एग्जाम फोबिया से बचने के लिए स्ट्रेटजी प्लान करना बेहद जरूरी है। अगर शुरुआत से ही पढ़ाई की प्लानिंग कर ली जाए, तो ये बच्चों को लिए थकाने वाला नहीं होता है और किसी भी उम्र के स्टूडेंट या किसी भी क्लास में पढ़ने वाले बच्चों को एग्जामोफोबिया (Examinophobia) से बचाए रखता है। यह भी ध्यान रखना चाहिए की रटने की बजाये समझने और वक्त-वक्त पर रिवीजन करने की हैबिट बनायें। छोटे बच्चों को गाइडेंस की जरूरत पड़ती है, लेकिन हाइयर सेकेंड्री से ऊपर की कक्षा में पढ़ने में बच्चों को खुद से स्टडी टाइमटेबल (Study time table) बनाना चाहिए। हां, इसमें वो अपने माता-पिता, घर के बड़े सदस्य या फिर टीचर से मदद ले सकते हैं। पेरेंट्स और बच्चों को यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि रिवीजन जरूर होनी चाहिए।
4. सिर्फ परसेंटेज के बारे में ना सोचे
एग्जाम फोबिया (Exam Phobia) से बचने के उपाय इसे जरूर ध्यान रखें कि हमेशा परसेंटेज के बारे में चिंता ना करें। ये स्टूडेंट्स और पेरेंट्स दोनों के लिए जरूरी है। बेहतर होगा बेस्ट रिजल्ट के लिए पढ़ाई मन से करें। इसलिए परिवार के सदस्यों को बच्चों के दिमाग में परसेंटेज का खौफ ना डालें। यही खौफ फोबिया जैसा रूप ले सकता है, जो बच्चों के साथ-साथ माता-पिता के लिए खतरनाक हो सकता है।
5. जरूरत से ज्यादा एक्सपेक्टेशन ना रखें
कई बार पेरेंट्स, घर के सदस्य या सोशल सर्कल के कारण पेरेंट्स अपने बच्चे से अत्यधिक उम्मीद लगा बैठते हैं। पेरेंट्स को अपने बच्चों की क्षमताओं को समझना जरूरी है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने बच्चों की पसंद और ना पसंद को समझें। आज के वक्त में सिर्फ डॉक्टर, इंजीनियर या फिर बैंक जॉब के अलावा कई ऐसे विकल्प हैं, जिसमें बच्चे दिल लगाकर मेहनत करेंगे और उनमें कोई फोबिया भी नहीं होगा। शायद अब वो वक्त नहीं है, जब कहा करते थें कि ‘पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे महान और खेलोगे कूदोगे तो बनोगे ख़राब’। इसलिए बच्चों को मौका दें वो जरूर अच्छा करेंगे।
6. तुलना करने से बचें
ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से कर बैठते हैं, जो नहीं करना चाहिए। तुलना करने से बच्चों पर सिर्फ दबाव पड़ता है, जिसका रिजल्ट कुछ भी नहीं है। तुलना करने की बजाये उन्हें समझाएं। कहते हैं प्यार से समझने पर बच्चे जल्दी समझते हैं। उनके जीवन का उदेश्य क्या है, यह समझाएं। जिस तरह कहते हैं ना घर बच्चों की सबसे पहली पाठशाला है, ठीक वैसे ही तुलना करने की बजाये उन्हें अच्छी शिक्षा दें।
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7. रिलैक्स टाइम जरूर दें
पढ़ाई के बीच में बच्चों को ब्रेक जरूर दें। लगातार बैठकर पढ़ते-पढ़ते बच्चे भी परेशान हो सकते हैं। इसलिए रिलैक्स करने के लिए स्टूडेंट्स अलग-अलग तरीका जरूर अपनाएं। जैसे: डीप ब्रीदिंग करें, थोड़ा वॉक करें और आंखों को कुछ मिनटों तक बंद करने की सलाह दें। बच्चों को रिलैक्स करने के दौरान ब्रेन गेम (Brain game) खेलने की आदत डालें। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण पिछले एक साल से बच्चे स्कूल नहीं जा रहें हैं, तो बोर्ड एग्जाम्स के साथ-साथ अन्य एग्जाम्स के डेट भी क्लियर नहीं हो रहें, जिसकी वजह से बच्चे और माता-पिता भी परेशान हैं। कोविड-19 (COVID-19) की वजह से आउट डोर गेम्स से भी बच्चे दूर हैं, अब ऐसे सिचुएशन में पेरेंट्स ही बच्चों की मदद कर सकते हैं।
एग्जाम फोबिया (Exam Phobia) से बचने के लिए ये 7 उपाय बेहद कारगर मानें जाते हैं। अगर आप अपने बच्चों को एग्जामोफोबिया (Examinophobia) से बचाये रखने के लिए ऊपर बताये उपायों को अपनाने के बाद भी उनके मन में बैठे एग्जाम फोबिया को दूर नहीं रख पा रहें हैं, तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।
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