
क्या आप जानते हैं कि बच्चों के लिए खिलौने भी आपके बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं? जी हां, आपने सही पढ़ा है! बार्बी डॉल, सॉफ्ट टॉयज, रिंग्स, स्क्वीज टॉयज और भी बहुत कुछ है जिनसे बच्चों को खेलना बहुत पसंद होता है। लेकिन, इनमें से कितने उनके लिए वास्तव में सुरक्षित हैं? सुरक्षा के अलावा, खिलौने में विकास और उभरती क्षमताओं को भी शामिल किया गया है। नीचे उन खिलौनों की सूची दी गई है जिन्हें आपको अपने बच्चों को देना चाहिए और उन चीजों के बारे में भी जानना चाहिए जो हानिकारक हो सकती हैं। डॉ तुषार पारिख, (मुख्य सलाहकार, पीडियाट्रिक्स एंड निओनेटोलॉजी, मदरहुड हॉस्पिटल, पुणे) हमसे बात करके इस बारे में और अधिक क्लैरिटी ला रहे हैं। आज इस आर्टिकल में हम बच्चों के लिए खिलौने से संबंधित जरूरी जानकारियां देंगे। साथ ही जानेंगे कि उम्र के हिसा से बच्चों के लिए खिलौने कौन से होने चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
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0-6 महीने के बच्चे के लिए उपयुक्त गेम्स (Games for babies)
0-6 महीने का एक नवजात शिशु धीरे-धीरे गर्दन पकड़ के ऊपरी शरीर और हाथ पर नियंत्रण विकसित करता है। लगभग 6 महीने में बच्चे बैठने में सक्षम हो जाते हैं। इस प्रकार खिलौने और गेम जो इन बच्चों को दिए जानें चाहिए वे उनकी कलर विजन और सेंसरी डेवलपमेंट को बढ़ाने में मदद करनी चाहिए। इसके लिए विभिन्न बनावट वाले रंगीन खिलौने शिशु को दिए जाने चाहिए। 6 महीने से अधिक समय तक माता-पिता को एक टीथर देना चाहिए जो एक रंगीन खिलौना है। लेकिन, इसे अच्छी तरह से गर्म पानी से साफ करें क्योंकि आपका बच्चा इसे चबाएगा। कम गुणवत्ता वाले टीथर का उपयोग करना नहीं चाहिए, क्योंकि मुंह में डालने पर टीथर का रंग निकल सकता है।
7 से 12 महीने तक: पुराने शिशुओं के लिए गेम्स
जब लगभग 8 महीने का हो तब शिशु रेंगना शुरू करता है। इसलिए मुलायम खिलौने और प्लास्टिक के खिलौने का उपयोग किया जा सकता है। 9 महीनों में, शिशुओं को विभिन्न आकृतियों, लकड़ी के क्यूब्स, बड़े छल्ले और लकड़ी के वाहनों के ब्लॉक दिए जा सकते हैं। यही नहीं, जब शिशु लगभग 10 महीने का होता है, तो शिशु खिलौनों के सहारे खड़ा होने की कोशिश कर सकता है।
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12 महीने हो जाने के बाद
12 महीने हो जाने के बाद तक वह बिना किसी सहारे के खड़ा हो सकता है। लेकिन अपने बच्चे को वॉकर देने से बचें क्योंकि यह उनके चलने के समय में देरी कर सकता है, और बच्चा इस पर निर्भर हो जाता है। इसके अलावा, यह चोट और आघात पहुंचा सकता है।
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एक साल के बच्चों के लिए खिलौने
एक वर्ष से अधिक उम्र के होने पर बच्चा चलना शुरू कर देता है। इस दौरान बच्चों के लिए खिलौने का उपयोग माता-पिता के देख-रेख में किया जाना चाहिए, और गिरने से बचने के लिए उन्हें गद्दे पर रखा जाना चाहिए। इसी तरह बच्चों को पेंसिल/क्रेयॉन दिया जा सकता है। नरम खिलौने और जिनमें बटन बैटरी होती है देने से बचें, क्योंकि वे उन्हें अनजाने में निगल सकते हैं।
दो साल के बच्चों के लिए खिलौने
अपने बच्चे को उसके हुनर, कंस्ट्रक्शन सेट्स, किचन सेट्स, चेयर्स, प्ले फूड्स, डॉल विद एक्सेसरीज, पपेट्स, और सैंड एंड वाटर प्ले टॉयज की मदद के लिए दिया जा सकता है। अपने बच्चे को खेल के मैदान में ले जाएं और उसे खेल जैसे क्रिकेट सिखाएं और गेंद को पकड़ें, इससे आपका बच्चा फिट और स्वस्थ रह सकता है। छोटी वस्तुओं, कैंची और सुई जैसे तेज उपकरण देने से बचें और स्क्रीन समय को सीमित करें।
3 साल और उससे अधिक उम्र के लिए
जब बच्चा 3 वर्ष का हो जाता है तब वह साइकिल का विकल्प चुन सकता है। जिससे आपके बच्चे को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके। याद रखें कि यह माता-पिता की देखरेख में किया जाना चाहिए। मॉडलिंग क्ले, मार्कर और बोर्ड, बच्चे के आकार का फर्नीचर, चॉकबोर्ड, पानी में खेलने वाले खिलौने, पिक्चर बुक्स और बॉल का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा आप इस उम्र से बड़े बच्चों के लिए इन गेम्स का भी चुनाव कर सकते हैं, जो उनकी ब्रेन पावर बढ़ाने का काम करेंगे। ज्यादातर ये गेम्स 7 से आठ साल के ज्यादा के बच्चों के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं, जैसे :
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शतरंज (Chess)
शतरंज का खेल थोड़ा सा मुश्किल होता है। बच्चों को धीरे-धीरे कर के इसे समझाएं। शतरंज में 64 छोटे-छोटे वर्गों में काले-सफेद रंगों के 16 मोहरों के साथ खेला जाता है। इस खेल में दो खिलाड़ी सामने वाले के राजा को शह और मात देने के मकसद से आगे बढ़ता है। यह उनके दिमागी विकास में बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। शतरंज में दो लोग खेलते हैं।
पजल गेम (Puzzle game)
पजल एक ऐसा गेम है, जिसमें कई टुकड़ों को मिलाकर बनाया जाता है, जैसे किसी फोटो के टुकड़ों को मिलाकर तस्वीर को पूरी तरह से तैयार की जाती है। इसी तरह किसी जानवर, चेहरा और फूल जैसी चीजों के भी पजल गेम आते हैं। जब बच्चे तस्वीर पूरी कर लें, तो उनसे उसका नाम पूछें, जिसकी तस्वीर अभी उन्होंने बनाई है। बच्चों को पजल गेम में बहुत आनंद आता है। इस माइंड गेम से बच्चों का दिमाग भी तेज होता है।
मैचिंग गेम (Matching game)
यह खेल छोटे बच्चों के लिए बड़ा मजेदार गेम है। इसमें पजल जैसी दिमागी कसरत होती है। लेकिन, इनमें किसी तस्वीर से जुड़ी चीजों को ओरिजिनल तस्वीर से मैच कर के उनकी जगह पर रखना होता है।
चेकर्स (Checkers)
ये गेम काफी हद तक चेस जैसा ही होता है। हालांकि, इस गेम के नियम पूरी तरह से अलग होते हैं, चेकर्स को भी एक साथ दो खिलाड़ी खेल सकते हैं। जो खिलाड़ी, दूसरे के मोहरों पर कब्जा कर लेता है, वो जीत जाता है। ये गेम भी बच्चों को काफी पसंद आता है।
अधिकतम मस्तिष्क का विकास09 नम जीवन के पहले दो वर्षों के दौरान होता है (जो लगभग 90 प्रतिशत है)। दो साल के बाद, पहले 7-8 वर्षों में, बहुत अधिक आर्बराइजेशन होता है क्योंकि कनेक्शन का गठन होता है इसलिए न्यूरॉन्स एक दूसरे से जुड़ते हैं और फिर वे सिनैप्स और कनेक्टिविटी विकसित करते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वह समय है जब नर्व्स और मस्तिष्क का विकास होता है। इस प्रकार, सही बच्चों के लिए खिलौने और गेम चुनना उपयोगी हो सकता है क्योंकि बच्चों के लिए खिलौने आपके बच्चे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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