अगर आप मां बनने वाली हैं या मां बनने की सोच रही हैं, तो यह जान लीजिए कि आपकी कोख भी अब पलूशन के खतरे से सुरक्षित नहीं रह गई है। मां के साथ-साथ प्रदूषण से भ्रूण को भी खतरा हो सकता है। एक जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। आप जानिए कि आखिर कैसे प्रदूषण से भ्रूण को खतरा (Pollution threatens the fetus) हो सकता है। मां अगर कुछ सावधानियां रखें तो होने वाले बच्चे को बड़े खतरे से बचा सकती है।
गर्भाशय नहीं रह गया अभेद (Uterus no longer impermeable)
माना जाता था कि गर्भाशय टॉक्सिन्स के लिए इम्पेनिट्रबल बैरियर है। यानी गर्भनाल से बच्चे तक वही चीजें पहुंचती थीं, जो उसके लिए फायदेमंद हैं। गर्भाशय जरूरी न्यूट्रीयन्ट्स को बच्चों तक पहुंचाकर नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को बाहर ही रहने देता है। अब प्रदूषण से भ्रूण को खतरा हो सकता है। हाल ही में एक स्टडी में पता चला है कि एयर पलूशन (Air Pollution) के नुकसानदेह कण मां से भ्रूण तक पहुंच सकते हैं।
हैसल्ट यूनिवर्सिटी की नेचर कम्यूनिकेशन जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, कोयला आदि के जलने से होने वाला धुआं मां के साथ भ्रूण तक भी पहुंचने लगा है। प्रदूषण से भ्रूण को खतरा इस कदर हो सकता है कि इससे बच्चों में स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। पहले माना जाता था कि इसके कारण गर्भपात या मिसकैरिज, समय से पहले बच्चे का जन्म, नवजात के वजन में कमी आदि समस्याएं ही पलूशन से जुड़ी हो सकती हैं।
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क्या प्रदूषण से भ्रूण को खतरा हो सकता है? (Can the pollution cause a risk to the fetus?)
वातावरण में बढ़ रहा एयर पलूशन बड़े-बुढ़ों या नवजात के लिए ही नहीं मां की कोख में पल रहे भ्रूण के लिए भी खतरा बन सकता है। एयर पॉल्यूशन इतना खतरनाक हो गया है कि यह मां के गर्भाशय को भेद कर नवजात तक पहुंचने लगा है। इससे नवजात में जन्म से ही स्वास्थ्य संबंधित रोग पैदा हो सकते हैं। यह स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं जीवन भर बच्चे से जुड़ी रह सकती है।
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प्रदूषण से भ्रूण को खतरा (Pollution threatens the fetus) : क्या कहती है शोध?
शोधकर्ताओं ने हैसल्ट के बेल्जियम शहर की 25 स्मोकिंग न करने वाली महिलाओं पर परीक्षण किया। डिलिवरी के तुरंत बाद उनका गर्भाशय एकत्रित किया गया। गर्भाशय के परीक्षण में पाया गया कि कई गर्भाशयों में ब्लैक कार्बन के कण मौजूद हैं। देखा गया कि महिलाएं ब्लैक कार्बन के संपर्क में जितना ज्यादा आती हैं, उतना ही उनमें हानिकारक कण जमा होते हैं। इसलिए कहा गया कि आप स्मोक करें या न करें धुआं आपके पेट के अंदर पल रहे बच्चे तक पहुंच सकता है। खाना, पानी और हवा हर जगह हम पॉल्यूशन की मार झेल रहे हैं। भारत में यह स्तर और भी गिरता जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि हम बच्चों को उनके पैदा होने से पहले ही इस पॉल्यूशन की समस्या से बचाएं।
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प्रदूषण से भ्रूण को खतरा (Pollution threatens the fetus) : एक लाख बच्चों की मौत का कारण एयर पलूशन
देशभर में करीब साढ़े बारह प्रतिशत मौतें एयर पलूशन के कारण ही हो रही हैं। बच्चों की सेहत के लिए यह पलूशन और भी बड़ा खतरा बनकर सामने आ रहा है। स्टेट ऑफ इंडियास् इन्वाइरमेंट (state of india’s environment) में बताया गया है कि लगभग एक लाख बच्चे जो कि पांच साल की उम्र से कम हैं, उनकी मृत्यु का एक कारण एयर पलूशन है। इससे बच्चों में श्वास के साथ ही अन्य तरह की समस्याएं भी बढ़ रही हैं।
अभी तक हमें लगता था कि गर्भाशय भ्रूण के लिए सुरक्षित है पर बढ़ रहे प्रदूषण के खतरे और रिसर्च के अनुसार यह कह सकते हैं कि मां की कोख में भी प्रदूषण से भ्रूण को खतरा (Pollution threatens the fetus) हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि प्रदूषण के खतरे को कम करने के लिए हर इंसान अपना सहयोग दे। गर्भ में बच्चे को खतरा अन्य कारणों से भी हो सकता है। अगर आप इस बारे में जानकारी चाहते हैं तो बेहतर हो कि एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रदूषण के अलावा इन चीजों से भी है भ्रूण को खतरा
प्रदूषण भ्रूण को किस तरह प्रभावित कर सकता है ये तो आप समझ ही गए होंगे, लेकिन आपको ये भी बता दें कि सिर्फ प्रदूषण ही नहीं गर्भावस्था के दौरान शराब पीना और स्मोकिंग से भी बच्चे के लिए खतरा पैदा हो सकता है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) रिकमंड करता है कि जो महिलाएं कंसीव करने के बारे में सोच रही हैं या फिर कंसीव कर चुकी हैं, उन्हें शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर वो शराब का सेवन जारी रखती हैं, तो उनके साथ ही होने वाले बच्चे के लिए भी हानिकारक हो सकता है। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग करने से कुछ रिस्क हो सकते हैं। जैसे बच्चे के साइज में परिवर्तन, प्रीमैच्योर बेबी का पैदा होना,स्टिल बर्थ (बच्चे का मरा हुआ पैदा होना), बच्चे को सांस संबंधी बीमारी का होना आदि। इसलिए समय रहते इन आदतों में बदलाव कर लेना चाहिए।
स्मोकिंग की वजह से प्रेग्नेंसी के पहले भी कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
फैलोपियन ट्यूब में समस्या होने से एग और स्पर्म के मिलने में समस्या होती है। स्मोकिंग के कारण एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy) का रिस्क बढ़ जाता है। गर्भाशय ग्रीवा में परिवर्तन देखने को मिलता है। सर्वाइकल कैंसर के बढ़ने का खतरा भी रहता है।ओवरीज में एग डैमेज (egg damage) हो सकते हैं।
इसलिए जरूरी है कि महिलाएं कंसीव होने से पहले टॉक्सिन्स पदार्थों को लेना बंद कर दें। अगर ये लत नहीं छूट रही तो डॉक्टर से संपर्क करें और एक हेल्दी प्रेग्नेंसी को एंजॉय करें। बच्चे को प्रदूषण से बचाने के लिए क्या करना चाहिए इसके बारे में भी डॉक्टर से सलाह लें।
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उम्मीद करते हैं कि आपको प्रदूषण से भ्रूण को खतरा (Pollution threatens the fetus) के संबंधित इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको प्रदूषण से भ्रूण को खतरा से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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