जब शिशु पेट में होता है, तो मां अक्सर शिशु से बात करती है। भले ही ये एक तरफ का संचार होता हो, लेकिन मां को इस बात की तसल्ली रहती है कि दो साल बाद तक वो शिशु की बातों को सुन और समझ पाएगी। अगर बच्चा दो साल बाद भी बोल नहीं पाता है, तो ये सिर्फ मां के लिए नहीं बल्कि पूरे घर के सदस्यों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। बच्चे जब बड़े होते हैं, तो उनमें अपने चारों ओर की चीजों को छूने की, उन्हें समझने की और साथ ही चलने की बहुत उत्सुकता होती है। एक साल के बाद बच्चों को कुछ शब्द को बोलने के लिए जोर दिया जाता है। कुछ बच्चे आसानी से शब्दों को बोलते भी हैं लेकिन सब बच्चे एक जैसे नहीं होते हैं। कुछ बच्चे जल्दी चलना और बोलना शुरू कर देते हैं और कुछ को अधिक समय भी लग सकता है। आमतौर पर दो साल के बच्चे शब्दों को बोलना शुरू कर देते हैं। दो साल का शिशु न बोले (Toddler problems with speaking), तो आपको परेशान होने की बजाय कुछ बातों को समझने की जरूरत है। जानिए इस आर्टिकल के माध्यम से कुछ ऐसी बातें, जो बच्चों को स्पीच को बेहतर बना सकती हैं।