
घबराहट, डर या फिर बेचैनी के कारण किसी भी व्यक्ति को चिंता या एंग्जायटी हो सकती है। आजकल तो लोगों का मानिक चिंता का कारण सामान्य भी हो सकता है। कुछ लोगों को जरा सी बात के कारण भी चिंता हो जाती है। एंग्जायटी डिसऑर्डर तब तेज हो सकता है जब किसी व्यक्ति का खुद में नियंत्रण या फिर कंट्रोल नहीं रहता है। जब किसी व्यक्ति को पैनिक डिसऑर्डर होता है तो कुछ लक्षण जैसे कि दिल की धड़कन का तेजी से बढ़ जाना, शरीर में कंपकंपी का एहसास, पसीना अधिक आना, शरीर में झटके लगना आदि हो सकता है। किसी भी व्यक्ति के लिए चिंता से निपटना आसान नहीं होता है। चिंता से निपटना एक तरह की चुनौती है। चिंता के दौरान व्यक्ति का शरीर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रिया दे सकता है। आप इस आर्टिकल के माध्यम से एंग्जायटी के बारे में जानकारी, खुद को कैसे चिंता से निकाला जाए या एंग्जायटी से बाहर आने के उपाय आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
जानिए क्या हैं एंग्जायटी के लक्षण ?
चिंता या एंग्जायटी के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार के लक्षण दिखने लगते हैं। जानिए क्या हैं चिंता के कारण क्या बदलाव होते हैं।
- डर और अचेतन की अवस्था (fear and irrational)
- घबराहट और बेचैनी होना (nervousness or restlessness)
- अचानक से हार्ट रेट बढ़ जाना ( rapid heart rate)
- पसीना आना और शरीर में कंपकंपी (sweating and trembling)
- थकान या कमजोरी का एहसास ( tiredness or weakness)
- गैस्ट्रोलइंटस्टाइनल प्रॉब्लम (gastrointestinal problems) ध्यान लगाने में दिक्कत होना (difficulty focusing)
- हाइपरवेंटिलेशन ( hyperventilation)
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एंग्जायटी से बाहर आने के उपाय क्या हो सकते हैं ?
कुछ टेक्नीक की हेल्प से मन को शांत किया जा सकता है और साथ ही आने वाली बड़ी समस्या को भी रोका जा सकता है। मन में आने वाले विचारों को अगर नियत्रिंत कर लिया जाए तो मन को शांत किया जा सकता है। आप भी जानिए कि कैसे एंग्जायटी से बाहर आने के उपाय को अपनाकर समस्या का सामाधान किया जा सकता है।
1. आप आखिर क्यों डर रहे हैं ?
आखिर हमे किसी भी बात की चिंता क्यों होती है। मन में ये सवाल हमेशा रहता है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो क्या होगा या फिर लोग क्या कहेंगे आदि। मान लीजिए कि ऑफिस में प्रजेंटेशन है और आपको फील हो रहा है कि इस कारण से आप बहुत नर्वस हैं। ऐसे में मन शांत नहीं रह सकता है। मन को शांत करने के लिए आपको ये सोचना होगा कि मैं भले ही नर्वस हूं लेकिन मैं प्रिपेयर भी हूं। अगर आप अपने डर के बारे में बार-बार सोचेंगे तो हो सकता है कि आपको समस्या का समाधान भी मिल जाए।
2. फाइव सेंस की एक्सरसाइस
फाइव सेंस की एक्सरसाइस (Five Senses Exercise) की मदद से आप चिंता से राहत पा सकते हैं। एंग्जायटी से बाहर आने के उपाय के रूप में ये तरीका आपको बहुत मदद कर सकता है।
- अपने आस-पास की पांच चीजों को देखें।
- अपने मन की चार चीजों को देखें जो आप महसूस करते हैं।
- अब ऐसी तीन चीज को देखें जो आप सुन सकते हैं।
- अब दो चीजों को देखें जिन्हें आप सूंघ सकते हैं।
- अब आप ऐसी एक चीज की तलाश करें जिसका आप स्वाद ले सकते हैं।
आपको जब भी लगे कि आपके विचार तेजी से आपको परेशान करने का काम कर रहे हैं तो आपको तुरंत मेंटल ट्रिक अपनानी पड़ेगी जो आपको प्रेजेंट मूवमेंट में पहुंचा सके।
3. नेचर के साथ करें कनेक्ट
आज का समय टेक्नोलॉजी का है। लोगों का ज्यादातर समय या तो लैपटॉप पर व्यतीत होता है या फिर फोन पर। लोग खुद को प्रकृति से जोड़ने का काम नहीं कर पाते हैं। आप सोच कर देखिए कि कब आखिरी बार आप खुली हवा में बगीचे में एकांत में बैठे हो। आपको चिंता से राहत के लिए प्रकृति से जुड़ाव करना होगा। आप चाहे तो रोजाना पार्क में टहलने के लिए भी जा सकते हैं। ऐसा करने से आपको शांति का अनुभव होगा। अगर आपको दोस्तों और परिवार का साथ मिल जाए तो ये भी बहुत ही अच्छी बात है। एक-दूसरे से अपनी मन की बात करके भी चिंता से मुक्ति पाई जा सकती है।
4. पर्याप्त नींद, पोषण और व्यायाम है बहुत जरूरी
आपको कम से कम 6 घंटे की पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। साथ ही आपको खान-पान का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए। खाने में फल, सब्जियां और साबुत अनाज को जरूर शामिल करें जो पोषण से भरपूर हों और आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करें।
आपको अपनी डायट में पौष्टिक आहार शामिल करने के साथ ही व्यायाम यानी एक्सरसाइज पर भी ध्यान देना चाहिए। रोजाना व्यायाम करने से शरीर की कोशिका को ऑक्सीजन की प्राप्त होती है और साथ ही मस्तिष्क भी अच्छी तरह से कार्य करता है।
आपको साथ ही माइंडफुल एक्टिविटी पर भी ध्यान देना चाहिए। ऐसा करने से आप पैनिक अटैक से बच सकते हैं। आपको ध्यान केद्रिंत करना चाहिए और साथ ही किसी भी मंत्र को बार-बार दोहराना चाहिए। आप मंत्र दोहराने के दौरान ध्यान केद्रिंत करने का प्रयास करें।
अगर आपको क्रॉनिक एंग्जायटी की समस्या है तो ऐसे में आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और साथ ही मेडिकेशन पर ध्यान देना चाहिए।
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5. थ्री मिनट ब्रीथिंग स्पेस एक्सरसाइज
आपको एंग्जायटी से बाहर आने के उपाय के रूप में थ्री मिनट ब्रीथिंग स्पेस एक्सरसाइज करनी चाहिए। आपको इस दौरान पहले मिनट में मन में ये सोचना चाहिए कि मैं
- अभी कैसे कर रहा हूं? ऐसा करके आप अपनी भावनाओं और विचारों पर फोकस कर सकते हैं।
- दूसरे मिनट में आपको इस बात पर ध्यान देना है कि आप सांस कैसे ले रहे हैं ?
- अब आप सांस शरीर के अन्य हिस्सों में ध्यान केंद्रित करें।
6. चिंता से राहत के लिए खुद को समझाएं
अगर आप किसी भी समय चिंता महसूस कर रहे हैं तो आपको अपने आपसे इस बारे में बात करनी होगी। आपको खुद अपने आपको दिल में हाथ रख उस बात को दोहराना चाहिए, जिसके कारण आप चिंता महसूस कर रहे हो। आप ऐसे समय में तेजी से सांस लें और अपनी चिंता को खुद अपने आप से कहें। ऐसा करने से माइंड इधर-उधर नहीं भटकता है। आप महसूस करेंगे कि ऐसा करने से आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद मिल रही है। आपको रिलेक्सिंग रिस्पॉन्स भी मिलेगा। आप महसूस करेंगे कि किसी भी चिंता के कारण खुद को संभाल पाने में सक्षम हैं।
आपको तीन मिनट के अंदर जितने भी विचार मन में आए हो, उसे एक पेपर में लिखें। अब आपने जितने भी विचार लिखें हैं उन्हें गिनें और फिर 20 से गुणा कर दें। अब आप देखेंगे कि जो भी संख्या आपके पास आई है वो बताती है कि एक घंटे में आपके दिमाग में कितने विचार आ सकते हैं। आपको इस प्रोसेस से ये भी समझने में मदद मिलेगी कि आपका दिमाग कितनी तेजी से काम करता है।
7. एंग्जायटी से बाहर आने के उपाय : थॉट डिफ्यूजन
आपके मन में जो भी विचार आ रहे हैं क्या आप उन्हें बादलों में तैरता हुआ देख सकते हैं ? अगर आप ऐसा कर सकते हैं तो आप बिना कहीं अटके अपने विचारों पर ध्यान दे पाएंगे। आप जब रोजाना अभ्यास करेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि कैसे आपको किन विचारों को अपने पास रखना और किन विचारों को जाने देना है।
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8. सकारात्मक दृष्टिकोण देगा चिंता से राहत
आपने सुना होगा कि आपका एटीट्यूड ही सबकुछ होता है। आपको पॉजिटिव एटीट्यूड अपनाने से बिना काम के विचारों से छुटाकारा मिल सकता है। आपको हमेशा अपने वर्तमान के बारे में सोचना चाहिए और साथ ही फ्यूचर के बारे में सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।
9. इमेजिन करना सीखें
चिंता से राहत के लिए आपको इमेजिन करना बहुत जरूरी है। आपको मन में कल्पना करनी होगी कि एक हीलिंग बॉल आपके लंग्स और चेस्ट में बन रही है। अब आप कल्पना करें कि जो हीलिंग बॉल आपके अंदर है वो सांस लेने के दौरान अधिक ऊर्जावान हो जाती है और साथ ही सभी स्ट्रेटफुल थॉट को दूर करने का करती है। यानी हीलिंग बॉल आपको शांति प्रदान करने का काम करती है। अगर आप अपने आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का प्रयास करेंगे तो आप चिंता से राहत पा सकते हैं। आपको बस कुछ बातों पर ध्यान देना होगा।
अगर आपको लंबे समय में एंग्जायटी की समस्या है तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से परामर्श करें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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