नोवल कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर के किडनी रोगी बहुत चिंतित हो गए हैं। किडनी रोगियों को कोरोना से जोखिम होने का डर लग रहा है। क्या आप भी किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं और आपके मन में नोवल कोरोना वायरस को लेकर अनेक सवाल आ रहे हैं? आप सोच रहे हैं कि किडनी मरीजों को कोविड-19 से कितना खतरा हो सकता है? इस बारे में हमने देश के तीन दिग्गज डॉक्टरों से बात की है। आप भी जाने अपने सवालों के जवाब।
1. किडनी मरीजों को कोविड-19 से खतराः जानिए नोएडा के नेफ्रोलॉजिस्ट और वरिष्ठ डॉक्टर अनिल भट्ट की राय
किडनी मरीजों को कोविड-19 से कितना खतरा है और कैसे इन लोगों को अपना बचाव करना है। नोएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी और किडनी प्रत्यारोपण विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. अनिल भट्ट ने इस बारे में दी जानकारी।
प्रश्न- आपने अभी कितने कोरोना मरीजों का इलाज किया है, जो पहले से किडनी के रोग से ग्रस्त थे?
डॉ. अनिल भट्ट ने कहा, “मैंने अभी तक तीन मरीज देखे हैं, जिनमें से एक मरीज को आईसीयू में भर्ती किया गया था। इनको किडनी से जुड़ी पुरानी बीमारी नहीं थी, लेकिन ये बुजुर्ग थे। बाकी के दो रोगी डायलिसिस के पुराने मरीज थे। इन मरीजों को गले में खराश, खांसी और बुखार आदि की शिकायत थी। अभी उनका सातवां और आंठवां दिन है और सरकारी हॉस्पिटल से सभी मरीजों का इलाज चल रहा है।”
प्रश्न- किडनी मरीजों को कोविड-19 से खतराइनमें से कितने मरीजोंं की मृत्यु हुई?
इनमें से अभी तक किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है।
प्रश्न- किडनी मरीजों को कोविड-19 से खतराये मरीज कोरोना से कैसे संक्रमित हुए?
इसके बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिली है। ये लोग कहीं बाहर से भी यात्रा करके नहीं आए थे।
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प्रश्न- किडनी वाले मरीजों को कोरोना से लड़ने में कितनी मुश्किल हुई?
किडनी के डॉक्टर अनिल भट्ट के अनुसार, “खासकर डायलिसिस वाले मरीजों को कोरोना से लड़ने में कई तरह की मुश्किलें आती हैं। उनको लॉकडाउन में भी हफ्ते में दो से तीन बार हॉस्पिटल आना है। यही उनकी सबसे बड़ी परेशानी है। ये लोग बहुत सारी दवाओं का सेवन करते हैं और इनको दवा का सेवन करना जरूरी होता है। लॉकडाउन के कारण पेशेंट को दवा मिलने में दिक्कत हो रही है, लेकिन हमने उनके लिए व्यवस्था करवाई हैं। टेलिफोनिक कंसल्टेंशन करके उनके लिए दवा का इंतजाम कराया जा रहा है।”
प्रश्न- ऐसे का इलाज करते समय आप क्या-क्या सुरक्षा उपाय करते हैं?
हम लोग जब भी पेशेंट के पास जाते हैं, तो मास्क जरूर पहनते हैं। पेशेंट या हॉस्पिटल के चीजों को छूने पर अपने हाथ को जरूर धोते हैं। एल्कोहल वाले सेनिटाइजर से हाथ साफ करते हैं। हम कोशिश करते हैं कि जब तक बहुत जरूरी न हो, तो मरीज और उनके रिश्तेदारों से एक सुरक्षित दूरी बनाकर रहा जाए। स्टॉफ को भी गाउन, गॉगल, फेश शीड, मास्क आदि सभी पहनकर पेशेंट की देखभाल करने को कहा गया है।
प्रश्न- आप मरीजों को क्या-क्या सुरक्षा उपाय करने की सलाह देते हैं?
हमने मरीजों को कई तरह के दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा जरूरी है कि वे मास्क पहने रहें। जब भी वे हॉस्पिटल में आएं, तो हॉस्पिटल में घुसने से पहले और हॉस्पिटल से निकलने के बाद तक मास्क जरूर पहने रहें। हॉस्पिटल में किसी चीज को छूने या चेहेरे पर हाथ ले जाने से पहले अपना हाथ जरूर धोएं। एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर का उपयोग करें।
प्रश्न- किडनी मरीजों के कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद, उनके जीवन पर खतरा कितना बढ़ जाता है।
नेफ्रोलॉजिस्ट अनिल भट्ट ने बताया, “किडनी मरीजों के कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद मृत्यु का खतरा ज्यादा रहता है। कोरोना संक्रमण के कारण किडनी से संबंधित बीमारी अधिक बढ़ जाती है। इन लोगों के किडनी में डिस्फंक्शन जल्दी बढ़ जाता है और इसलिए किडनी रोगियों को कोविड-19 से जोखिम की संभावना ज्यादा होती है।”
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प्रश्न- सामान्य कोरोना रोगी और ऐसे रोगी के लिए हॉस्पिटल में क्या अलग उपाय किए जाते हैं?
सोशल डिस्टेंसिंग के प्रावधान बनाए गए हैं। हर रोगी को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। जब भी कोई किडनी का मरीज हमारे पास इलाज कराने आता है और हमें लगता है कि वह कोरोना से संक्रमित हो सकता है, तो हम उसे आइसोलेटेड जगह पर ही उसकी जांच करते हैं। अगर उसे डायलिसिस की जरूरत है, तो आइसोलेटेड एरिया में ले जाकर ही उसकी डायलिसिस करते हैं। इसके बाद सरकार के निर्देशों के अनुसार, रोगी के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि के बाद उन्हें सरकारी हॉस्पिटल में जांच के लिए भेजा जाता है।
प्रश्न- इन मरीजों को दूसरे मरीजों की तुलना में क्या विशेष सावधानी बरतनी चाहिए?
जेपी हॉस्पिटल के किडनी स्पेशलिस्ट के मुताबिक, “इनको नियमित तौर पर अपनी दवाई का सेवन करना है, ताकि शरीर में और दूसरी तकलीफ न हो। इमरजेंसी में अस्पताल न जाना पड़े। डायलिसिस के मरीज हैं, तो उन्हें नियमित रूप से डायलिसिस कराना है, ताकि उनकी बीमारी न बढ़े। ट्रांसप्लाट के मरीजों को नियमित रूप से ट्रांसप्लांट संबंधी दवाई खानी है। नियमित तौर पर अपने ब्लड की जांच करानी है। टेलिफोन पर संपर्क करते रहना है।”
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2. किडनी मरीजों को कोविड-19 से खतराः जानिए मुंबई के डॉ. महेश प्रसाद की राय
किडनी मरीजों को कोविड-19 से कितना खतरा है और कैसे इन लोगों को अपना बचाव करना है। मुंबई के मीरा रोड स्थित वॉकहार्ट हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी और किडनी प्रत्यारोपण विभाग के कंसल्टेंट डॉ. महेश प्रसाद ने इस बारे में दी जानकारी।
प्रश्न-किडनी मरीजों को कोविड-19 से खतरा: क्या किडनी मरीजों को कोविड-19 के कारण ज्यादा खतरा हो सकता है?
डॉ. महेश प्रसाद ने कहा, “हां, किडनी मरीजों को कोविड-19 के कारण ज्यादा खतरा हो सकता है, क्योंकि उनका शरीर पहले से ही बहुत कमजोर होता है। उनके शरीर की रोग प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर होती है, इसलिए उनको नोवल कोरोना संक्रमण से लड़ने में दूसरे मरीजों की तुलना में मुश्किल होती है। लगातार डायलिसिस कराने के कारण ये लोग शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं। इसके अलावा इनके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होती है।”
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प्रश्न- किडनी मरीजों को कोविड-19 से खतरा ना हो, इसके लिए क्या विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए?
वॉकहार्ट हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजिस्ट ने कहा कि किडनी रोगियों को कोविड-19 से ज्यादा खतरा होता है, इसलिए इन मरीजों ये सभी सावधानी रखनी चाहिएः-
- दवाओं का पूरा स्टॉक रखें।
- दूसरे लोगों से दूरी बनाए रखें और रोज इसका पालन करें।
- जब भी घर से बाहर किसी सार्वजनिक जगह पर जाएं, तो दूसरे लोगों से दूर रहें।
- किसी भी बीमार व्यक्ति के संपर्क में न आएं। संपर्क करने वाले लोगों की लिस्ट को सीमित करें।
- बराबर अपने हाथ धोएं।
- जितना संभव हो, भीड़ से बचें।
- कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जितना संभव हो सके, घर पर रहें।
प्रश्न- आप बता रहे हैं कि किडनी मरीजों को कोविड-19 से ज्यादा खतरा होता है। ऐसे में आप इन रोगियों को क्या सलाह देंगे।
अगर किडनी रोगी डायलिसिस पर हैं, तो उन्हें अपना इलाज कराना कभी नहीं भूलना है। अगर वे अपने आपको बीमार महसूस करते हैं या फिर उनके मन में कोई सवाल आता है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना है।
प्रश्न- किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीजों को कोविड-19 से कितना खतरा हो सकता है और ऐसे रोगियों को आप क्या सलाह देना चाहेंगे।
अगर आपका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है, तो एंटी-रिजेक्शन दवा खाना न भूलें। साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह मानें।
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प्रश्न- क्या क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) वाले मरीजों को लोगों के बीच मास्क पहनकर जाना चाहिए
नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. महेश प्रसाद के अनुसार, “मेरी सलाह से क्रोनिक किडनी डिजीज वाले मरीजों को घर पर रहना ही सबसे अच्छा है, नहीं तो उन्हें कोविड-19 से खतरा हो सकता है। जब तक इन मरीजों को डायलिसिस के लिए घर से बाहर निकलने की मजबूरी न हो, तब तक घर से बाहर न निकलें।”
प्रश्न- सोशल मीडिया पर ऐसी कई खबरें हैं, जिसमें किडनी मरीजों को कोविड-19 से जो खतरा है, उसे कम करने के लिए उपाय बताए जा रहे हैं। इस बारे में आपका क्या कहना है।
कोविड-19 एक नया वायरस है और अभी तक इसका इलाज नहीं ढूंढ़ा जा सका है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कुछ साबित नहीं हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) जैसे प्रमुख स्वास्थ्य संगठनों ने ऐसा कोई दावा भी नहीं किया है।
प्रश्न- किडनी मरीजों को कोविड-19 से खतरा: किडनी के मरीजों को अपनी दवाओं को बंद करने से क्या खतरा हो सकता है
किडनी प्रत्यारोपण विभाग के डॉक्टर महेश प्रसाद के मुताबिक, “किडनी मरीजों को कोविड-19 से ज्यादा खतरा है, इसलिए जब तक किडनी के रोगियों को उनके डॉक्टर दवाओं को बंद करने की सलाह न दें, तब तक उनको दवा का सेवन जरूर करना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि इन मरीजों को ब्लड प्रेशर के एंजाइम इंहिबिटर्स एंजियोटेनसिन (ACEs) और रिसेप्टर ब्लॉकर्स (ARBs) एंजियोटेंसिन नामक दवा का सेवन नहीं रोकना चाहिए। ये दवाएं किडनी की बीमारी वाले रोगियों में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने का काम करती हैं। इनको रोकने से रोगियों को दिल का दौरा, स्ट्रोक या किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी हो सकती है।
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प्रश्न- किडनी ट्रांसप्लांट वाले मरीजों को इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाएं बंद करने कितना खतरा हो सकता है
जब तक डॉक्टर न कहें, किडनी ट्रांसप्लांट वाले मरीजों को अपने इम्यूनोसप्रेसेन्ट्स लेना बंद नहीं करना चाहिए। खुराक भी कम नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से बहुत नुकसान हो सकता है।
प्रश्न- किडनी मरीजों को कोविड-19 से खतरा: किडनी मरीजों को शरीर में दर्द या बुखार होने पर कौन-सी दवा लेनी चाहिए
आमतौर पर किडनी वाले मरीजों को नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लामेटरी दवाओं (एनएसएआईडी) जैसे आइबूप्रोफेन से बचने के लिए कहा जाता है। दर्द और बुखार के लिए डॉक्टर एसिटामिनोफेन दवा लेने की सलाह देते हैं।
अगर किसी डॉक्टर ने किसी मरीज को किसी खास कारण से नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लामेटरी दवाओं लेने की सलाह दी है, तो उन्हें इस दवा को कोविड-19 के कारण बंद नहीं करना है। किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछना है।
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3. किडनी मरीजों को कोविड-19 से खतराः जानें द रेनल प्रोजेक्ट के संस्थापक शशांक मोढिया की राय
किडनी मरीजों को कोविड-19 से ज्यादा खतरा के सवाल पर द रेनल प्रोजेक्ट के संस्थापक शशांक मोढिया ने कहा, “जब तक बहुत जरूरत न हो, तब तक किडनी रोगियों को डायलिसिस केंद्रों पर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें कोविड-19 का खतरा हो सकता है। किडनी मरीजों को कोरोना से खतरा न पहुंचे, इसके लिए हॉस्पिटल प्रशासन को सभी भर्ती रोगियों और कर्मचारियों की जांच करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि कोई हॉस्पिटल कर्मचारी छुट्टी से आकर नौकरी ज्वाइन करता है, तो भी उसकी जांच भी होनी चाहिए, ताकि किडनी मरीजों को कोविड-19 से खतरा न हो। इसके साथ ही किडनी रोगियों या किसी को भी कोविड-19 का खतरा न हो, इसके लिए दवाई से वस्तुओं और स्थानों को कीटाणुरहित करना चाहिए। कोविड-19 के लक्षण वाले सभी कर्मचारियों को खुद को क्वारंटाइन कर लेना चाहिए।