क्या आपका बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है? क्या आपके बच्चे को बार-बार पेट दर्द होता है? अगर हां, तो यह गट संबंधी समस्या हो सकती है। दरअसल, गट पेट के निचले हिस्से में मौजूद आंत के पूरे सिस्टम को कहते हैं। शरीर में पाए जाने वाले गट बैक्टीरिया (Gut bacteria) शरीर की इम्यूनिटी और स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भाग निभाते हैं। इसमें माइक्रोबायोम (Microbiome, कई बैक्टीरिया का समूह) इम्यूनिटी को मजबूत करता है। जन्म से ही इन बैक्टीरिया का स्तर सही होने से बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता सही बनी रहती है। लेकिन, अगर ऐसा नहीं हो, तो बच्चा कई तरह की बीमारियों का शिकार बनने लगता है।
आपके बच्चे की गट हेल्थ को उनके गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में रहने वाले हजारों माइक्रोब्स से जोड़ा जाता है। ये माइक्रोब बैक्टिरिया, फंजाई और वायरस से मिलकर बनता है। इसमें से बहुत से माइक्रोब बच्चों की गट हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं और गट के पोषण के लिए फायदेमंट बैक्टिरिया ही देर तक बचते हैं और इससे बॉडी को फायदा होता है। इसलिए, जरूरी है कि बच्चे की गट हेल्थ का ध्यान रखा जाए, ताकि उसकी सेहत सही बनी रहे।
बच्चों की गट हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए उनका शरीर अलग-अलग प्रोसेस का इस्तेमाल करता है। बच्चे के पेट में रहने वाले अलग-अलग बैक्टीरिया में उन एजेंटों से बचाने की क्षमता होती है, जो बच्चों में रोग का कारण बन सकते हैं या इम्यून सिस्टम (Immune system) को सपोर्ट करते हैं। इसके अलावा ये बैक्टिरिया खाने से पोषक तत्वों और ऊर्जा को निकाल सकते हैं और बच्चे के शरीर के कई प्रकार के कार्यों को प्रभावित कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको गट हेल्थ में सुधार लाने के तरीके बताएंगे। साथ ही गट हेल्थ को बेहतर बनाने वाले फूड के बारे में भी आप जानेंगे।
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट गट बैक्टीरिया (Gut bacteria) के बारे में
आंतों में मौजूद गुड बैक्टीरिया हानिकारक पदार्थ को शरीर के अंदर प्रवेश करने से रोकते हैं। ये इम्यूनिटी सिस्टम को बॉडी में बढ़ने वाले हानिकारक तत्वों की जानकारी भी देते हैं। इसके बाद ही इम्यूनिटी सिस्टम ऐसे खतरों से लड़ने के लिए तैयार हो पाता है। वर्ल्ड गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी इंस्टीट्यूट, मुंबई के डायरेक्टर डॉ. विपुलरॉय राठौड़ का कहना है कि कई बार स्ट्रेस या एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट्स के कारण गुड बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ने लगता है या ये बॉडी से बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में बॉडी में इंसुलिन का बैलेंस बिगड़ने, आंतों की झिल्ली से रिसाव और इम्यूनिटी सिस्टम में सूजन जैसी कई प्रॉब्लम्स होने लगती हैं।
गट बैक्टीरिया: बच्चों की गट हेल्थ में सुधार करने के लिए अपनाएं ये आसान टिप्स
अच्छे बैक्टीरिया यानी गट बैक्टीरिया (Gut bacteria) का स्तर बढ़ाएं
- गट बैक्टीरिया (Gut bacteria) कार्बोहाइड्रेट्स को खाते हैं। अगर आप फाइबर युक्त खाना खाते हैं, तो आपको कुछ और करने की जरूरत नहीं है। इससे गट बैक्टीरिया का स्तर बढ़ने में मदद मिलेगी और पाचन के साथ इम्यूनिटी भी बढ़ेगी। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दाल आपके गट बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ाने में कारगर हैं।
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दही या फिर फर्मेंटेड खाना
- फर्मेंटेड खाना खाने से भी आपके गट बैक्टीरिया (Gut bacteria) को बढ़ाने में सहायता मिलती है। खासकर दही या फिर फर्मेंटेड पत्ता गोभी जैसी चीजें बच्चों के गट हेल्थ को सुधार सकती हैं।
हाई फैट फूड का सेवन कम करें
हाई फैट फूड पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं, जिसके कारण कब्ज होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप वसा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। गुड फैट शरीर के लिए बेहद जरूरी है, आप उसे हाई फाइबर फूड के साथ ले सकते हैं।
बीन्स का सेवन
बीन्स पौधे-आधारित फाइबर के सबसे मजबूत स्रोतों में से एक हैं और फाइबर तथा प्रोटीन के लिए सबसे सस्ते सोर्स है।
नट्स का सेवन
नट्स ना केवल फैट और प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं, बल्कि वे फाइबर का एक मजबूत स्रोत हैं। इन्हें आपके बच्चों की गट हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है। इसको खाने से आपके बच्चों की गट हेल्थ बढ़ती है।
दाल
दाल में फाइबर का अच्छा अमाउंट होता है । यह ना केवल बच्चे की गट में गुड बैक्टिरिया के लिए अच्छा होता है, बल्कि यह बच्चों की गट हेल्थ के लिए भी काफी अच्छा होता है। इसको खाने से बच्चों को प्रोटीन के साथ-साथ फाइबर भी अच्छी मात्रा में मिलता है।
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गट बैक्टीरिया: बच्चों की गट हेल्थ के लिए जरुरी है हाई फाइबर फूड
अगर आप ऐसे भोजन का सेवन करते हैं, जिनमें फाइबर की अधिकता हो तो इससे पाचनतंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह पाचनतंत्र को तो बेहतर तरीके से काम करने के लिए प्रेरित करता है इसलिए अपने आहार में हाई फाइबर फूड जैसे साबुत अनाज, फल, सब्जियां और फलियां को शामिल करें। रंग-बिरंगे फल और सब्जियां केवल देखने में अच्छे नहीं होते, बल्कि आपके बच्चों की गट हेल्थ के लिए भी अच्छे होते हैं। इन फलों और सब्जियों से आप एक से एक टेस्टी स्नैक्स बना सकते हैं। यह आपके बच्चे को कई तरह के विटामिन और मिनरल्स भी देते हैं, जिसकी उनके शरीर को जरूरत होती है। ज्यादातर फलों और सब्जियों में फाइबर होता है, जो बच्चों की गट हेल्थ के लिए जरुरी होता है।
फाइबर फायदेमंद बैक्टीरिया को फीड करने में मदद करता है, जिसकी उसे जरुरत होती है। फाइबर फूड सामान्य पाचन को बनाए रखने में भूमिका निभाता है, जिससे बच्चे के डाइजेस्टिव सिस्टम में सुधार होता है। हालांकि यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आपका बच्चा कैसा आहार ले रहा है। आजकल की लाइफस्टाइल में लोग प्रोसेस्ड फूड पर ज्यादा निर्भर होते हैं। जितना अधिक हमारे भोजन को प्रोसेस किया जाता है, उतना ही उस खाने में कम फाइबर होता है। अपने बच्चे को प्लांट बेस्ट फूड देने की कोशिश करें, जिससे उनका फाइबर इनटेक बढ़ें। हाई फाइबर फूड खाने से बच्चे की गट हेल्थ सुधरेगी और वह पूरी तरह हेल्दी रहेगा।
गट बैक्टीरिया के लिए अत्याधिक फाइबर युक्त खाना
हमारे गट बैक्टीरिया (Gut bacteria) काम्प्लेक्स फाइबर (Complex fiber) खाते हैं जो आमतौर पर हम पचा नहीं सकते। इसलिए फाइबर युक्त निम्नलिखित खाना खाने से आपके बच्चे का गट स्वस्थ बन सकता है।
- ओट मील
- साबूत अनाज
- ब्रॉकली
- प्याज
- लहसुन
पॉलीफिनॉल युक्त खाना
गट बैक्टीरिया (Gut bacteria) पॉलीफिनॉल युक्त खाना भी खाते हैं। निम्नलिखित खाने की चीजों में पॉलीफिनॉल भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- बेरीज
- अंगूर
- चेरी
- चॉकलेट
- प्रोबायोटिक युक्त खाना
- दही, योगर्ट और फर्मेन्टेड खाना खाने से भी गट बैक्टीरिया (Gut bacteria) में वृद्धि होती है।
- बहुत अधिक फास्ट फूड या फिर प्रोसेस्ड खाना न खाएं
- बच्चे फास्ट फूड के नाम से ही बहुत खुश हो जाते हैं। अगर आपका बच्चा पहले ही पाचन तंत्र की समस्या से गुजर रहा है तो उसे स्वास्थ्यवर्धक खाना ही दें। फास्ट फूड खाने से स्थिति और भी अधिक खराब हो सकती है।
गट बैक्टीरिया : बच्चों की गट हेल्थ के लिए जरुरी है फ्लैक्स सीड
फ्लैक्स सीड शरीर के जरूरी बैक्टीरिया को खिलाने के लिए एक अच्छा फाइबर स्रोत है। अपने बच्चे के खाने से लेकर पीने की चीजों में फ्लैक्स सीड्स जोड़ने के बारे में सोचें। न केवल ये छोटे बीज जरुरी बैक्टिरिया को पोषण देते हैं, बल्कि उन्हें ओमेगा -3 भी उपलब्ध होता है। यह उनके दिमाग को हेल्दी बनाने में मदद करता है और बच्चों की गट हेल्थ के लिए भी जरुरी होता है।
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जरूरत से ज्यादा चिंता पड़ सकती है भारी
- कई बार देखा गया है कि उन पेरेंट्स के बच्चे ज्यादा बीमार पड़े, जिन्होंने पूरी तरह से स्टरलाइजेशन (Sterlization) का सहारा लिया है। पूरी तरह से बैक्टीरिया रहित वातावरण में रहने से बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर भी हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसी स्थिति में इम्यून सिस्टम किसी भी बाहरी पैथोजन को पहचाननें में असमर्थ होता है। माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए कि जरूरत से ज्यादा बचाव इम्यूनिटी के कमजोर होने का कारण हो सकता है।
- सफाई के आम तरीके जैसे कि रोज नहाना, साफ खाना खाना और हाथों की सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। लेकिन, बच्चे को बाहर जाकर खुले वातावरण में भी खेलने दें।
बेवजह बच्चों को एंटीबायोटिक्स न दें
- सही समय पर सही मात्रा में दवाइयां जरूरी होती हैं लेकिन बेवजह दवाएं खाने से आपकी तबियत खराब हो सकती है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में हुए शोध के अनुसार बच्चों को बहुत अधिक एंटीबायोटिक देने से उनके वजन में बहुत अधिक वृद्धि आ जाती है। साथ ही कई मामलों में ऐसा भी होता है कि शरीर में एंटीबायोटिक्स के लिए प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो जाती है और सच में संक्रमण होने पर दवाइयां असर नहीं करती।
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गट बैक्टीरिया: प्रीबायोटिक्स भी है बच्चों की गट हेल्थ के लिए जरुरी
प्रोबॉयोटिक्स वास्तव में गुड बैक्टीरिया हैं, जिनकी शरीर को बेहद जरूरत होती है। यह पाचन तंत्र में स्वाभाविक रूप से मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया के समान हैं। प्रोबॉयोटिक्स के सेवन का एक बड़ा लाभ यह है कि वे एक अनहेल्दी आहार, एंटीबायोटिक दवाओं और तनाव के प्रभावों का मुकाबला करके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं, प्रोबायोटिक्स पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ा सकते हैं, लैक्टोज को तोड़ने में मदद कर सकते हैं, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं।
प्रीबायोटिक्स को फाइबर के रूप में जाना जाता है। लेकिन हर फाइबर एक प्रीबायोटिक नहीं है। गट में मौजूद फायदेमंद बैक्टिरिया प्रीबायोटिक फूड से पोषण लेते हैं, इसलिए इनकी जरुरत बैक्टिरिया को फीड कराने के लिए होती है। वे स्मॉल इंटेस्टाइन में नहीं पचते हैं और कोलन तक पहुंचने की क्षमता रखते हैं, जहां उन्हें गट माइक्रोब द्वारा फरमेंट किया जाता है। प्रीबायोटिक्स खिलाने से अच्छे बैक्टीरिया को पोषण मिलता है, जिससे खराब बैक्टिरिया गट से बाहर निकलते हैं। प्रीबायोटिक्स बच्चों की गट हेल्थ के लिए जरुरी है, क्योंकि यह गुड बैक्टिरिया के लिए फूड का काम करते हैं।
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बच्चों की गट हेल्थ के लिए जरुरी प्रीबायोटिक फूड्स
गट बैक्टीरिया के लिए हरे केले (Green Banana)
जब आप केले की बात करते हैं, तो हमेशा पीला केला दिमाग में आता है। लेकिन, शायद आपको नहीं पता हरा केला एक प्रीबायोटिक फूड है। अगली बार से आप जब भी फल लेने जाएं तो हरे केले को अवॉयड ना करें। हरा केला आपके बच्चों की गट हेल्थ के लिए जरुरी फ्रूट है, जिसे आप कभी भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
गट बैक्टीरिया के लिए शतावरी (Asparagus)
यह रंगीन प्रीबायोटिक आपके अच्छे बैक्टीरिया के लिए एक शानदार फूड है। जिस तरह से यह आपके बैक्टिरिया के लिए अच्छा है, इसका सीधा असर आपके बच्चों की गट हेल्थ पर पड़ता है। यह बच्चों की गट हेल्थ के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है।
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गट बैक्टीरिया के लिए लहसुन और प्याज
यह प्रीबायोटिक लगभग सभी घर में इस्तेमाल होते हैं। इसके बहुत से फायदे हैं। यह न केवल बच्चों की गट हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि इसके दूसरे फायदे भी हैं। आपके लिए अपने बच्चों के खानें में इन आइटम को जोड़ना आसान भी है। ये पॉकेट फ्रेंडली हैं और इसको बनाना आसान है। बहुत से लोग प्याज को सलाद की तरह खाते हैं, जिसमें फाइबर भी होता है और यह प्री बायोटिक भी है।
बच्चों की गट हेल्थ उनके स्वास्थ के लिए बहुत जरुरी है। अगर बच्चे को गट में कोई परेशानी होती है तो उसका पूरा स्वास्थ खराब हो सकता है। इससे बचने के लिए बच्चों को शुरु से हेल्दी खाना खाने की आदत डालें। उनके खाने में फाइबर, प्रीबायोटिक फूड को शामिल करें। इस तरह से उन्हें शुरु से ही इस तरह का खाना खाने की आदत होगी, जो आगे चलकर उन्हें गट से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी से बचाएगा।
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इसके साथ ही सिस्टम को साफ रखने के लिए पानी बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा तरल पेय पदार्थ लें जिससे मेटाबॉलिज्म सही रहे और गट बैक्टीरिया (Gut bacteria) भी सही मात्रा में बनें रहें। इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर आप अपने बच्चे के गट को स्वस्थ बना सकते हैं। इस विषय से जुड़ी और अधिक जानकारी या सलाह के लिए डॉक्टर से मिलें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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