नवजात शिशु का पेट भरने के लिए एकमात्र भोजन या खाना केवल मां का दूध होता है। पहली बार मां बनने पर महिलाओं के मन में ये सवाल अक्सर आता है कि बच्चा सही से फीडिंग कर पाएगा या फिर नहीं या बच्चे के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध बन पाएगा या फिर नहीं। मां के लिए ये चिंता लाजमी भी है। जब बच्चा पैदा होता है, तो शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं और कुछ समय बाद ही मां बच्चे को दूध पिलाने भी लगती है। शुरुआत में दूध थोड़ा बनता है लेकिन जैसे ही मां बच्चे को दूध पिलाना शुरू करती है, धीरे-धीरे दूध अधिक मात्रा में बनने लगता है। कुछ महिलाओं में लैक्टेशन की समस्या भी हो सकती है, जिसके कारण उनमें पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं बन पाता है। दूध पर्याप्त मात्रा में न बन पाने के कारण बच्चा फीडिंग (Feeding) सही से नहीं कर पाता है और थोड़ी ही देर में रोने भी लगता है। बच्चा सही से फीड कर पा रहा है या फिर नहीं, इस बारे में बच्चे के वेट बढ़ने से पता लगाया जा सकता है। नवजात शिशु पैदा होने के एक हफ्ते बाद तक दिन में पांच से छह बार तक डायपर गीला करते हैं। अगर दूध की कमी होती है, तो हो सकता है कि बच्चा दिन में एक या दो बार ही ऐसा करे। लैक्टेशन टी (Lactation tea) की मदद से मां दूध की मात्रा बढ़ा सकती हैं। जानिए लैक्टेशन टी (Lactation tea) और उससे संबंधित ब्रांड के बारे में।