जब तक बच्चा बोल नहीं पाता था, तब आपने उसे बोलना सिखाया, अब चूंकि बच्चा चीजों को समझता है और अपनी बातें भी बताता है और आपको अपनी आदतों में परिवर्तन करना होगा। आपको बोलना कम और सुनना ज्यादा चाहिए। पहले बच्चे की बात को अच्छे से सुने, ऐसा न हो कि आप ज्यादा बोल जाए और जब बच्चे का नंबर आए तो आप उसे डांट कर चुप करा दें। जब आप बच्चे को मौका देंगी, तभी वो अपनी बात बिना संकोच या फिर डर के कह पाएगा।
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टीनएजर्स की पेरेंटिंग (Parenting of teenagers): बॉन्डिंग बनाएं स्ट्रॉन्ग
टीनएज में पहुंचते ही बच्चों के पास काम बहुत बढ़ जाते हैं। स्कूल में पढ़ाई, दोस्तों के साथ टाइम स्पेंड करना, ट्यूशन आदि के कारण बच्चों को घर में कम ही टाइम मिल पाता है। यहां तक कि बच्चे घर में आकर भी पढ़ाई के साथ ही अन्य गतिविधियों में व्यस्त हो जाते हैं। ऐसे में आप उनसे डिनर या फिर लंच के वक्त आराम से बातें कर सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि उनका मूड खराब हो जाए और उनका खाने का मन न करें। खाने के बाद जब थोड़ा टाइम बचता है, आप तब बात कर सकते हैं। ऐसा करने से आपकी बॉन्डिंग स्ट्रॉन्ग हो जाएगी।
बच्चे की पसंद को अपनाकर तो देखें
आपने ये बात जरूर महसूस की होगी कि बच्चे उन्हीं लोगों से ज्यादा बातें करना पसंद करते हैं, जो उनके जैसे होते हैं। अगर आपके बच्चे को बास्केटबॉल पसंद या बैडमिंटन पसंद है तो उन्हें ऐसे बच्चे ज्यादा पसंद आएंगे जिन्हें ये पसंद हो। आप समझ ही गए होंगे कि बच्चे की हॉबी के साथ आप जुड़ेगी तो आपकी बॉन्डिंग अधिक स्ट्रॉन्ग हो जाएगी। आप चाहे तो बच्चे की पसंद का म्यूजिक भी सुन सकती हैं। ऐसा करने से टीनएज बच्चे और आपके पास बहुत सी बातें होंगी, जो आप डिस्कस कर सकेंगे।
बचें निगेटिव कम्यूनिकेशन से
अगर बच्चों के साथ आप नकारात्मक भाव में बात करते हैं तो बच्चा खुद को लो फील करने लगता है। कुछ समय बाद बच्चा पेरेंट को रिजेक्ट भी कर सकता है। पेरेंट्स बच्चों की स्ट्रेंथ होते हैं। यानी जब बच्चा किसी समस्या में हो या उसे कुछ समझ न आए तो आप उसे हौसला दें, न कि उससे ये कहें कि तुम हमेशा खराब काम करते हो या तुम ये नहीं कर पाओगे। अगर पेरेंट्स और टीनएज की बीच अच्छा कम्यूनिकेशन होगा तो आधी समस्या तो अपने आप ही खत्म हो जाएंगी।
हम आशा करते हैं आपको टीनएजर्स की पेरेंटिंग (Parenting of teenagers) संबंधित लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में पेरेंट्स और टीनएजर्स में अच्छी बॉन्डिंग बनाने के लिए टिप्स दिए गए हैं। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना सवाल कमेंट कर पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों का जवाब दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे। आप पेरेंटिंग की अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।