सिजोफ्रेनिया के लक्षण: मूवमेंट में बदलाव
सिजोफ्रेनिया से व्यवहार में बदलाव आना स्वभाविक होता है। ऐसे व्यक्ति एक खास तरह का मूवमेंट करते हैं। सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति खास तरह के मूवमेंट को दिन में कई बार दोहरा भी सकते हैं। इसे स्टीरियोटाइप्स भी कहा जा सकता है। वहीं कुछ व्यक्ति बात करते हुए अचानक से चुप भी हो सकते हैं। इसे रेयर कंडीशन यानी कैटेटोनिया (catatonia) कहा जाता है। यानी ऐसा जरूरी नहीं है कि सिजोफ्रेनिया से पीड़ित सभी अचानक से बातचीत करना बंद कर दें। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते हैं।
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सिजोफ्रेनिया के लक्षण : कॉग्निटिव लक्षण
कॉग्निटिव लक्षण को आसान तौर पर देखा नहीं जा सकता है, लेकिन ऐसे लक्षण पेशेंट को निजी तौर पर परेशान कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति जिनको सिजोफ्रेनिया की बीमारी है और साथ ही वो नौकरी करते हैं, उन्हें अपनी क्षमता के अनुसार काम करने में दिक्कत होती होती है। कॉग्निटिव लक्षण में व्यक्ति को किसी भी निर्णय को लेने में दिक्कत हो सकती है। साथ ही किसी भी काम को सीखने के बाद उसे करने में समस्या हो सकती है। यानी कोई नई चीज सीखने के बाद ऐसे लोगों को उसे करने में दिक्कत होती है। वो या तो नए काम के तरीके को भूल जाते हैं या फिर डर की वजह से कर नहीं पाते हैं। साथ ही उन्हें किसी काम के दौरान एक ही पर ध्यान देने में भी परेशानी महसूस होती है। ये ऐसे लक्षण हैं, जो अन्य व्यक्ति को दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन पीड़ित व्यक्ति को परेशान करते हैं।
सिजोफ्रेनिया से व्यवहार में बदलाव : हिंसा करना
वैसे तो सिजोफ्रेनिया की बीमारी के दौरान पेशेंट हिंसात्मक नहीं होते हैं, लेकिन समय पर बीमारी का इलाज न कराने पर पेशेंट हिंसात्मक भी हो सकते हैं। अगर किसी कारणवश व्यक्ति को गुस्सा आता है और उसके मन का काम नहीं हो पाता है तो वो हिंसा करने लगता है। ऐसे में पेशेंट को संभालना मुश्किल हो जाता है। बेहतर होगा कि सिजोफ्रेनिया के लक्षण दिखते ही व्यक्ति का इलाज कराना चाहिए। कई बार हिंसात्मक प्रवृत्ति परिवार के सदस्यों को नुकसान भी पहुंचा सकती है।
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टीनएज में सिजोफ्रेनिया के लक्षण
टीनएज में भी वयस्कों की तरह ही सिजोफ्रेनिया के लक्षण होते हैं लेकिन इस उम्र में इस समस्या को पहचानना मुश्किल ज्यादा मुश्किल हो सकता है। कुछ बच्चों को टीनएज में सिजोफ्रेनिया होने की वजह से इसके लक्षण तब नहीं बल्कि आगे चलकर दिखाई देते हैं।
परिवार से दूर होने के कारण, स्कूल छूटने, नींद आने में दिक्कत, डिप्रेशन महसूस होना और मोटिवेशन की कमी की वजह से सिजोफ्रेनिया हो सकता है।
इसके अलावा मारिजुआना की वजह से भी सिजोफ्रेनिया जैसे लक्षण दिख सकते हैं। वयस्कों के मुकाबले बच्चों में मतिभ्रम कम होता है और इनमें अपनी इच्छा के चित्र या घटनाएं दिखने की समस्या ज्यादा होती है।