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आपकी ये आदतें बताती हैं कि आपकी मेमोरी कैसी है, जानें यहां

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/05/2021

    आपकी ये आदतें बताती हैं कि आपकी मेमोरी कैसी है, जानें यहां

    क्या आपकी मेमोरी स्ट्रॉन्ग है? इसका जवाब, आपके इस बात पर निर्भर करता है कि आप किसी बात या काम को कितने लंबे समय तक के लिए याद रख पाते हैं। कहने का अर्थ है कि किसी बात को  याद रखने की क्षमता जितनी अच्छी होगी, आपकी मेमोरी उतनी ही स्ट्रॉन्ग होगी। मेमाेरी की भी अपनी एक लॉजिक होती है। वैसे आजकल बढ़ते तनाव के कारण लोगों में भूलने की बीमारी होती जा रही है। जिसे हम लॉन्ग टर्म (Long Term Memory) और शॉर्ट मेमोरी (Short term memory)के नाम से जानते हैं। आजकल लोग शॉटर्म मेमोरी के भी शिकार हो रहे हैं। जिन्हें हम वर्किंग मेमोरी भी कहते है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए आप पहले यह जाने कि मेमोरी है क्या।

    मेमोरी (Memory) क्या है?

    क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आप कुछ काम करते-करते भूल जाते हैं? या कभी कोई समान रखकर भूल जाते हैं? कभी कदार ऐसा भी होता होगा कि आपको अपने बचन की बात, आज भी उसी छवि के साथ याद है। हम में से ऐसी चीजें हर किसी के साथ होती हैं। यह सब हमारे दिमाग के मेमोरी की क्षमता के कारण होता है। यह सभी बातें हमोरी मेमोरी की क्षमता पर निर्भर करती हैं। मेमेारी को भी अलग-अलग रूपों में देखा गया है, जैसे कि सेंसरी मेमाेरी, शॉर्ट टर्म मेमोरी और लॉन्ग टर्म मेमोरी। इन सबका हमारी जिंदगी में अलग-अलग रोल हैं। आपके मेमोरी जितनी स्ट्रॉन्ग होगी, आप उनते ही लंबे समय के लिए बातों को याद रख सकते हैं। इसके अलावा आपका माइंड भी उतना ही एक्टिव होगा। स्ट्रॉन्ग मेमोरी के लिए आपको विभिन्न प्रकार के अभ्यास भी करने चाहिए। इसी तरह तरह वीक मेमोरी के भी कई कारण होते हैं। अगर आप किसी बात को बहुत कम समय के लिए ही याद रख पाते हैं, तो शॉर्ट टर्म मेमोरी में आता है। जानें यहां कि मेमोरी कितने प्रकार की होती हैं।

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    मेमोरी के प्रकार (Types Of Memory)

    मेमोरी यानि कि स्मृति के भी कई अलग-अलग प्रकार होते हैं। वैसे मेमोरी को पांच भागों में बाटा गया है। जोकि मेमोरी के फंक्शन को विस्तार में बताते हैं। इस संरचना को सबसे पहले 1968 में रिचर्ड एटकिन्सन और रिचर्ड शिफरीन द्वारा डिफाइन किया गया था, उनके द्वारा मेमोरी को तीन भाग में बाटा गया है: सेंसोरी मेमोरी, शॉर्ट टर्म मेमोरी और लाॅन्ग टर्म मेमोरी।

    सेंसरी मेमोरी (Sensory memory)

    सेंसरी मेमोरी, मेमोरी की सबसे प्रारंभिक स्टेज है। इस स्टेज में आपके सेंसरी आपके दिमाग को बहुत जल्दी इंंफॉरमेशन पहुंचाते हैं। इसमें सेंसरी मेमोरी आपके ज्ञानेन्द्रियों पर काम करती हैं। आपमें जितनी ज्ञानेन्द्रियां हैं, उतने प्रकार की सेंसरी मोमरी होगी। इसमें ज्ञानेन्द्रियां उत्तेजना के आधार पर सूचना प्राप्त करती है। जैसे कि आप कोई चीज सूंघ कर या आपके नाक को कोई खूशबू आ रही है, तो हाफ सेकेंड में आपकी सेसरी मोमरी उसे पता लगा लेगी। इसी तरह आंखों के सामने से गुजरने वाली चीजों में से के बारे में भी अपके सेंसरी तीन से चार सेकेंड के अंदर उसकी सूचना आपके दिमाग को देते हैं।

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    शाॅर्ट टर्म मेमोरी (Short Term Memory)

    शॉर्ट टर्म मोमरी को एक्टिव मेमरी भी कहा जाता है। इसमें हमारे मोमरी में सूचनाएं बहुत सीमित समय तक रहती हैं। यानि कि जो हम वर्तमान समय में सोच या कर रहे होते है। जिसमें चीजें हमें थोड़ी देर के लिए ही याद रहती हैं। इसमें मेमोरी में 30 से 40 सेकेंड तक के लिए चीजें दिमाग में याद रहती है। फिर वर्तमान में चल रहे काम के साथ उसकी जगह नई मेमोरी ले लेती है। शॉर्ट टर्म मेमरी को भी चार रूपों में देखा गया है, एक्टिव मेमोरी (Active memory), प्राइमेरी मेमोरी (Primary memory), एक्टिव मेमोरी (Active memory)  और तत्कालिन मेमोरी (Immediate memory)। शाॅर्ट टर्म मेमोरी में सेंसरी दूसरी कोशिकाओं को एक्टिव करने का काम करती हैं।

    लॉन्ग टर्म मेमोरी (Long Term Memory)

    हमारे लाइफ में कुछ ऐसी घटनाएं भी होती है, जो जिंदगी भर के लिए दिमाग में अपनी छाप  छोड़ जाती हैं। जोकि लॉन्ग टर्म मेमरी में आती हैं। इसे अचेतन भी कहा जाता है। जब हम किसी बात को कभी नहीं भूलते हैं, उसका अर्थ और उसकी छवि हमेशा के लिए हमारे दिमाग में रह जाती है, तो वह लॉन्ग टर्म मेमोरी में आती है। इसमें किसी भी बात को याद रखना आपके लिए काफी आसान होता है। इसमें किसी भी बात को याद करने में ज्यादा समय नहीं लगता है।

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    मेमोरी कमजोर होने के कारण (Causes of Weak Memory)

    मेमोरी कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं, जोकि हमारे दिमाग में बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं, जिनमें शामिल हैं:

    • 7 से 8 घंटे की पूरी नींद (Sleep) न लेना
    • ब्रेन टयूमर (Brain tumor) का होना
    • कोई ब्रेन की प्रॉब्लम होना
    • कोई क्रॉनिक डिजीज (chronic disease) का होना
    • जैनिट प्रॉब्लम होना (Gentic Problem)
    • किसी प्रकार की दवाईयों के सेवन से
    • अल्काॅहल के ज्यादा सेवन से

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    शॉर्ट टर्म मेमोरी के कारण और लक्षण (Causes & Symptoms of Short term memory)

    शॉर्ट टर्म मेमोरी हमारे दिमाग कि एक कंडिशन है, जब हम छोटी-छोटी बातें या घटनाएं लोग भूलने लगते हैं। इसके होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:

    •  यह अक्सर बढ़ती उम्र के साथ लोगों में देखा गया है
    • कोई मेंटल हेल्थ इश्यू

    शॉट टर्म मेमाेरी के लक्षण

    शॉर्ट टर्म मेमोरी के कुछ लक्षण अक्सर देखने को मिलते हैं, जाेकि इस प्रकार के हैं:

    • चीजों को बहुत जल्दी भूल जाना
    • अपनी कहीं हुई बात भूल जाना
    • कोई समान रखरकर याद न होना
    • वर्तमान समय की बात ही कुछ समय में भूल जाना
    • एक ही सवाल को आपका बार-बार पूछना
    • मार्केट जाना और भूल जाना कि क्या लेने आए थें
    • हाल में हुई घटनाओं का याद रहना
    • कभी-कभी बात करते समय लोगों का नाम भून जाना

    इनके अलावा और भी बहुत सारे लक्षण हो सकते हैं। जिन्हें अंदखा नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से मिलने की जरूरत है।

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    डॉक्टर से टॉप थेरिपी लें (Talk Therapy)

    अगर आपमें दिए गए लक्षण महूसस हो रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलकर बात करनी चाहिए। अगर यह समस्या आपको किसी ब्रेन डिजीज के कारण है, तो उसके ट्रीटमेंट पर पहले ध्यान दें। अगर यह समस्या आपको ऐसी ही हो रही है और कुछ दिनों से बनी हुई है तो आपको तब मेमोरी को स्ट्रॉन्ग बनाने के ट्रीटमेंट पर ध्यान देना चाहिए।

    हो सकता है कि डॉक्टर आपको टॉक थेरिपी की सलाह दें। इसमें वो आपकी लाइफस्टाइल के बारे में पूरा जानेंगे। उन कारणाों का पता लगाएं, जिसके कारण ऐसा होता। इसके लिए वो आपकी 5 से 8 सिटिंग भी ले सकते हैं। इसके अलावा यह टॉक थेरिपी आपके तनाव को भी कम करेगी।

    अच्छी मेमोरी के लिए घरेलू इलाज

    अगर आपको अपनी मेमाेरी स्ट्रॉनग करनी है, तो आपके लिए जरूरी है कि आप अपने लाइफस्टाइल में कुछ तरह के बदलावा लाएं। अपने शॉर्ट टर्म मेमोरी को लॉन्ग टर्म मेमाेरी में कंवर्ट करें। इसके लिएए अपने खानपान में कुछ न्यूट्रिएंट्स की कमी को पूरा करें।  जिनमें शामिल हैं:

    • सबसे पहले तो आप अच्छी और भरपूर नींद लें।
    • विटामिन बी12 लें। यह दिमाग के लिए अच्छा होता है।
    • फिश ऑयल का सेवन
    • मेडिटेशन (Meditation) करें
    • नियमित रूप से एक्सरसाइज (Exercise) करें
    • हेल्दी डायट लें, साथ ही हरी सब्जियों का सेवन
    • पजल और क्विज (Quiz) खेलें।
    • अपने दिन भर कि बातों का याद करें कि आपने क्या-क्या किया आज।

    इस तरह के कुछ टिप्स अपनाकर आप अपनी मेमोरी को स्ट्रॉग कर सकती हैं। इसके अलावा आपको डॉक्टर द्वारा बताए गए टिप्स को फॉलो करना चाहिए।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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