बदलती और इस भागती दौड़ती जिंदगी में कब मानसिक परेशानी आपके पीछे पड़ यह कहना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अगर बदलती लाइफस्टाइल में कुछ बातों को ध्यान रखा जाए तो स्ट्रेस और एंग्जाइटी (Stress and Anxiety) दोनों से दूर रहने में मदद मिल सकती है। दि सेंटर ऑफ हीलिंग, दिल्ली (The Center of Healing, Delhi) द्वारा पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार भारत में किये गए सर्वे के अनुसार 74 प्रतिशत स्ट्रेस और 88 प्रतिशत एंग्जाइटी के शिकार हैं। यह सर्वे साल 2020 में किया गया था।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार स्ट्रेस और एंग्जाइटी (Stress and Anxiety) यानी तनाव और चिंता होना सामान्य है, लेकिन अगर स्ट्रेस और एंग्जाइटी जैसी समस्या लगातार बनी रहे, तो धीरे-धीरे व्यक्ति की स्थिति गंभीर हो सकती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में स्ट्रेस और एंग्जाइटी (Stress and Anxiety) दोनों के बारे में एक-एक कर समझेंगे, क्योंकि यह दोनों समस्या एक जैसी भले लगे लेकिन है अलग-अलग।
- स्ट्रेस और एंग्जाइटी क्या है?
- स्ट्रेस और एंग्जाइटी के लक्षण क्या हो सकते हैं?
- स्ट्रेस और एंग्जाइटी में अंतर क्या है?
- क्या तनाव के कारण चिंता की समस्या हो सकती है या दोनों में से एक कारण दूसरी स्थिति को दावत दे सकती है?
- स्ट्रेस और एंग्जाइटी के कारण क्या हो सकते हैं?
- स्ट्रेस और एंग्जाइटी से बचाव के लिए क्या करें?
चलिए अब स्ट्रेस और एंग्जाइटी से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
स्ट्रेस और एंग्जाइटी क्या है? (About Stress and Anxiety)
स्ट्रेस और एंग्जाइटी की समस्या को यहां एक-एक कर समझने की कोशिश करते हैं, जिससे इस मानसिक परेशानी से दूर रहने में मदद मिल सके।
स्ट्रेस (Stress)
स्ट्रेस जिसे सामान्य शब्दों में तनाव कहते हैं। तनाव एक ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति के लिए खतरा पैदा कर सकती है। कभी-कभी चुनौतीपूर्ण स्थितियां तनाव का कारण बन जाती हैं। जीवन में चुनौतीपूर्ण स्थितियां व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए एवं जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकती हैं जो कुछ हद तक सही है, लेकिन अगर चुनौतीपूर्ण स्थितियां ज्यादा वक्त से बनी हुई है, तो ऐसी स्थिति व्यक्ति के तनाव का कारण बन सकती है। ऐसी स्थिति व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) एवं मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) दोनों पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।
एंग्जाइटी (Anxiety)
एंग्जाइटी यानी चिंता अगर कुछ बातों के लिए चिंता होती है जैसे किसी नए जगह पर जाना, नए कामकाज की शुरुआत करना या किसी परीक्षा में हिस्सा लेना तो ऐसी स्थिति में चिंता होना स्वाभाविक है। शायद ऐसी स्थिति आपको कठिन परिश्रम के लिए प्रेरित कर सकती है, लेकिन भविष्य में क्या होगा या भविष्य की बातों से जुड़ी परेशानियां अगर लगातार मन में घर कर ले तो ऐसी स्थिति चिंता का कारण बन सकती है।
तनाव और चिंता (Stress and Anxiety), दोनों में बहुत कम अंतर है, लेकिन दोनों में से कोई भी स्थिति अगर अपनी जगह बना ले तो मानसिक परेशानियों का बढ़ना तय माना जाता है। इसलिए स्ट्रेस और एंग्जाइटी के लक्षण (Stress and Anxiety symptoms) को समझना जरूरी है।
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स्ट्रेस और एंग्जाइटी के लक्षण क्या हो सकते हैं? (Symptoms of Stress and Anxiety)
स्ट्रेस और एंग्जाइटी के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- नींद आने में समस्या (Trouble sleeping) होना।
- डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी समस्या (Digestive issues) होना।
- ध्यान केंद्रित करने में समस्या (Difficulty concentrating) होना।
- मांसपेशियां में तनाव महसूस (Muscle tension) होना।
- चिचिड़ापन महसूस (Irritability) होना।
- गुस्सा (Anger) आना।
- चक्कर (Dizziness) आना।
- सिरदर्द की समस्या (Headaches) होना।
- अत्यधिक पसीना (Increased sweating) आना।
- हार्ट रेट (Increased Heart rate) सामान्य से ज्यादा तेज होना।
- बेचैनी (Restlessness) महसूस होना।
- शरीर में झुनझुनी (Tingling) महसूस होना या शरीर का सुन्न (Numbness) पड़ना।
ये लक्षण स्ट्रेस और एंग्जाइटी के लक्षण की ओर इशारा करते हैं। अगर ऐसी स्थिति महसूस हो तो इन्हें इग्नोर नहीं करना चाहिए, क्योंकि सामान्य सी लगने वाली परेशानी कब गंभीर परेशानियों में बदल जाए यह कहना मुश्किल है।
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स्ट्रेस और एंग्जाइटी में अंतर क्या है? (Difference between stress and anxiety)
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (American Psychological Association) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार तनाव की वजह से चिड़चिड़ापन, गुस्सा, थकान, मसल पेन, पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या या फिर नींद ना आने की समस्या हो सकती है, जो फिजिकल हेल्थ (Physical Health) और मेंटल हेल्थ (Mental Health) दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं एंग्जाइटी यानी चिंता किसी भी बात को लेकर अत्यधिक चिंतित रहना और कोशिशों के बावजूद चिंता कम ना होना।
तनाव और चिंता: क्या तनाव के कारण चिंता की समस्या हो सकती है या दोनों में से एक कारण दूसरी स्थिति को दावत दे सकती है?
तनाव और चिंता, दोनों ही आपस में जुड़े हुए हैं। हां, तनाव की वजह से चिंता की समस्या हो सकती है। इसलिए दोनों ही स्थितियों से संभलकर रहना बेहद जरूरी है।
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कैसे समझें कि आप स्ट्रेस या एंग्जाइटी (Stress or Anxiety) की समस्या फेस कर रहें हैं?
इस सवाल का जवाब जितना आसान और कम शब्दों में हो, तो उतना ही अच्छा है और इसे समझना इतना भी कठिन नहीं है। इसलिए अगर आप किसी खास कारणों की वजह से तनाव महसूस करते हैं, तो आप तनाव के शिकार हैं यानी आपको तनाव का कारण मालूम है, लेकिन अगर यह तय नहीं कर पा रहें हैं की आपकी समस्या क्या है पर आप कुछ बातों या अपनी जीवन में चल रही अप्रिय बातों को लेकर परेशान हैं और इसे आने वाले वक्त से जोड़कर देख रहें हैं तो आप एंग्जाइटी के शिकार हैं। एंग्जाइटी (Anxiety) को अगर बिलकुल भी आसान शब्दों में कहूं तो यह एक तरह का डर है।
स्ट्रेस और एंग्जाइटी के कारण क्या हो सकते हैं? (Causes of Stress or Anxiety)
स्ट्रेस और एंग्जाइटी के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- एक जगह से दूसरे जगह (Moving) जाना।
- नए स्कूल या जॉब की शुरुआत (Starting a new school or job) करना।
- किसी बीमारी (Illness) का शिकार होना।
- कोई इंजुरी (Injury) होना।
- किसी नजदीकी व्यक्ति का निधन (Death) होना।
- शादी के बंधन (Getting married) में बांधना।
- शिशु (Baby) होना।
- वीकेंड (Weekend) पर जरूर से ज्यादा काम करना या पूरा करना।
- किसी बड़ी मींटिंग (Big work meeting) में हिस्सा लेना।
- कम वक्त में प्रोजेक्ट (Project) को पूरा करना।
ये ऊपर बताई गई स्थितियां स्ट्रेस और एंग्जाइटी के कारण में शामिल है। इसलिए जरूरत से ज्यादा किसी भी काम का प्रेशर ना लें।
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स्ट्रेस और एंग्जाइटी से बचाव के लिए क्या करें? (Tips to manage stress and anxiety)
स्ट्रेस और एंग्जाइटी से बचाव के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो किये जा सकते हैं। जैसे:
- कैफीन (Caffeine) और एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन ना करने या कम से कम करें।
- रोजाना नींद (Sleep) पूरी करें।
- रेग्यूलर एक्सरसाइज (Exercise) या योग करें।
- ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing exercises) जरूर करें।
- नियमित रूप से मेडिटेशन (Meditation) करें।
- अपनी हॉब्बीज (Hobbies) और पसंदीदा एक्टिविटी (Activities) को जरूर करें।
- स्मोकिंग (Smoking) ना करें।
- हेल्दी फूड हैबिट्स (Healthy Food Habits) को अपने दिनचर्या में शामिल करें।
- हेल्दी लाइफस्टाइल (Healthy Lifestyle) फॉलो करें।
इन नौ टिप्स को फॉलो कर तनाव और चिंता (Stress and Anxiety) दोनों से बचने में मदद मिल सकती है।
उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पसंद आई होगी और स्ट्रेस और एंग्जाइटी (Stress and Anxiety) से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में स्ट्रेस और एंग्जाइटी (Stress and Anxiety) से जुड़े अन्य कोई सवाल हैं, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे।
शारीरिक बीमारी हो या मानसिक परेशानी दोनों से ही दूर रहें। इस बदलते वक्त में तनाव की वजह से कई शारीरिक समस्या अपने आप मनुष्य को शरीर को अपना आशियाना बना लेती है। जबकि इन स्थिति से अपने आपको बचाये रखें। जानिए मेंटल हेल्थ को हेल्दी रखने के लिए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल दिल्ली के मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर एवं हेड डॉ. समीर मल्होत्रा की क्या है राय इस नीचे 👇 दिए लिंक में।