बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) क्या है?
यह एक गंभीर मानसिक स्थिति है, जिसके कारण अत्यधिक मूड स्विंग्स होता है। आप एक पल बहुत खुश होते हैं, तो अगले ही पल बेहद दुखी हो जाते हैं। बीच-बीच में सामान्य मूड भी रहता है, लेकिन जब मूड खराब होता है, तो मरीज निराश और हारा हुआ महसूस करते हैं और अपनी दैनिक गतिविधियों में इंट्रेस्ट खो देते हैं। जब मूड अच्छा होता हैं, तो वे उत्साह और ऊर्जावान महसूस करते हैं, जो मामले गंभीर होते हैं, उनमें ये मूड स्विंग्स सप्ताह या साल में दो से चार बार से लेकर कई बार तक हो सकता है।
बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) की वजह से रिश्तों में खटास, नौकरी या स्कूल में खराब प्रदर्शन और यहां तक कि आत्महत्या की स्थिति भी आ सकती है। मूड स्विंग्स को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर से परामर्श की जरूरत पड़ सकती है।
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बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) कितना आम है?
बायपोलर डिसऑर्डर अक्सर किशोर या वयस्क लोगों में देखा जाता है, लेकिन बच्चों को भी बायपोलर डिसऑर्डर हो सकता है। सभी मामलों में से कम से कम आधे मामलों में यह देखा गया है कि यह डिसऑर्डर 25 साल की उम्र से पहले शुरू हो जाता हैं और पूरे जीवन भर चलता हैं। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श लें।
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बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के लक्षण क्या हैं?
जब किसी को बायपोलर डिसऑर्डर होता है, तो वह असामान्य रूप से तीव्र भावनात्मक अनुभव करता हैं, जिसे “मूड एपिसोड’ भी कहते हैं। हर एपिसोड की अवधि अलग होती हैं। प्रत्येक मूड एपिसोड में मरीज सामान्य मूड और व्यवहार की तुलना में एक अलग व्यवहार करता है।
अत्यधिक प्रसन्न अवस्था को एक ‘मैनिक एपिसोड’ कहा जाता है और एक अत्यंत दुखद या निराशाजनक स्थिति को ‘डेप्रेसिव एपिसोड’ कहा जाता है। कभी-कभी, एक मूड एपिसोड में खुशी और डिप्रेशन दोनों के लक्षण शामिल हो सकते हैं या देखे जा सकते हैं। इसे मिक्स स्टेट कहा जाता है। मूड एपिसोड के दौरान मरीज एग्रेसिव और चिड़चिड़े भी हो सकते हैं।
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एक मैनिक एपिसोड के दौरान निम्नलिखित संकेत और लक्षण नजर आ सकते हैं:
- अत्यधिक खुश और उत्साहित महसूस करना
- बेहद चिड़चिड़ा होना
- ज्यादा खाना
- बहुत कम सोना या नींद नहीं आना
- इम्पल्सिव व्यवहार करना
- बहुत जल्दी-जल्दी बात करना
- डिसीजन लेने की क्षमता में कमी और फैसला करते समय भ्रमित होना
- अजीब आवाजें भी सुनाई दे सकती हैं
इन लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
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एक डिप्रेशन एपिसोड के दौरान, निम्नलिखित संकेत और लक्षण नजर आ सकते हैं:
- लंबे समय तक उदास और निराशाजनक महसूस करना
- दैनिक गतिविधियों में रुचि की कमी
- कम खाना या खाने की इच्छा न होना
- हमेशा प्यासा महसूस करना
- खुद के बारे में अत्यधिक सोचना
- हमेशा समस्या पर ध्यान केंद्रित करना
- आत्मघाती विचार आना
ये मूड एपिसोड साल या हर हफ्ते में कई बार हो सकता हैं। यदि आप या आपके प्रियजन ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से इलाज करने में वक्त बर्बाद न करें, क्योंकि किसी भी बीमारी का इलाज शुरुआती स्टेज में आसानी से किया जा सकता है। पेशेंट की स्थिति गंभीर होने पर इलाज में वक्त ज्यादा लग सकता है।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि ये लक्षण आपको ख़ुद में दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से निम्नलिखित स्थिति में संपर्क करें। जैसे:
- लंबे समय से विभिन्न मूड एपिसोड होना ।
- आत्मघाती विचार आना ।
- आक्रामक और खुद से टकराव महसूस करना ।
- लंबे समय से सोने में परेशानी होना ।
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बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) किन कारणों से होता है?
बायपोलर डिसऑर्डर होने के कारणों का पूरी तरह से पता नहीं लग पाया है, लेकिन सामान्य तौर पर देखे गए कुछ कारण निम्नलिखित हैं:
ब्रेन केमिस्ट्री :
हमारा दिमाग शारीरिक परिवर्तनों से गुजर सकता है, जो मस्तिष्क में रसायनों (न्यूरोट्रांसमीटर) के स्तर को प्रभावित करते हैं। ये न्यूरोट्रांसमीटर आपके मूड को प्रभावित करते हैं।
आनुवांशिक कारण :
माता-पिता या परिवार में से किसी सदस्य को बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) हो, तो आप भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
सामाजिक प्रभाव:
शोध से हमें ये पता चला है कि ऐसे कई सामाजिक कारण हो सकते हैं, जिसकी वजह से बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) हो सकता हैं। इन कारणों में, बचपन में हुआ कोई बुरा हादसा, दर्दनाक घटना या अन्य अनुभव शामिल हो सकते हैं।
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बायपोलर (Bipolar Disorder) विकार के अन्य कारण
बाइपोलर विकार का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह किसी भी कारण से हो सकता है जैसे: –
- न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलन
- अनुवांशिक कारक
- मानसिक तनाव जैसे मनोवैज्ञानिक कारक
- डिप्रेशन की दवाएं
- तंत्रिका संबंधी विकार, मधुमेह जैसे रोग
- मादक द्रव्यों का सेवन
- नींद की कमी
- ऋतु परिवर्तन
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किन कारणों से बढ़ सकता है बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) का खतरा ?
- लंबे समय से तनाव में होना ।
- नशीली दवाओं या शराब का अत्यधिक उपयोग ।
- परिवार में किसी को पहले से बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) होना ।
- जीवन में कोई दर्दनाक घटना होना, जैसे कि किसी प्रियजन की अचानक मृत्यु ।
यहां प्रदान की गई कोई भी जानकारी किसी भी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह की जगह प्रयोग नहीं की जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
निदान और उपचार
बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) का निदान कैसे किया जाता है?
सही निदान के लिए आपका मनोचिकित्सक निम्नलिखित परीक्षण कर सकता है :
शारीरिक टेस्ट :
यह परीक्षण आपके लक्षणों के स्रोत को पता लगाने करने में मदद करता है।
मनोवैज्ञानिक टेस्ट :
डॉक्टर आपकी भावनाओं, मूड के एपिसोड और व्यवहार पैटर्न के बारे में कई सवाल पूछकर आपकी परेशानी का स्रोत जानने की कोशिश कर सकते हैं।
मूड चार्टिंग:
डॉक्टर नींद, मूड और व्यवहारों के पैटर्न के आधार पर इसका निदान कर सकते हैं।
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बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) का इलाज कैसे किया जाता है?
बायपोलर डिसऑर्डर का कोई उपचार मरीज सीधे तौर पर ठीक नहीं कर सकता, लेकिन यह मूड स्विंग को स्थिर कर सकता है। उपचार सिर्फ आपके मनोचिकित्सक द्वारा ही निर्धारित किया जा सकता है। स्थिति के आधार पर डॉक्टर कुछ उपचार बता सकते हैं :
ड्रग थेरेपी: डॉक्टर मूड को स्थिर करने के लिए दवा का उपयोग सकता है। यह लक्षणों को कम करने में मदद करेगा। किसी भी डिप्रेस या आत्मघाती एपिसोड को रोकने के लिए मरीज को निर्धारित दवा को लंबे समय तक खाने की आवश्यकता हो सकती है। इन दवाओं में एंटीडीप्रेसेंट, मूड स्टेबलाइजर्स, एंटीसाइकोटिक्स या एंटी-एंजाइयटी की दवाएं शामिल हो सकती हैं।
कंसल्टेशन: अपनी स्थिति के बारे में बात करने से मूड स्विंग्स को समझने में आसानी होगी। एक परामर्शदाता को दिखाने से हालात को बेहतर तरीके से समझने में आसानी होगी।
नशीले पदार्थों का सेवन कम करके : यदि मरीज मादक पदार्थों की लत से पीड़ित हैं, तो इसका इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण है। मादक पदार्थ के सेवन की लत डिसऑर्डर को रोकने में बाधा बनती है।
अस्पताल में भर्ती होकर : कुछ गंभीर मामलों में मरीज को नियमित रूप से निगरानी की जरूरत होती है। इसलिए अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो सकती है। यह तब आवश्यक है जब आपको मानसिक तौर पर आत्मघाती होने के संकेत मिलते हैं। इस स्तर पर,आप खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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जीवनशैली और घरेलू उपचार
बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के घरेलू उपाय
बायपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय के साथ ही मेडिकल ट्रीटमेंट भी जरूरी है। इसमें दवा के साथ-साथ परामर्श भी शामिल हैं, जो मैनिक डिप्रेशन का इलाज करने में मदद कर सकता है। उपचार के दौरान दवाओं के साथ-साथ ये बायपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय ट्रीटमेंट में मददगार साबित हो सकते हैं।
बाइपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय : जीवनशैली में परिवर्तन
- काउंसलिंग, संज्ञानात्मक व्यवहार थेरिपी (सीबीटी) और जीवनशैली में परिवर्तन द्विध्रुवी विकार वाले लोगों को अपने लक्षणों का प्रबंधन करने और उनके जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकती है।
- मैनिक डिप्रेशन एक व्यक्ति की नींद को बाधित कर सकता है। बायपोलर डिसऑर्डर के दौरान एक व्यक्ति बहुत कम सोता है। नींद न आने की समस्या मूड स्विंग्स को ट्रिगर कर सकती है। मूड में हो रहे बदलाव को प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त नींद प्राप्त करना आवश्यक है।
- बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) से ग्रस्त व्यक्ति के लिए स्वस्थ आहार जीवनशैली का एक हिस्सा है। साल 2011 के एक अध्ययन में पाया गया कि द्विध्रुवी विकार के इलाज के लिए 68 प्रतिशत लोगों में अधिक वजन या मोटापा पाया गया। बायपोलर डिसऑर्डर वाले लोगों में डायबिटीज, लो बोन डेंसिटी और हृदय रोग सहित कई अन्य स्थितियों का खतरा अधिक था। एक स्वस्थ आहार इन स्थितियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। अधिक वजन होने से रिकवरी जटिल हो सकती है और मधुमेह, हाय ब्लड प्रेशर और चिंता का खतरा बढ़ सकता है।
- डॉक्टरों को यह पता नहीं है कि बायपोलर विकार क्यों होता है, लेकिन यह मस्तिष्क में रसायनों के असंतुलन के कारण हो सकता है। ये रसायन, जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर भी कहा जाता है। सेरोटोनिन भी भूख को प्रभावित कर सकता है। यह हो सकता है कि जब सेरोटोनिन का स्तर कम होता है, तो लोग कार्बोहाइड्रेट और मीठे खाद्य पदार्थों को खाने के लिए प्रेरित होते हैं। नियमित दिनचर्या रखें, जैसे कि प्रतिदिन एक समय पर ही हेल्दी डायट लें।
- योग और व्यायाम: प्रतिदिन 30 मिनट तक की जाने वाली मध्यम स्तर की शारीरिक गतिविधि मूड के उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने में मदद करती है। एरोबिक व्यायाम, जैसे वॉकिंग या जॉगिंग, योगा, मेडिटेशन करना बायपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय हैं, जो इसके लक्षणों को मैनेज कर सकते हैं।
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बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के घरेलू उपाय में इन्हें भी करें शामिल
- कुछ अध्ययनों के अनुसार मछली के तेल में पाया जाने वाला ओमेगा -3 इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि जिन देशों में लोग मछली का अधिक सेवन करते हैं, उनमें बायपोलर डिसऑर्डर की समस्या कम होती है। अवसाद से पीड़ित लोगों के ब्लड में ओमेगा -3 का स्तर कम हो सकता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड के कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन उन्हें उनके प्राकृतिक रूप में खाना सबसे अच्छा है। कोल्ड-वॉटर फिश, नट्स और प्लांट ऑयल इसके अच्छे स्रोत हैं।
- कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मैग्नीशियम मनोदशा को नियंत्रित करता है और अवसादग्रस्तता प्रकरणों को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए दवाओं के साथ दिया जाए, तो इसके बेहतरीन नतीजे प्राप्त हो सकते हैं। नतीजतन, बायपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय के रूप में कुछ डॉक्टर मैग्नीशियम सप्लिमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं।
- कुछ लोगों का सुझाव है कि विटामिन बायपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं, विशेष रूप से विटामिन सीऔर फोलिक एसिड। हालांकि इस विषय पर अभी और भी शोध किए जाने की आवश्यकता है। एक डायट जो ताजा खाद्य पदार्थों के माध्यम से कई प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करती है। वह व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद कर सकती है। हरी पत्तेदार सब्जियां फोलिक एसिड में उच्च होती हैं और खट्टे फल विटामिन सी का एक बड़ा स्रोत हैं।
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इनसे परहेज करें
कैफीन, शराब, शक्कर, नमक और वसायुक्त आहार।
आयुर्वेद में बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) का उपचार
आयुर्वेद में बायपोलर डिसआर्डर का कोई विशेष उल्लेख नहीं किया गया है। चरक संहिता में उन्माद (mania) यानी पागलपन का वर्णन है, जो मन, बुद्धि, धारणा, ज्ञान, व्यवहार गतिविधियों को प्रभावित करता है। इसमें पांच प्रकार के उन्माद का वर्णन किया गया है। ये विकार लक्षणों और दोष की भागीदारी पर निर्भर करते हैं, जिसे बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के साथ जोड़ा जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, वात बढ़ने के कारण अति रक्त दाव होता है और पित्त के कारण अवसाद होता है। वात असंतुलन बायपोलर विकार का मुख्य कारण है, क्योंकि अत्यधिक वात से भय, अलगाव, चिंता, घबराहट, तंत्रिका टूटने, मूड में बदलाव, अनिद्रा, कंपन और अस्थिरता की स्थिती पैदा होती है।
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आयुर्वेद के अनुसार, इस विकार में व्यक्ति वात असंतुलन और कम ओजस से ग्रस्त होता है। वात, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है, दूसरी तरफ ओजस प्रतिरक्षा, शक्ति और क्षमता को दर्शाता है। यह बायपोलर डिसआर्डर तीन जैविक गुणों (वात, पित्त और कफ) के साथ-साथ चेतना (सत्व, रजस और तमस) के गुणों के असंतुलन के कारण पैदा होता है।
आशा है कि आपको हमारे इस लेख से बायपोलर डिसआर्डर को समझने में मदद मिलेगी। इस विकास से पीड़ित व्यक्ति को मेडिसिन के साथ बाइपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय को जारी रखना चाहिए। इससे बेहतर परिणाम की उम्मीद की जा सकती है। सप्लिमेंट या वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग करने से पहले उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।