महिलाओं में एंटी एड्रोजन्स (Anti androgens) का इस्तेमाल
सभी महिलाओं में एड्रोजन्स पाया जाता है लेकिन अधिक मात्रा में नहीं। जब महिलाओं में एड्रोजन्स की अधिक मात्रा पाई जाती है, तो उनमें कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (polycystic ovary syndrome) से पीड़ित महिलाओं में एड्रोजन्स का अधिक स्तर पाया जाता है। वहीं इस हॉर्मोन के कारण महिलाओं के शरीर में तेजी से बालों में वृद्दि होने लगती है। ऐसे में एंटी एड्रोजन्स का इस्तेमाल कर बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है। इस हॉर्मोन की अधिकता के कारण महिलाओं में एक्ने की समस्या, ऑव्युलेशन प्रॉब्लम ( ovulation problems) आदि भी होने लगते हैं। कुछ अन्य कंडीशन जैसे कि ओवेरियन ट्यूमर (ovarian tumors), एड्रेनल ग्लैंड ट्यूमर (adrenal gland tumors), एड्रेनल हाइपरप्लासिया (adrenal hyperplasia) आदि कंडीशन के कारण भी महिलाओं में एड्रोजन्स का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से एंटी एंड्रोजन्स का इस्तेमाल बहुत जरूरी हो जाता है। आपको इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लेनी चाहिए।
पुरुषों में एड्रोजन्स का स्तर बढ़ने पर होने वाली समस्याएं
एंड्रोजेन प्रोस्टेट में कैंसर सेल्स ग्रोथ में सहायता करता है। अगर एंड्रोजेन को कैंसर सेल्स तक पहुंचने से रोका जाए, कैंसर की रफ्तार को धीमा किया जा सकता है। साथ ही ट्यूमर भी सिकुड़ जाता है। एंटी एंड्रोजन्स (Anti androgens) का इस्तेमाल कर प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) को रोका जा सकता है। एंटी एंड्रोजन का सेवन एंड्रोजन के प्रोडक्शन को कम नहीं करता है बल्कि इसे सर्जिकल प्रोसेस के दौरान इस्तेमाल किया जाता है।
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ट्रांसजेंडर महिलाओं में एंटी एंड्रोजन्स का इस्तेमाल
ट्रांसजेंडर महिलाओं में एंड्रोजन्स की अधिकता होने पर चेहरे पर अधिक बाल, गंजेपन की समस्या(Baldness problem) आदि समस्याएं होने लगती हैं। एंटी एंड्रोजन्स का इस्तेमाल कर इन समस्याओं से राहत पाई जा सकती है। ट्रांसजेंडर महिलाओं में एंटी एंड्रोजन्स का इस्तेमाल एस्ट्रोजन के साथ अधिक प्रभावी होता है। ऐसा करने से पुरुषों के शारीरिक लक्षणों को दबाने में मदद मिलती है।
एंटी एंड्रोजन्स (Anti-Androgens) कैसे करते हैं काम?
एंटी एंड्रोजन्स विभिन्न प्रकार के होते हैं। इन दवाओं का इस्तेमाल भी अलग होता है। महिलाओं और पुरुषों में एंड्रोजन की मात्रा बढ़ने पर विभिन्न प्रकार के लक्षण दिखाई पड़ते हैं। जानिए एंटी एंड्रोजन्स के प्रकार और उनके इस्तेमाल के बारे में।
प्रोस्टेट कैंसर में इस्तेमाल होने वाला एंटी एंड्रोजन
फ्लूटामाइड (Flutamide) एंटी एंड्रोजन का प्रकार है, जिसका इस्तेमाल प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के दौरान किया जाता है। फ्लूटामाइड (Flutamide) का इस्तेमाल करने से ये कैंसर कोशिकाओं में एण्ड्रोजन रिसेप्टर्स को बांधता है। इस कारण से प्रोस्टेट कैंसर सेल्स की ग्रोथ रुक जाती है और ये कैंसर को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।