और द्वारा फैक्ट चेक्ड Bhawana Awasthi
और पढ़ें : अगर आपका भी बच्चा नाखून चबाता है कैसे छुड़ाएं यह आदत?
ज्यादातर 26 सप्ताह के शिशु उठने के लिए एक हाथ का इस्तेमाल करते है और फिर दूसरे हाथ का। पर आप यह नहीं बता सकते की उनका कौन सा हाथ ज्यादा मजबूत और कौन सा कमज़ोर है। इसीलिए उनकी इस हरकत को बढ़ावा न दते हुए आपको उन्हें दोनों हाथों का इस्तेमाल करने के लिए उकसाना चाहिए।
26 सप्ताह के शिशु की देखभाल (26 week old baby care) के दौरान अगर आपको उन्हें इशारों की भाषा सीखना चाहते हैं, तो यह सबसे बेस्ट वक़्त है। उनके हाथ में कुछ चीज़े पकड़ाए ताकि वो अपनी बातो को बिना किसी तकलीफ के समझा सके। जैसे की,आप उसे अगर बुक ऐसा बोल रहे है तो कोशिश करे दोनों हाथों को खोलते हुए इशारा करे या पेट को हाथ लगते हुए भूक लगी है ऐसा समझाना शुरू कीजिए।
बच्चे हमेशा वही चीज़े और आवाज दोहराएंगे जो उन्हें सबसे ज्यादा अच्छी लगती है। कभी कबार आपको अपने बच्चे को लीडर बनने देन चाहिए और आपको चीज़े दोहरानी चाहिए।
और पढ़ें : बच्चों में स्किन की बीमारी, जो बन सकती है पेरेंट्स का सिरदर्द
आपके बच्चे की हेल्थ अवस्था के हिसाब से डॉक्टर उसका बॉडी चेकउप करेगा और अलग निदान तकनीक से उसे चेक करेंगे। डॉक्टर या नर्स इन सभी बातो को चेक करेंगे:
भौतिक टेस्ट, पिछली बिमारियों का एग्जामिनेशन। इसी के साथ डॉक्टर आपके बच्चे के दांत भी देखेगा की कितने आ गए और कितने बाकि है।
कितनी विकास हुइ है,उसकी भी मूल्यांकन करेंगे। डॉक्टर इन सब के आलावा वो क्या करते है,बैठ ते वक़्त अपना सर कैसे सँभालते है,आंखों की नज़र;कान;चीज़ो को कैसे समझते है;चीज़ो से खेलना और डॉक्टर के साथ किस तरह से बातचीत करते है; इन सभी बातों का भी ध्यान रखते है।
और पढ़ें : बच्चों में डर्मेटाइटिस के क्या होते है कारण और जानें इसके लक्षण
विटामिन डी सप्लिमेंट्स स्तनपान करने वाले 26 सप्ताह के शिशु के लिए होता है और जो 960 मिली लीटर से कम दूध पीते है। हालांकि हमारी बॉडी सूरज की रोशनी से विटामन डी उत्पादित कर सकती है,लेकिन ज्यादा देर तक बच्चे को धुप में रखने से उनकी स्किन पर भी असर पड़ सकता ह,क्योंकि उनकी त्वचा बहुत ही ज्यादा सेंसिटिव होती है। हर एक मिंट सूरज की किरणों के साथ संपर्क में आने से स्किन कैंसर होने का जोखिम बढ़ने लगता है और बादमे झुरिया भी पड़ सकती है।
और सभी विटामिन्स के लिए, डॉक्टर्स आपको अपने बच्चे की डाइट बढ़ने की सलाह दे सकते है। हर किसी के लिए कुछ न कुछ अलग होगा जैसे की किसीको विटामिन सप्लीमेंट्स देंगे,या किसी का कम वजन हो या गर्भ में साइज छोटी हो। अगर आपका बच्चा काम दूध पीता है या बाकी बच्चो के तुलना में कम खाना खाता है,या उसके पाचन क्रिया में दिक्कत है तो आप अपने डॉक्टर से पूछ ले की ऐसे में क्या किया जा सकता है।
अपने डॉक्टर से इस बारे में चर्चा करे और सही विटामिन्स का दोस दे. कभी भी अपने बच्चो को बड़ो की डाइट सप्पलीमेंट न दे,उसी मात्रा काम करके भी नही।
आपको वही विटामिन्स इस्तेमाल करने चाहिए जिनका आपके डॉक्टर ने आपको सुझाव दिया हो। किसी भी विटामिन या दवाई का ज्यादा मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है।
और पढ़ें : बच्चों को मच्छरों या अन्य कीड़ों के डंक से ऐसे बचाएं
जो मां स्तनपान करती है,उनके लिए सॉफ्ट,बिना परेशानी के मल त्याग होने से अचनाक काली,मोती और दुर्गन्ध मल त्याग होना थोड़ा चौका सकता है। पर ध्यान रखे,यह आम बात है। वैसे भी,जो बच्चे मां का दूध पीते है उनका मल त्याग बोतल से दूध पीने वालो बच्चो के मुकाबले नरम होता है। आपको पता होना चाहिए की धीरे धीरे आपके बच्चे की खुराक और मल त्याग दोनों ही बड़ो जैसे होने लगेगी।
दांतों की समस्या को दूर रखने के लिए,कृपया:
यहाँ है कुछ ऐसी बातें जिनके लिए आप परेशान हो सकती है:
इस आर्टिकल में हमने आपको 26 सप्ताह के शिशु की देखभाल के बारे में बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
और द्वारा फैक्ट चेक्ड
Bhawana Awasthi