बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स भी बढ़ती जाती हैं, जैसे मेनोपॉज और यूरिन लीकेज की प्राॅब्लम को ही ले लीजिए। अगर हम यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस की बात कर ही रहे हैं, तो आपको बता दें कि कई बार मेनोपॉज की अवस्था भी यूरिन लीकेज का कारण बन सकती है। जिन महिलाओं में मेनोपॉज का समय करीब होता है, उनमें यह दिक्कत ज्यादा देखी जाती है। महिलाओं में लीकिंग यूरिन प्रॉब्लम कई बार उनके लिए शर्मिंदगी की वजह भी बन जाती है। इसमें उनके ब्लैडर की क्षमता इतनी कमजोर हो जाती है कि वो यूरिन को कंट्रोल नहीं कर पाती हैं। इसे फ्रीक्वेंट यूरीनेशन की स्थिति कहते हैं।
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मेनोपॉज (Menopause) और यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस (Urinary Incontinence) में क्या संबंध है?
यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस को लाॅस ऑफ ब्लैडर कंट्रोल भी कहा जाता है। बहुत सी माहिलाओं का अनुभव है कि उन्हें मेनोपॉज की अवस्था में इसका सामना करना पड़ा है। शायद आपने भी कभी ध्यान दिया होगा कि आपको या किसी को कहते हुए सुना होगा कि भारी समान उठाते समय, हंसते समय, खांसते समय या एक्सरसाइज करते समय, उन्हें यूरिन की कुछ ड्रॉप पास हो जाती है, यानि कि पेशाब निकल जाती है। यह प्राॅब्लम मेनोपॉज की स्थिति के अलावा प्रेग्नेंट महिलाओं को या जिनकी कुछ दिनों में डिलवरी हुई है, उनमें देखने को मिल सकती है।
अगर हम मेनोपॉज में होने वाले यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस की बात करें, तो ऐसा महिलाओं में होने वाले ईस्ट्रोजन हाॅर्मोन की कमी हो सकती है, जो आपके मेंस्ट्रुएशन सायकल को भी सही बनाए रखती है। यह हॉर्मोन आपके मूत्राशय और बल्डर के फंक्शन को भी अच्छा बनाए रखने में मदद करती है। यदि आप मेनोपॉज के करीब हैं, तो आपमें ईस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाएगा और जिसके कारण यह सब स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
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क्या हैं यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस के कारण? (Causes of Urinary Incontinence)
स्ट्रेस इंकॉन्टिनेंस (Stress Incontinence)
अर्ज इंकॉन्टिनेंस (Urge Incontinence)
ओवरफ्लो इंकॉन्टिनेंस
जब आपका ब्लैडर यूरिन के दौरान पूरी तरह से खाली नहीं होता है और फिर धीरे-धीरे ड्रॉप की तरह लीकेज होता है, तो इसे ओवरफ्लो इंकॉन्टिनेंस कहते हैं। इसमें आपके कमजोर यूरिनरी ट्रैक्ट के कारण आपके ब्लैडर की मांसपेशियां अंडरएक्टिव होने लगती हैं।
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यूआई (UI) से होने वाले रिस्क (Risk Factor)
केवल मेनोपॉज ही, ब्लैडर कंट्रोल प्रॉब्लम का ही कारण नहीं है। यदि आप मेनोपाॅज की स्थिति में हैं, तो कुछ स्थितियां, आपमें इसके रिस्क को बढ़ा सकती हैं, जैसे कि:
एल्काेहॉल और कैफीन का सेवन (Drinking Alcohol or Caffeine)
अल्कोहॉल और कैफेन वाले ड्रिंक का सेवन यूरिनरी ब्लैडर को जल्दी भर देता है। यह भी एक कारण हो सकता है।
इंफेक्शन (Infections)
कई बार इंफेक्शन भी यूरिनरी ट्रेक्ट और टैम्परेरी ब्लैडर की प्रॉब्लम हो सकती है। जब इंफेक्शन खत्म हो जाता है, तो स्थिति में सुधार होने लगता है।
नर्व डैमेज (Nerve Damage)
नर्व डैमेज, जैसे कि ब्रेन में हुई कोई बीमारी और चोट के कारण भी यूरिन लगने पर, दिमाग का सेंसर काम नहीं करता है और यह प्रॉब्लम हो सकती है।
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कब्ज (Constipation)
क्रॉनिक डिजीज और कब्ज के कारण भी ब्लडर की कंट्रालिंग पाॅवर कम हो जाती है। इसके कारण पेल्विक की मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं। जिसके कारण यूरिन को रोकने में दिक्कत आती है।
ओवरवेट प्रॉब्लम (Overweight)
जिन महिलाओं का वजन अधिक होता है, उनमें भी यूआई (UI) होने का खतरा ज्यादा होता है। अधिक मोटापे के कारण आपके ब्लैडर पर अधिक जोर पड़ता है। जिससे भी यह समस्या भी आपमें हो सकती है।
बढ़ती उम्र
बढ़ती उम्र के कारण भी महिलाओं का ब्लैडर कमजोर होने लगता है। जिससे उनकी यूरिन को कंट्रोल करने की क्षमता कमजोर होने लगती है।
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यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस के लिए जरूरी टेस्ट
अगर आपको यह समस्या काफी लंबे समय से बनी हुई है, तो आपको यूरोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। वो इस समस्या का कारण पता लगाने के लिए निम्नलिखित जांच करवा सकते हैं, जैसे कि:
फिजिकल यूरिन टेस्ट (Physical urine stress test) : इसके लिए डाॅक्टर आपको पानी पीने को बोलेंगे, ताकि आपका ब्लडैर पानी से भर जाए। इसके बाद वो आपको खड़े को चलने, हंसने या किसी समान को उठाने के लिए बोलेंगे। ताकि वो चेक कर संके कि ऐसा करने से किसी प्रकार की यूरिन लीकेज हो रही है। यदि हां, तो वाे उसका उस हिसाब से उपचार शुरू करेंगे।
ब्लैडर अल्ट्रासाउंड (Bladder ultrasound): इस टेस्ट में डॉक्टर अल्ट्रासाउंड की इमेज द्वारा ब्लैडर की कंडिशन का पता करेंगे। आपको पेल्विक की मांसपेशियों को चैेक करेंगे। यदि आपकी मांसपेशियां कमजाेर हो गई होगी, तो यह उसमें पता चल जाएगा। अल्ट्रासाउंड की जांच बहुत जरूरी है डॉक्टर को आपकी प्राॅब्लम के बारे में पता चल पााएगा। आपका डॉक्टर उसी अनुसार आपकी मेडिसन शुरू कर पांएगे।
सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy): गंभीर मामलोंं में डॉक्टर आपके ब्लैडर की असल पोजिशन जानने के लिए सिस्टोस्कोपी जांच कर सकते हैं। यह परीक्षण के दौरान आपके मूत्राशय के अंदर का हिस्सा देखा जाता है। इसके लिए पेशेंट को एनेस्थीसिया दिया जाएगा ताकि उन्हें कोई दर्द न हो। इसके बाद, डॉक्टर आपके मूत्रमार्ग के रास्ते से कैमरे के साथ एक पतली टयूब डालेंगे। जिससे अंदर की असल पोजिशन के बारे में पता चलेगा।
इन टेस्ट के आधार पर डॉक्टर यह पता लगा पाएंगा कि आपको दिक्क्त क्या है और ब्लैडर की पोजिशन कैसी है। जिसके आधार पर वो आपको ट्रीटमेंट कर पाएंगे। आपकी समस्या मेडिसन से ठीक हो सकती है या आपको किसी प्रकार की सर्जरी की जरूरत है। यह बात के इन टेस्ट के रिपोर्ट पर निर्भर करती है। आप के लिए सही रहेगा कि आपको यह समस्या
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यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस का उपचार (Treatment Options)
मेडिकेशन (Medications)
अगर यूआई (UI) प्रॉब्लम की मेडिकेशन की बात करें, तो डॉक्टर आपको कुछ मेडिसिन लिख सकते हैं, जैसे कि वे मिरेबेग्रोन (मायब्रेट्रीक) लिख सकते हैं, एक विशेष प्रकार की दवा है, जिसे बीटा -3 एड्रीनर्जिक रिसेप्टर एगोनिस्ट भी कहा जाता है। यह आपके पेल्विक की मांसपेसियों को टाइट करते हैं।
नर्व स्टिम्यूलेशन (Nerve Stimulation)
यदि आपकी यूआई नर्व कमजोर है, तो उन मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए डाॅक्ट
र इलैट्रिक्ल स्टिम्यूलेशन ट्रीटमेंट की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं। इसमें पेल्विक की मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है। पेल्विक की मांसपेशियों के टाइट होने से यूरिन लीकेज की प्रॉब्लम को कंट्रोल किया जा सकता है। इससे आपको छींक आने पर या किसी भारी समान के उठाने पर यह प्रॉब्लम नहीं होगी।
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सर्जरी (Surgery)
यूआई की इस समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर आपको सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। जिसमें वो आपके ब्लैडर को पोजिशन को सही करेंगे। यह मरीज के लिए एक परमनेंट इलाज हो सकता है । इसमें यूरिन लीकेज की प्राॅब्लम को रोकने के लिए डॉक्टर यू आकार की जालीदार गोफन को डालते हैं। इससे उन्हें यह प्रॉब्लम नहीं होती है। पर यह उन्हीं महिलाओं के लिए हैं, जो भविष्य में बच्चे प्लान नहीं करना चाहती हैं।
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क्या करें
इस प्रॉब्लम से बचने के लिए कुछ गलतियां न करें, जैसे कि:
- अगर आपको मेनोपाॅज के साथ इस समस्या से बचना है, तो आपको अपने डायट से कैफीन की मात्रा को कम करना होगा।
- अपने ब्ल्डैर की मांसपेशियों पर दबाव को कम करने के लिए अपने वेट को कंट्रोल में रखें। मोटापे की शिकार न हों।
- इस समस्या को बचने के लिए, अपने पैल्विक की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए कुछ जरूरी व्यायाम करें।
- अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं।
- खाने में शुगर की मात्रा को कम करें। जिससे आपकी यह समस्या काफी हद तक ठीक होगी।
- हरी सब्जियों का सेवन करें।
- डॉक्टर जितना बाले आप उतना ही पानी पिएं। जरूरत से ज्यादा पानी न पिंए, नहीं तो आपकी प्रॉब्लम बढ़ सकती है।
न करें ये गलतियां
- कैफीन की मात्रा कम करें
- अगर आपको मेनोपाॅज के साथ इस समस्या से बचना है, तो आपको अपने डायट से कैफेन की मात्रा को कम करना होगा।
- अपने ब्ल्डैर की मांसपेशियों पर दबाव को कम करने के लिए अपने वेट को कंट्रोल में रखें। मोटापे की शिकार न हों।
- इस समस्या को बचने के लिए, अपने पैल्विक की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए कुछ जरूरी व्यायाम करें।
- अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं।
- खाने में शुगर की मात्रा को कम करें। जिससे आपकी यह समस्या काफी हद तक ठीक होगी।
यूरिनरी लीकेज की प्रॉब्ल्म के कारण आपको किसी के सामने शर्मिंदा न होना पड़े, तो इसके लिए आप दवाइयों के साथ कई और टिप्स भी अपना सकते हैं। आप किसी लोकल ड्रगस्टोर पर जाकर एब्जॉरेंट पैड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह पतला होता है और अंडगार्मेंट्स के साथ आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आपको बहुत ज्यादा प्राॅब्लम है, तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।