क्या आप जानते हैं कि डेंटल हाइजीन (dental hygiene) आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है या मुंह की समस्याएं आपके शरीर के बाकी हिस्सों को भी प्रभावित कर सकती हैं? दांतों की सही से देखभाल न करने से आपको दिल की समस्याओं से भी दो-चार होना पड़ सकता है। ऐसे में अच्छी हेल्थ के लिए मौखिक स्वच्छता (oral hygiene) को बनाए रखना जरूरी है। ओरल हाइजीन के फायदे सिर्फ मुंह को ही नहीं बल्कि पूरे शरीर को ही मिलते हैं। जानते हैं ओरल केयर (oral care) से शरीर को क्या फायदे मिलते हैं।
अच्छी ओरल हाइजीन के फायदे (Benefits of oral hygiene)
ओरल हाइजीन के फायदे: मसूड़ों की सेहत होती है बेहतर
मुंह में बहुत सारे बैक्टीरिया पाए जाते हैं। कुछ अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं। कुछ बैक्टीरिया हानिकारक होते हैं जो बीमारी और संक्रमण का कारण बनते हैं। यदि आप ठीक से फ्लॉस या ब्रश नहीं करते हैं, तो हानिकारक बैक्टीरिया आपके मुंह में जन्म ले लेते हैं और दांतों पर प्लाक (plaque) जमना शुरू हो जाता है। इससे मसूड़ों में सूजन और मसूड़ों के रोगों (जैसे-पीरियोडोंटाइटिस, जिंजीवाइटिस) की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में, नियमित रूप से ब्रश और फ्लॉस करने से मुंह से हानिकारक बैक्टीरिया दूर रहते हैं।
ओरल हाइजीन के फायदे: हार्ट अटैक का खतरा होता है कम
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के अनुसार, मसूड़ों के रोग (gum diseases) होने से दिल का दौरा (heart attack) पड़ने का खतरा लगभग 50% तक बढ़ सकता है। दरअसल, मसूड़ों से खून आने की वजह से बैक्टीरिया ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करके आपके पूरे शरीर में फैल सकते हैं। इससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है। वहीं, ओरल हाइजीन को मेंटेन करने से दिल की बीमारियों (heart diseases) का खतरा कम किया जा सकता है।
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ओरल हाइजीन के फायदे: कैंसर रिस्क भी होता है कम
मसूड़ों की बीमारी कुछ प्रकार के कैंसर में योगदान दे सकती है, खासतौर से अग्नाशय का कैंसर (pancreatic cancer)। हालांकि, शोधकर्ता इस कनेक्शन को पूरी तरह से नहीं समझते हैं। लेकिन, हो सकता है कि मुंह में बैक्टीरिया से निकलने वाले पदार्थ कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हों। ऐसे में ओरल हाइजीन के फायदे ये होते हैं कि नियमित ब्रश और फ्लॉस से मसूड़े स्वस्थ रहते हैं और कैंसर जैसे रोग की संभावना कम हो जाती है।
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ओरल हाइजीन के फायदे: फेफड़े रहते हैं हेल्दी
मसूड़ों की बीमारी और संक्रमण का दूर रहना अच्छी डेंटल हाइजीन के फायदे हैं जो की हमारे लंग्स के स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है। ओरल केयर न करने से मुंह में पनपने वाले बैक्टीरिया की वजह से मसूड़ों की बीमारी और संक्रमण हो सकता है। ये बैक्टीरिया सांस के द्वारा फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं। इससे श्वसन संबंधी संक्रमण जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है।
ओरल हेल्थ और प्रेग्नेंसी
ओरल हाइजीन के फायदे यहीं खत्म नहीं होते हैं। अच्छी डेंटल हाइजीन से हेल्दी प्रेग्नेंसी को भी बढ़ावा मिलता है। कुछ अध्ययनों में गम डिजीज और प्रेग्नेंसी कॉम्प्लीकेशन्स (प्री-मेच्योर/प्री-टर्म प्रेग्नंसी और लो-बर्थ वेट) के बीच संबंध पाया गया। गर्भावस्था के दौरान खराब मौखिक स्वच्छता से मां और शिशु के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
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हाइजीन का ध्यान नहीं रखा तो बीमारियों का बढ़ता है खतरा
अगर आप अपने मुंह को स्वच्छ नहीं रखेंगे तो दांतों व मसूड़ों से संबंधित कई संक्रमणों की आशंका बढ़ सकती है। जिन्जिवाइटिस, दांतों में सड़न, बैक्टीरियल संक्रमण, सांसों की बदबू जैसी परेशानियां तो होंगी ही, साथ ही इससे शरीर के दूसरे हिस्सों में भी समस्याएं हो सकती हैं।
बढ़ रहे हैं दांतों के मरीज
दांतों की बीमारियां भारत में एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रहीं हैं। भारत में दांतो की खराबी से 60 से 65 प्रतिशत और पेरियोडोंटल बीमारियों (Periodontal diseases) से 50 से 90 प्रतिशत जनसंख्या प्रभावित है। ज्यादातर दांतों की समस्याएं इनेमल (enamel) पर एसिड के प्रभाव की वजह से होती हैं। जिसका मुख्य कारण आजकल का अनहेल्दी खानपान है।
दांतों की देखभाल के आसान तरीके
- नियमित रूप से ब्रश करें। इससे प्लाक (plaque) और बैक्टीरिया के निर्माण को रोकने में मदद मिलती है।
- दिन में दो बार ब्रश करें।
- हर दिन फ्लॉस करें। यह उन हिस्सों को साफ करने में भी मदद करता है, जहां ब्रश नहीं पहुंच पाता है।
- स्टार्चयुक्त और शुगरी खाद्य पदार्थो से बचें।
- हर छह महीने में अपने दांतों की जांच करवाएं।
- जीभ पर भी बैक्टीरिया जमती है। इसलिए, ब्रश करने के बाद जीभ को भी साफ करना चाहिए।
ब्रश करने के साथ इस बात का भी रखें ध्यान
सिर्फ सही तरीके से ब्रश करना ही ओरल हाइजीन के लिए काफी नहीं है। इसके साथ ही आपको कई छोटी-छोटी सावधानियां भी बरतने की जरूरत है जैसे दिन में दो बार ब्रश करें। खाने के बाद कुल्ले जरूर करें। अधिक चॉकलेट, कैफीन आदि के सेवन से बचें। जितना हो सके पान मसाला और धूम्रपान से दूर रहें। बच्चों के दूध वाले दांतों का भी उसी तरह खयाल रखें और कम उम्र से ही बच्चों को ब्रश करने के आदत डालें।
ब्रश करने का होता है एक तरीका
इसके साथ ही आपको ब्रश करने का तरीका कितना सही है। ब्रश करने का सही तरीका यह है कि ब्रश को दांतों के एनामेल यानी जोड़ पर ऊपर से नीचे और दाएं से बाएं की ओर करें। एक साथ तीन दांतों पर इसी विधि से ब्रश करें। ब्रश के दौरान जीभ की सफाई भी बेहद जरूरी है।
लोग ओरल हाइजीन के फायदे के बारे में अक्सर अंजान होते हैं। खराब डेंटल हेल्थ से दांत की सड़न (tooth decay) के साथ ही कई गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए, डेंटल हाइजीन के फायदों को समझें और एक स्वस्थ्य शरीर के लिए दांतों की देखभाल जरूर करें।
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