यह तो था प्रोस्थेटिक वॉल्व एंडोकार्डाइटिस (Prosthetic Valve Endocarditis) के निदान से जुड़े टेस्ट्स और अन्य जानकारियां। अब जान लेते हैं इसके उपचार के बारे में।
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प्रोस्थेटिक वॉल्व एंडोकार्डाइटिस का उपचार (Treatment of Prosthetic Valve Endocarditis)
प्रोस्थेटिक वॉल्व एंडोकार्डाइटिस से हार्ट को नुकसान हो सकता है। ऐसे में इसका जल्दी निदान और उपचार जरूरी है। इस इंफेक्शन से बचने के लिए किन्हीं मामलों में अस्पताल भी जाना पड़ सकता है। जानिए, किस तरह से संभव है इस समस्या का उपचार?
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एंटीबायोटिक्स और शुरुआती उपचार (Antibiotics and Initial Treatment)
प्रोस्थेटिक वॉल्व एंडोकार्डाइटिस के उपचार के लिए डॉक्टर ओरल एंटीबायोटिक्स देते हैं, जिन्हें कम से कम चार हफ़्तों तक रोगी को लेना होता है। गंभीर स्थितियों में रोगी के उपचार के लिए अस्पताल में इंट्रावेनस(IV) (intravenous (IV)) का प्रयोग भी किया जा सकता है। इस दवाई के साथ ही डॉक्टर लगातार इस रोग के लक्ष्यों को नोटिस करते हैं।
सर्जरी (Surgery)
अमेरिकन एकेडेमी ऑफ फैमिली फिसिशन्स (American Academy of Family Physicians) के अनुसार अगर हार्ट वॉल्व डैमेज हो गए हों, तो सर्जरी की जरूरत हो सकती है। सर्जन हार्ट वॉल्व को रिपेयर कराने की सलाह दे सकते हैं। यह वॉल्व आर्टिफिशियल मेटेरियल या एनिमल टिश्यू से बने वॉल्व के साथ रीप्लस किया जा सकता है। सर्जरी उन मामलों में की जाती है, जब एंटीबायोटिक्स काम नहीं करती हैं या अगर मरीज को फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) हो। क्योंकि, हार्ट में इस इंफेक्शन के मामले में एंटीफंगल दवाईयां हमेशा प्रभावी साबित नहीं होती हैं।
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यह तो थी प्रोस्थेटिक वॉल्व एंडोकार्डाइटिस (Prosthetic Valve Endocarditis) के बारे में पूरी जानकारी। प्रोस्थेटिक वॉल्व एंडोकार्डाइटिस (Prosthetic Valve Endocarditis) एक दुर्लभ समस्या है, लेकिन अगर इसका उपचार सही समय पर नहीं होता है, तो यह घातक साबित हो सकती है। इस कंडिशन में एंटीबायोटिक के प्रयोग से अधिकतर लोग ठीक हो जाते हैं, लेकिन रिकवरी कई अन्य चीजों पर भी निर्भर करती हैं जैसे इंफेक्शन के कारण और रोगी की उम्र आदि। यही नहीं, जिन लोगों में इस समस्या का निदान जल्दी हो जाता है उनके जल्दी रिकवर होने की संभावना भी अधिक होती है।
इसके साथ ही डॉक्टर रोगी को हेल्दी हैबिट्स को फॉलो करने के लिए भी कह सकते हैं। जैसे सही आहार का सेवन, रोजाना व्यायाम, तनाव से बचना, पर्याप्त नींद और आराम करना आदि। इससे भी जल्दी रिकवर होने में मदद मिल सकती है।