शुरुआती छह महीनों तक शिशु के लिए मां का दूध ही संपूर्ण आहार होता है। छह महीने के बाद शिशु के डायट चार्ट में दूसरे फूड्स को शामिल किया जा सकता है। संपूर्ण विकास में शिशु का डायट चार्ट काफी योगदान देता है। पोषण की कमी के चलते शिशु कुपोषित हो सकता है। छह महीने के बाद एक साल के बच्चे का डायट चार्ट क्या होना चाहिए? यह सवाल हर मां के दिमाग में रहता है। आज हम इस आर्टिकल में आपको इस विषय के बारे में बताएंगे।
एक वर्ष के शिशु के डायट चार्ट को लेकर हमने भोपाल की न्यूट्रिशियनिस्ट एंड प्रैक्टिसिंग डायटीशियन डॉक्टर ज्योति शर्मा से खास बातचीत की। उन्होंने एक साल के बच्चे का डायट चार्ट के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की।
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एक साल के बच्चे का डायट चार्ट (Diet chart for 1 year Kid) कैसे होना चाहिए?
शिशु को ब्रेकफास्ट में क्या खिलाएं?
डॉक्टर: शिशु को ब्रेकफास्ट में हमेशा मां का दूध ही सबसे पहले दिया जाना चाहिए। इसके बाद शुरुआती तौर पर फल दिए जाने चाहिए। सीजनल फलों को मैश करके शिशु को दिया जा सकता है। यदि आम का मौसम में तो आम को मैश करके एक चम्मच नाश्ते के तौर पर खिलाया जा सकता है। नास्ते में केला भी एक बढ़िया विकल्प है। केले के एक टुकड़े को मैश करके शिशु को खिलाएं।
शिशु के हर मील में कितना अंतराल होना चाहिए?
डॉक्टर: चाहे नाश्ता हो या दिन का ब्रेकफास्ट, शिशु के हर मील में कम से कम डेढ़ से दो घंटे का अंतराल होना चाहिए।
एक साल के बच्चे का डायट चार्ट (Diet Chart) : एक बार में कितना खिलाएं?
डॉक्टर: एक साल के बच्चे का डायट चार्ट कहता है कि शिशु को कुछ भी खिलाते वक्त खाने की मात्रा का खासतौर से ध्यान रखें। ज्यादा या कम फूड शिशु की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अधूरी डायट से शिशु कुपोषित हो सकता है। बेहतर होगा कि शिशु को संतुलित मात्रा में फूड दें। एक कटोरी का एक चौथाई हिस्सा ही एक बार में खिलाएं।
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एक साल के बच्चे का डायट चार्ट : शिशु को स्नैक्स में क्या देना चाहिए?
डॉक्टर: शिशु को स्नैक्स में सेमि लिक्विड चीजें दी जा सकती हैं। स्नैक्स में चावल या दाल का पानी दिया जा सकता है। यह शिशु की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसमें हल्का नमक मिलाया जा सकता है।
एक साल के बच्चे का डायट चार्ट : शिशु को लंच (Lunch for Kids) में क्या खिलाएं?
डॉक्टर: लंच में शिशु को सेमि सॉलिड फूड ही दें। इसे बनाने का तरीका बेहद ही आसान है। आप रोटी के कुछ टुकड़ों को दूध में कुछ देर तक भिगोकर रख दें। इसके बाद उसे मैश करके शिशु को खिलाया जा सकता है। चावल को दाल में मिलाकर मैश करके लंच के रूप में दिया जा सकता है। सब्जियों को उबालकर उनके स्टॉक को शिशु को लंच के रूप में दिया जा सकता है।
सामान्यतः शिशु का डायट चार्ट हरी सब्जियों से भरा होना चाहिए। हरी सब्जियां शिशु के लिए फायदेमंद होती हैं। शिशु के लंच में सेमि सॉलिड के रूप में दलिया, गली हुई रोटी, दही-चावल को मैश करके शिशु को दें। लंच या डिनर में दानेंदार चीजें ना दें।
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लंच के बाद शिशु को स्नैक्स में क्या दें?
डॉक्टर: शिशु को स्नैक्स के रूप में फ्रूट जूस नहीं देना चाहिए। फ्रूट जूस में शुगर की मात्रा ज्यादा हो सकती है, जिससे उसे संक्रमण हो सकता है। उसे सीधे फल ही खिलाएं।
बेवरेज में शिशु को क्या पिलाएं?
डॉक्टर: लिक्विड में शिशु को सब्जियों को उबालकर उसका सूप बनाकर दिया जा सकता है। मॉनसून के सीजन में शिशु को हरी पत्तेदार सब्जियां नहीं दी जानी चाहिए।
शिशु को दिन में कितने बार खाना देना चाहिए?
डॉक्टर: आदर्श रूप से शिशु को दिन में छह से आठ बार खाना देना चाहिए। शिशु की एक्टिविटी और उसके वजन की इसमें अहम भूमिका होती है। यदि शिशु ज्यादा एक्टिव रहता है तो वह दूसरे बच्चों से ज्यादा फूड ले सकता है। शिशु को धीरे-धीरे विभिन्न प्रकार का खाना टेस्ट कराना चाहिए।
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एक साल के बच्चे का डायट चार्ट (Diet chart for kids) : शिशु को डिनर में क्या खिलाएं?
डॉक्टर: डिनर में शिशु को सेमि सॉलिड फूड दिया जा सकता है। इसमें आप दलिया, चावल या रोटी को दूध में भिगोकर उसे मैश करके खिला सकते हैं। चावल को दाल के पानी में मैश किया जा सकता है।
शिशु के लिए खाना पकाते वक्त किन बातों का ध्यान रखें?
डॉक्टर: शिशु को ताजा फल और सब्जियां ही दें। सुबह का खाना शाम को या शाम का फूड सुबह कभी ना दें। बच्चे की डायट में पैकेट वाली चीजों का कम से कम इस्तेमाल करें। पैकेट वाली चीजें जैसे सेरेलेक्स के साथ फल या सब्जियां मिक्स ना करें। इससे इंफेक्शन और डायरिया हो सकता है। मेरी निजी राय है कि शिशु को पैकेट वाले फूड से दूर रखना चाहिए।
शिशु को क्या ना खिलाएं?
डॉक्टर: एसिडिक फूड जैसे लेमन और ऑरेंज जैसी चीजें शिशु को ना दें। ज्यादा चटपटी चीजें शिशु से दूर रखें। शुरुआती दिनों में शिशु की आंत की लाइनिंग ठीक से विकसित नहीं होती है। इससे बच्चों का गट सिस्टम भी प्रभावित हो सकता है। फ्रोजन सब्जियां, मीट, पैकेट वाले फूड प्रोडक्ट्स बिलकुल ना दें। इससे शिशु की इम्युनिटी प्रभावित होती है।
- बड़ों के मुकाबले शिशु की इम्युनिटी वीक होती है।
- एक वर्ष से पहले नॉनवेज ना खिलाएं।
- बंद पैकेट में आने वाले फ्रूट जूस शिशु को ना पिलाएं।
- पांच वर्ष की आयु तक शिशु को सोया से संबंधित किसी भी प्रकार का प्रोडक्ट ना दें। सोया में एलर्जेन्स होते हैं। इससे शिशु की बॉडी में एलर्जी पैदा हो सकती है।
- बच्चों को बहुत ज्यादा आयली फूड न दें।
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एक साल के बच्चे का डायट चार्ट फॉलो करने के साथ-साथ इनका भी रखें ध्यान
एक्सपर्ट्स के मुताबिक आपको अपने शिशु का डायट चार्ट बनाते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऊपर बताई गई बातों के आलाव निम्न आहार भी छोटे बच्चे के उचित शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी होते हैं, जिनमें शामिल करेंः
- गाजर, कद्दू, आलू, मटर, शकरकंदी, तोरी, पेठा कद्दू, हरी गोभी और गोभी का गाढ़ा प्यूरी बनाकर बच्चे के खिला सकती हैंः
- फलों की प्यूरी जैसे उबाला हुआ या भाप में पकाया हुआ सेब और नाशपाती, आम या पपीता या मसले हुए फल भी शिशु का डायट चार्ट बन सकते हैं।
नोट- डॉक्टर ज्योति के मुताबिक, लंच या डिनर से एक दो घंटे पहले शिशु को दूध ना पिलाएं इससे शिशु खाना नहीं खाएगा। शिशु जब भूखा हो तभी उसे खाना दें।
उपरोक्त जानकारी के आधार पर एक साल के बच्चे का डायट चार्ट बनाया जा सकता है। किसी भी डायट चार्ट को फॉलो करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर, डायटीशियन से सलाह अवश्य लें।
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