मम्प्स के कॉम्प्लिकेशन बच्चों की तुलना में व्यस्कों में अधिक दिखाई देते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
- मेंनिनजाइटिस (Meningitis) इसमें ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड को कवर करने वाली मेम्ब्रेन पर सूजन आ जाती है। ज्यादातर बच्चे इससे पूरी तरह रिकवर हो जाते हैं।
- इंसेफ्लायटिस (Encephalitis) यह ब्रेन की सूजन है। ज्यादातर बच्चे इससे भी रिकवर हो जाते हैं।
- ऑर्कायटिस (Orchitis) इसमें टेस्टिकल्स पर सूजन आ जाती है। इसकी वजह से टेस्टिकल्स में दर्द हो सकता है। दुलर्भ मामलों में यह इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है।
- पैंक्रियाटायटिस (Pancreatitis) पैंक्रियाज पर आने वाली इंफ्लामेशन को पैंक्रियाटायटिस कहा जाता है। यह भी मम्प्स का कॉम्प्लिकेशन है।
- बहरापन (Deafness)- सुनने की क्षमता में कमी आ सकती है।
बच्चे को मम्प्स से कैसे बचाया जा सकता है? (How can I help prevent mumps in my child?)
बच्चों को मम्प्स से बचाने का आसान तरीका मीजल्स (Measles), मम्प्स (Mumps) और रुबेला (Rubella) वैक्सीन का कॉम्ब्निनेशन यानी (MMR) वैक्सिनेशन है। एमएमआर वैक्सीन ज्यादातर लोगों को इम्यूनिटी प्रदान करती है। एमएमआर वैक्सीन (MMR Vaccine) के दो डोज दिए जाते हैं। पहला डोज 12 महीने से 15 महीने की उम्र में दिया जाता है। वहीं सेकेंड डोज 4-6 साल की उम्र में दिया जाता है। सेकेंड डोज फर्स्ट डोज के कम से कम 4 हफ्ते बाद दिया जाना चाहिए।
बता दें कि बच्चों को एमएमआर वैक्सीन देने के बाद कुछ साइड इफेक्ट्स भी दिख सकते हैं। वैक्सिनेशन के बाद हल्का बुखार या फिर माइल्ड रैशेज होना आम है। वैक्सिनेशन के साइड इफेक्ट्स में ज्वाइंट पेन (joint pain), लो प्लेटलेट काउंट भी हो सकते है। कुछ बच्चों में एलर्जिक रिएक्शन या सूजन भी हो सकती है। सभी बच्चों में ये लक्षण दिखाई दें, ऐसा जरूरी नहीं है। कुछ बच्चों में साइड इफेक्ट्स बहुत कम होते हैं, वहीं कुछ में मॉडरेट या फिर सीरियस साइड इफेक्ट्स भी दिख सकते हैं। इस बारे में पहले ही डॉक्टर से जानकारी प्राप्त कर लें।
कुछ कंडिशन्स में बच्चों को एमएमआर वैक्सीन नहीं दी जाती है। वैक्सीन में मौजूद जिलेटिन और एंटीबायोटिक नियोमायसिन (Gelatin and the antibiotic neomycin) रिएक्शन का कारण बन सकते हैं। अगर बच्चे को पहली डोज के बाद गंभीर एलर्जिक रिएक्शन हुआ है, तो दूसरी डोज नहीं दी जाती है। साथ ही अगर बच्चे को अगर कोई ऐसा डिसऑर्डर है, जो इम्यून सिस्टम पर बुरा असर डालेगा, तो ऐसे केस में वैक्सीन नहीं दी जाती है। इस बारे में डॉक्टर सही जानकरी देंगे।