त्रिफला, एक बहुत ही प्रभावकारी अषौधी है, यह हजारों सालों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस्तेमाल की जाने वाली महत्वपूर्ण हर्ब है। त्रिफला के फायदे (Benefits of Triphala) अनेक हैं। यह 1,000 से अधिक वर्षों से उपचार के उपाय के रूप में इस्तेमाल किया गया है। यह दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है, जिसकी उत्पत्ति 3,000 साल पहले भारत में हुई थी। इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। कई गंभीर बीमारियों में भी इसका घरेलू उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। त्रिफला के फायदे (Benefits of Triphala) जानिए यहां:
त्रिफला क्या है (what is Triphala)?
त्रिफला का उपयोग पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्राचीन काल से कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जा रहा है, जैसे कि पेट की बीमारियों से लेकर दंत की परेशानी तक के लक्षणों के उपचार में बहुत प्रभावी देखा गया है। इसे एक पॉलीहर्बल दवा माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इसमें कई अलग-अलग औषधीय जड़ी-बूटियां हैं। पॉलीहर्बल फॉर्मूलेशन लोकप्रिय रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किए जाते हैं। यह माना जाता है कि सहक्रियात्मक जड़ी-बूटियों के संयोजन से अतिरिक्त चिकित्सीय प्रभाव पड़ता है और यह अकेले लिए गए किसी भी कॉम्पोनेंट की तुलना में अधिक शक्तिशाली उपचार है। त्रिफला भारत के मूल निवासी निम्नलिखित तीन पौधों के ड्राय फ्रूट्स का मिश्रण है।
और पढ़ें:गैस्ट्राइटिस की समस्या से छुड़ाना चाहते हैं पीछा, तो ये 3 आयुर्वेदिक जड़ी बूटी हैं अत्यधिक लाभकारी
आंवला (Gooseberry)
आंवला आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय आंवला एक छोटे से मध्यम आकार के पेड़ का खाने योग्य फल है। यह स्वाद में होता है। इस कारण से, आंवले का अक्सर अचार या मीठा मुरब्बा बनाया जाता है। भारतीय आंवला और इसके अर्क का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में कब्ज जैसे लक्षणों के इलाज के लिए किया जाता है और कैंसर की रोकथाम में भी इसका उपयोग किया जाता है। इसमें विटामिन सी, अमीनो एसिड और खनिजों में उच्च है। इनमें फिनोल, टैनिन, फाइलेम्बेलिक एसिड, रुटिन, करक्यूमिनोइड्स और एम्ब्लिकॉल जैसे शक्तिशाली पौधे यौगिक भी होते हैं।
और पढ़ें : कहीं बढ़ता ब्लड शुगर लेवल हायपरग्लायसेमिक हायपरोस्मोलर सिंड्रोम का कारण ना बन जाए?
टर्मिनलिया बेलिरिका
टर्मिनलिया बेलिरिका एक बड़ा पेड़ है, जो आमतौर पर दक्षिण पूर्व एशिया में उगता है। इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में “बिभीतकी” के रूप में जाना जाता है। इसका का उपयोग बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण जैसी सामान्य बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इसमें मौजूद टैनिन, एलाजिक एसिड, गैलिक एसिड, लिग्नांस और फ्लेवोन के साथ-साथ कई अन्य शक्तिशाली पौधे यौगिक होते हैं।
टर्मिनलिया चेबुला (Terminalia chebula)
यह एक औषधीय पेड़ है, जो पूरे मध्य पूर्व, भारत, चीन और थाईलैंड में उगता है। इस पौधे को आयुर्वेद में “हरितकी” के रूप में जाना जाता है, जहां टर्मिनालिया चेबुला पेड़ के छोटे, हरे फल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। यह त्रिफला के मुख्य घटकों में से एक है। इसे अक्सर “दवाओं का राजा” कहा जाता है। इसका उपयोग प्राचीन काल से ही दिल के रोग, पेट के रोग, अल्सर और अस्थमा की बीमारियों सहित कई स्थितियों के लिए एक उपाय के रूप में किया जाता रहा है। हरीतकी में टेरपेनस, पॉलीफेनोल्स, एंथोसायनिन और फ्लेवोनोइड जैसे फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जिनमें से सभी के शक्तिशाली स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
त्रिफला के फायदे जानिए यहां, कई हेल्थ बेनेफिट्स हैं (Know the benefits of Triphala here, there are many health benefits)
त्रिफला को कई सामान्य बीमारियों के इलाज और क्रॉनिक डिजीज को रोकने के तरीके के रूप में प्रचारित किया जाता है।
त्रिफला के फायदे : इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण हैं (It has anti-inflammatory properties)
त्रिफला में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में कई गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करते हैं। इसमें विटामिन सी, फ्लेवोनोइड्स, पॉलीफेनोल्स, टैनिन और सैपोनिन के साथ-साथ अन्य शक्तिशाली पौधों के यौगिक शामिल हैं। ये यौगिक फ्री रेडिक्लस के कारण होने वाले ऑक्सिडेटिव तनाव से लड़ने में मदद करते हैं, जो अणु होते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और पुरानी बीमारी में योगदान कर सकते हैं। एंटीऑक्सिडेंट युक्त आहार के सेवन से हृदय रोग, कुछ कैंसर, डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मददगार पाया गया है।
और पढ़ें :हर्बल एंड अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट से हो सकता है कई बीमारियों का इलाज, जानिए
त्रिफला के फायदे : कई प्रकार के कैंसर के भी रक्षा करता है (It also has anti-inflammatory properties that protect against many types of cancer)
कई टेस्ट-ट्यूब और जानवरों के अध्ययन में त्रिफला को कुछ कैंसर से बचाने के लिए प्रभावकारी देखा गया है। कई शोधकर्ताओं का मानना है कि त्रिफला में मौजूद शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट जैसे गैलिक एसिड और पॉलीफेनोल्स, कैंसर से लड़ने वाले गुणों के लिए मददगार हो सकते हैं। त्रिफला का सेवन पेट में होने वाले कई प्रकार के कैंसरों से भी रक्षा करता है।
त्रिफला के फायदे : दंत रोग और गुहाओं से रक्षा कर सकता है (Could protect against dental disease and cavities)
त्रिफला दांतों के स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ पहुंचा सकता है। त्रिफला में रोगाणुरोधी और एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो प्लेक के गठन को रोकने में मदद कर सकते हैं। यह मसूड़े की सूजन का एक सामान्य कारण है। इसलिए इसका सेवन दांतों के रोग के उपचार में लाभदायक है। इससे मसूड़ों की सूजन में आराम मिलता है और बैक्टीरिया की वृद्धि कम हो जाती है।
और पढ़ें : Palate Expanders: दांतों के लिए पैलेट एक्सपानडर का चुनाव करते समय क्या ध्यान रखें?
त्रिफला के फायदे : वजन घटाने में मदद कर सकता है (Can help with weight loss)
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि त्रिफला वेट लाॅस में भी काफी मदद करता है। जैसा कि त्रिफला में एंटीऑक्सिडेंट की अधिक मात्रा होती है, तो यह मेटाबॉलिज्म रेट को भी बढ़ाता है और एक्स्ट्रा फैट को घटाने में मदद करता है। इसलिए वेटलॉस में त्रिफला का बहुत ज्यादा महत्व है।
और पढ़ें : डायबिटीज में वेट लॉस एक्सरसाइज: आसानी से कर सकते हैं डायबिटीज पेशेंट इन 7 एक्सरसाइज
त्रिफला के फायदे : कब्ज की समस्या में आराम देता है (Gives relief in constipation problem)
त्रिफला का उपयोग प्राचीन काल से कब्ज जैसे पाचन समस्याओं में प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता रहा है। त्रिफला डायजेशन और मेटाबॉलिज्म दोनों को ही मजबूत बनाने में मदद करता है। यह डायजेस्टिव ट्रैक्ट को क्लीन करता है और उसे मजबूत बनाए रखने में मदद करता है।
और पढ़ें : कॉन्स्टिपेशन से राहत दिलाने वाले फूड्स: कब्ज से परेशान हैं तो इन्हें डायट में कर लें शामिल
वैसे त्रिफला स्वास्थ के लिए फायदेमंद है।अगर आप प्रेग्नेंट हैं या अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं, तो आपको त्रिफला का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान त्रिफला का सेवन करने से आपको मिसकैरेज भी हो सकता है। इसलिए कुछ प्रकार के हेल्थ कंडिशन में इसे घरेलू उपचार के तौर भी अपने मन से न लें। कुछ भी लेने से पहले डॉक्टर से एक बार बात जरूर करें। त्रिफला कुछ लोगों में दस्त और आंतों की परेशानी का कारण हो सकता है और कुछ दवाओं के साथ रिएक्शन कर सकता है। बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और रक्तस्राव विकारों वाले लोगों को इससे बचना चाहिए। यह कैप्सूल, पाउडर या तरल सहित कई रूपों में उपलब्ध है। आपके लिए किस रूप और मात्रा में सही है। यह डॉक्टर के सलाह पर ही लें। त्रिफला के फायदे के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
[embed-health-tool-bmi]