication)-
एंजियोटेनसिन कंवर्टिंग एंजाइम (ACE) इन्हिबिटर्स (Angiotensin-converting enzyme (ACE) inhibitors)-
मायोकार्डियम इंफेक्शन की तकलीफ को कम करने के लिए एनालाप्रिल (Enalapril), केप्टोप्रिल (Captopril), लिसिनोप्रिल (lisinopril) जैसी अन्य दवाएं प्रिस्क्राइब की जा सकती हैं। इन दवाओं के सेवन से हार्ट में ब्लड फ्लो ठीक तरह से होता है और हार्ट मसल्स रिलैक्स भी कर पाते हैं।
एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin II receptor blockers [ARBs])-
मायोकारडायटिस के इलाज के लिए लोसार्टन (losartan) एवं वाल्सार्टन (valsartan) जैसी अन्य दवाएं प्रिस्क्राइब की जा सकती हैं। इन दवाओं के सेवन से हार्ट में ब्लड फ्लो ठीक तरह से होता है।
बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers)-
मायोकार्डियम इंफेक्शन के ट्रीटमेंट के दौरान टॉपोरोल-XL (Toprol-XL) या कार्वेडिलोल (Carvedilol) जैसी अन्य मेडिकेशन दी जा सकती हैं। बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers) हार्ट फेल (Heart failure) होने से बचाव में सहायक होती हैं।
ड्यूरेटिक्स (Diuretics)
मायोकार्डियम इंफेक्शन के ट्रीटमेंट के दौरान फ्यूरोसमाइड (Furosemide) जैसे लासिक्स (Lasix) दवा दी जा सकती है। ये दवा सोडियम एवं फ्लूइड रिटेंशन (Fluid retention) में मददगार मानी जाती है।
नोट: दवाओं के नाम और उनसे जुड़ी जानकारी सिर्फ समझने के लिए और ट्रीटमेंट प्रोसेस को जानने के लिए दी गई है। इनमें से किसी भी दवा का सेवन अपनी मर्जी से ना करें।
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मायोकार्डियम इंफेक्शन की स्थिति अगर गंभीर हो, तो ऐसी स्थिति में दवाओं के साथ-साथ निम्नलिखित तरह से भी इलाज की जा सकती है।
- इंट्रावेनस (IV) मेडिकेशन (Intravenous (IV) medications)- इस प्रोसेस से हार्ट को पंप करने में मदद मिलती है।
- वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (Ventricular assist devices)- हार्ट फेल होने से बचाव के साथ-साथ ब्लड पंप में भी सहायता मिलती है।
- इंट्रा-एयरोटिक बलून पंप (Intra-aortic balloon pump)- एक छोटी से ट्यूब की सहायता ब्लड फ्लो को बेहतर बनाया जाता है। इस दौरान एक्स-रे इमेज को ध्यान में रखकर इस प्रक्रिया अपनाई जाती है।
- एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सिजेनेशन (Extracorporeal membrane oxygenation)- अगर किसी पेशेंट में हार्ट फेल होने जैसी स्थिति या लक्षण नजर आते हैं, तो ऐसे में एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सिजेनेशन प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस प्रोसेस की मदद से कार्बन डायोक्साइड रिमूव किया जाता है, जिससे ब्लड एवं ऑक्सिजन सप्लाई बेहतर होती है।
बीमारी की गंभीरता और हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर मायोकार्डियम इंफेक्शन का इलाज किया जाता है।
अगर आप मायोकार्डियम इंफेक्शन (Myocardium infection) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप मायोकार्डियम इंफेक्शन (Myocardium infection) की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपके हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर मायोकार्डियम इंफेक्शन (Myocardium infection) ट्रीटमेंट जल्द से जल्द करेंगे।
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