साइकोलॉजिस्ट बताते हैं कि मौजूदा समय में लोगों में तनाव के कारण कई प्रकार की समस्या हो सकती है। कुछ लोग तनाव के कारण डिप्रेशन में जा सकते है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के सालाना कार्यक्रम में साइकोलॉजिस्ट ने तनाव के कारण के बारे में बताया। द अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेस ने स्ट्रेस के फायदे बताते हुए इसके नेचुरल और फिजिकल रिएक्शन के बारे में जानकारी दी। ऐसे में कोई भी व्यक्ति रूपया, स्वास्थ्य, जॉब प्रेशर, रिलेशनशिप को लेकर तनाव में जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि तनाव के कारणों को जानकर उसका उचित इलाज किया जाए, वहीं कोशिश की जाए कि हम इससे संभलकर रहें।
तनाव के प्रकार और उसकी विशेषताएं
एक्यूट स्ट्रेस : यह तनाव की सबसे सामान्य प्रक्रिया है। यह शॉर्ट टर्म होता है। इसके कारण वर्तमान, पूर्व या फिर भविष्य में होने वाले किसी प्रकार की बात को लेकर व्यक्ति चिंतित हो सकता है।
क्रॉनिक स्ट्रेस : यह लॉन्ग टर्म स्ट्रेस का हिस्सा है। न खत्म होने वाली निराशा की बढ़ती भावनाओं से यह निकलता है। गरीबी के कारण, परिवार में किसी प्रकार के तनाव या फिर बचपन में किसी प्रकार के ट्रामा के कारण यह बीमारी होती है। यह डेली स्ट्रेस, फैमिली स्ट्रेस, इनवायरमेंटल स्ट्रेस, मेटर्नल स्ट्रेस सहित कई चीजों से जुड़ी रहती है।
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77 फीसदी लक्षण तनाव के कारण
यूएस स्ट्रेस स्टेटिक्स के अनुसार 77 फीसदी फिजिकल लक्षण सिर्फ स्ट्रेस के कारण देखने को मिलते हैं। वहीं दूसरी ओर करीब 73 फीसदी साइकोलॉजिकल लक्षण देखने को मिलते हैं। वहीं तनाव से जूझने वाले 48 फीसदी लोगों का मानना है कि तनाव के कारण उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को नुकसान पहुंचता है।
इन स्टेटिटिक्स प्वाइंट्स के अनुसार शुरुआत में हमें यही पता चलता है कि स्ट्रेस व एंजाइटी के सिर्फ नकारात्मक पहलू ही है, लेकिन बात यही खत्म नहीं होती। इन दोनों तनाव के कारण ही स्वास्थ को नुकसान पहुंचता है, वहीं मनोचिकित्सक बताते हैं कि यदि कोई स्ट्रेस व एंजाइटी से ग्रसित हो जाता है तो उसके परिणामों से बचाया नहीं जा सकता है।
साइकोलॉजिस्ट व पीएचडी कर चुके लीसा डैमोर ने कहा कि हमारी जिंदगी में स्ट्रेस भी एक हिस्सा है। यदि हम एक बार तनाव झेल लें तो उसके जरिए ही हम जिंदगी में आने वाली मुश्किलों का सामना कर सकते हैं। वहीं नई मुश्किलों से निपटने के लिए हम हमेशा तैयार रहते हैं। यह भी स्ट्रेस के फायदे में से एक है।
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अपनी मदद करने के लिए तनाव कारणों को इन टिप्स से करें कम
– मन में चल रही बातों को लिखें, ताकि उसका कोई तर्क हो, वहीं अपनी प्राइऑरिटी सेट करने के साथ उसका हल तलाशने की कोशिश करनी चाहिए
– हमेशा क्रिएटिव सोच रखनी चाहिए, सोचना चाहिए कि यदि इस मुश्किल की घड़ी में कोई दूसरा फंसता तो कैसे आगे निकलता
– अपनी जिम्मेदारी तय करें वहीं उसके लिए डेडलाइन फिक्स करें और तय समय में अंजाम दें, वहीं अपने आसपास के लोगों को अपने तनाव के बारे में पता न चलने दें
– कोशिश करें कि अपने काम को तय समय में पूरा करें, लेकिन यह कतई न सोचें कि दूसरा भी अपने काम को तय समय में ही पूरा करे
– जब भी आप फिजिकल या फिर इमोशनली तौर पर सामान्य से अलग महसूस करें तो उन स्थितियों में एक्सपर्ट की मदद लेनी चाहिए।
– जीवन में तनाव कम करने के लिए खास एक्टिविटी करते रहना चाहिए, जैसे एक्सरसाइज, रिलेक्सेशन के साथ अपने हॉबी से जुड़े काम करना
– तनाव मुक्त जिंदगी के लिए पौष्टिक आहार का सेवन नियमित तौर पर करें, नींद पूरी लें
– खुद पर तज भरे कमेंट करना बंद करना चाहिए
– अपने स्ट्रेंथ, कमजोरियों के साथ आवश्यकताओं को जानना चाहिए
– तनाव के कारण अकेले रहने व किसी से बात न करने की बजाय जितना संभव हो इससे निकलने की कोशिश करें, वैसे किसी जो इन बातों को समझे उससे दिल की बात शेयर करें
तनाव के कारणों पर एक नजर
जीवन में किसी प्रकार का परिवर्तन के कारण तनाव की समस्या हो सकती है। कई बार जीवन में सकारात्मक बदलाव के कारण भी तनाव ग्रसित हो सकते हैं। जैसे शिशु का होना या फिर नौकरी में प्रमोशन मिलने से भी कई लोग तनावग्रसित हो जाते हैं। स्ट्रेस लांग टर्म और शार्ट टर्म हो सकता है।
लांग टर्म स्ट्रेस होने की स्थिति में
– लंबे समय तक बीमार रहने की स्थिति में
– किसी खास की मृत्यु हो जाने के कारण
– वर्क@होम में किसी प्रकार की दिक्कत होने की स्थिति में
– आर्थिक तंगी के कारण
– परिवार में कोई बीमार हो तो उस स्थिति में
शॉर्ट टर्म तनाव के कारण पर एक नजर
– यदि आप कम समय में ज्यादा काम करने की चाहत रखते हो तब
– किसी के साथ बहस होने की स्थिति में
– एक ही दिन में कई प्रकार की समस्याओं से दो चार होने के कारण जैसे ट्रैफिक जाम और काम में लेट पहुंचने के कारण
– गुमनाम होने की स्थिति में
आनुवांशिक या हादसे के कारण
एक्सपर्ट बताते हैं कि आनुवांशिक या फिर जीवन में किसी प्रकार का हादसा तनाव के कारणों में से एक है। क्योंकि इससे जूझ रहे लोग अस्वस्थ हो सकते हैं। इन स्थितियों में मरीज की साइकोलॉजिकल हेल्थ प्रभावित हो सकती है, वहीं कई मामलों में इन कंडीशन को ठीक तक नहीं किया जा सकता।
एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि कोई अपनी लिमिट से ज्यादा (साइकोलॉजिकल स्ट्रेंथ) जाकर सोचता है या चिंता में रहता है तो उनमें इस प्रकार की परिस्थिति होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। कई मामलों में एंजाइटी – चिंता करने के कारण इसलिए भी लोग अस्वस्थ हो जाते हैं क्योंकि उन परिस्थितियों में चिंता करने की जरूरत ही नहीं होती। कई मामलों में तो लोग बिना किसी कारण के ही चिंता में रहते हैं। वहीं कई मामलों में एका एक चिंता से घिर जाता है, उदाहरण के तौर पर क्वीज खेलने के दौरान स्टूडेंट्स में पैनिक अटैक आना। इसके लक्षणों में से एक है। हारने पर गुस्सा करता।
तनाव के कारण लक्षणों की करें पहचान
तनाव के कारण उसके लक्षणों की पहचान करना जरूरी हो जाता है। जब भी आपको तनाव महसूस हो तो आपमें कुछ खास लक्षण देखने को मिल सकते हैं। जैसे आपको घबराहट, गुस्सा, चिड़चिड़ापन, तनाव, फोकस न कर पाना जैसा महसूस हो सकता है। इतना ही नहीं तनाव के कारण आपकी फिजिकल एक्टिविटी भी प्रभावित हो सकती है। आपको शरीर मे कुछ बदलाव दिख सकते हैं जैसे सिर दर्द, सोने में परेशानी, पेट संबंधी परेशानी, वजन का एकाएक बढ़ना या फिर घटना, तनावग्रसित मांसपेशियां, एकाएक व सीरियस कोल्ड की समस्या हो सकती है। वहीं हर व्यक्ति में तनाव के कारण अलग-अलग लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
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इलाज न किया तो हो सकती है यह परेशानी
तनाव के कारण कई गंभीर बीमारी हो सकती है, यदि इसका इलाज न किया गया तो उसके दुष्परिणामों से भी अवगत रहना चाहिए। बता दें कि एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि तनाव या चिंता का इलाज न किया तो उस स्थिति में व्यक्ति को मेडिकल व साइलोलॉजिकल कंडीशन से दो चार होना पड़ सकता है, जैसे सिर दर्द, कार्डियोवेस्कुलर डिजीज होने की संभावनाएं अधिक होना, डिप्रेशन में जाना जैसी बीमारी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि तनाव व चिंता से जुड़े लक्षण दिखे तो डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। ताकि समय रहते इलाज किया जा सके।
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सभी प्रकार के स्ट्रेस नहीं होते घातक, लॉन्ग टर्म स्ट्रेस से रहे सावधान
तनाव के कारण सभी प्रकार के स्ट्रेस नुकसानदेह नहीं होते। लेकिन लांग टर्म स्ट्रेस हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदेह होते हैं। उसके कारण कई प्रकार की बीमारी हो सकती है। यदि उनको समय रहते मैनेज न किया जाए तो इंसान को हार्ट डिजीज के साथ हाई ब्लड प्रेशर, ओबेसिटी और डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।
स्ट्रेस को ऐसे करें कम :
– पूर्व में ही प्लानिंग कर
– स्ट्रेसफुल इवेंट की तैयारी करके
– किस काम को पहले करना है और किस काम को बाद में इसका निर्णय शुरुआत में ही लेकर
कुछ प्रकार के स्ट्रेस को दूर करना काफी मुश्किल भरा है। ऐसे में आपको स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए जरिया की तलाश करनी पड़ सकती है।
– एक्टिव रहने के साथ पौष्टिक आहार का सेवन करें
– परिजनों के साथ दोस्तों से बात करें, दिल की बात शेयर कर तनाव कम करें
– जब भी आप तनाव में हो तो उस समय व कारण की पहचान करें
– रिलेक्स होने के लिए टाइम निकालें
चिंता और स्ट्रेस के फायदे पर एक नजर
साइकोलॉजिस्ट व पीएचडी कर चुके लीसा डैमोर ने कहा कि स्ट्रेस तभी होता है जब हम खुद को उन परिस्थितियों में ढकेलते हैं। वहीं तनाव के कारण अपनी क्षमता को अपनी लिमिट से ज्यादा ले जाकर सोचते हैं। कई बार हम तनाव में रहते हैं और एकाएक कुछ अच्छा हो जाता है, जिसके बारे में हमने सोचा तक नहीं होता। स्ट्रेस के फायदे को एक उदाहरण से समझा जा सकता है। जैसे मान लें कि आप नौकरी से निकाले जाने को लेकर चिंता में हैं, वहीं आपका बॉस आपको नौकरी से न निकालकर आपको किसी दूसरे रोल में डाल देता है। इस प्रकार की परिस्थितियों में आपको काफी खुशी होती है।
तनाव के कारण हममें नई क्षमताएं विकसित होती हैं, जिससे हम मुश्किल से मुश्किल दौर से निपट सकते हैं। साइकोलॉजिस्ट इस बारे में बताते हैं कि यह तनाव एक प्रकार का इंटर्नल अलार्मिंग 7सिस्टम है, जिसके तहत शरीर की आंतरिक के साथ बाहरी क्षति हो सकती है। वहीं स्ट्रेस के फायदे की बात करें तो यह तभी संभव है जब हम उसके सकारात्मक पहलु के बारे में जानते हो। उदाहरण के तौर पर हम जब चिंचित होते हैं तो उस समय लंबे समय के लिए शिथिल पड़ जाते हैं। जो हमें बताता है कि अब हमको अपने कामों को शुरू करने का समय आ गया है।
साइकोलॉजिस्ट बताते हैं कि तनाव के कारण यदि कोई हमसे शेयर करता है कि वो आने वाले इग्जाम को लेकर चिंतित है कि पढ़े या न पढ़े, तो ऐसे में हम उसे सलाह देते हैं कि जब वो पढ़ेगा तो बेहतर फील करेगा।
लोअर स्ट्रेस के फायदे पर एक नजर
यदि आप स्ट्रेस को अच्छे से मैनेज कर पा रहे हैं तो उस स्थिति में मानसिक रूप से आप और स्वस्थ बनते हैं। बता दें कि इन तरीकों से आप अपने स्ट्रेस को बेहतर कर सकते हैं, जैसे अच्छी नींद लेकर, वजन को नियंत्रण में रखकर, कम से कम बीमार पड़कर, हमेशा अच्छे मूड में रहकर, परिवार या फिर दोस्तों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करके तनाव मुक्त रहा जाता है।
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प्लानिंग के साथ करें तैयारी
आप हमेशा तनाव को कम नहीं कर सकते हैं। लेकिन आप तनाव से निपटने के लिए कुछ खास स्टेप ले सकते हैं ताकि सकारात्मक तरीके से उसके साथ डील किया जा सके। आइए स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए कुछ खास स्टेप को जानते हैं। इसलिए जरूरी होता है कि तनाव के कारण होने वाली परेशानियों को कम किया जा सके।
हमेशा एक्टिव रहें : हमेशा स्ट्रेस से निजात पाने के लिए फिजिकल एक्टिविटी को अपनाते रहिए। यदि आप लंबे समय तक काम करते हैं तो उस स्थिति में हर दो से ढाई घंटे पर रिलेक्स रहें। वहीं स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए पुशअप बनाए रखें।
फूड और शराब : हमेशा हेल्दी खाना खाएं और यदि शराब का सेवन करते हैं तो नियमित मात्रा में ही शराब पीएं। खाने में सब्जियों के साथ फ्रूट्स और न्यूट्रीशन युक्त खाद्य पदार्थ को डायट में शामिल करें, ताकि डायट में प्रोटीन की मात्रा को शामिल किया जा सके। वहीं शराब की जहां तक बात है तो महिलाएं जहां एक ड्रिंक रोजाना पीएं वहीं पुरुष रोजाना दो ड्रिंक ले सकते हैं।
दोस्तों और परिवार से करें बात : तनाव को कम करने के लिए हमेशादोस्तों और परिजनों से बात करते रहें। वहीं जब भी आपको तनाव की समस्या हो तो डॉक्टरी सलाह लें।
अपने समय को अच्छे से करें प्लान : अपने समय का बेहतर से बेहतर इस्तेमाल करें। क्या करना है और क्या नहीं उसको लेकर एक लिस्ट तैयार करें वही जो सबसे जरूरी है सबसे पहले उसको करें। वहीं यह तय करें कि किस काम में कितना समय लगेगा और उसे अच्छी तरह करें।
अपने आप को तैयार रखें : स्ट्रेस के फायदे हासिल करने के लिए तनाव से उबरने के लिए अपने आप को तैयार रखें। आप जिससे प्यार करते हो उससे ज्यादा से ज्यादा बात करें। अपने कमरे में वैसी तस्वीरें लगाए जिससे आपको ऊर्जा मिले, अपने खुशनुमा दिनों की तस्वीरों से कमरे को सजाएं।
रिलेक्स होने के लिए समय निकालें : गहरी सांस लेने के साथ मेडिटेशन पर ध्यान दें। मसल्स को रिलेक्स रखें। उसके लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के साथ हॉट शावर लेना आपको रिलेक्स फील करा सकता है।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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