मोटर स्किल बच्चों के विकास क्रम में होने वाली बहुत महत्वपूर्ण क्रिया है। मोटर स्किल का मतलब है बच्चों का अपनी मांसपेशियों पर नियंत्रण और उसका इस्तेमाल करना। दरअसल, जब बच्चे का मस्तिष्क, नर्वस सिस्टम और मांसपेशियां तीनों मिलकर काम करती है, तभी मोटर स्किल का विकास होता है। बच्चों और प्री स्कूलर्स के लिए मोटल स्किल (Toddlers and preschoolers motor skill) का सही विकास बहुत जरूरी है। पेंसिल पकड़ने से लेकर, बॉल फेंकने तक के काम वह मोटर स्किल की बदौलत ही करता है। बच्चों और प्री स्कूलर्स में मोटर स्किल के विकास में पैरेंट्स किस तरह से मदद कर सकते हैं? आइए, जानते हैं।
मोटर स्किल की कैटेगरी (Motor skill category)
मोटर स्किल को दो कैटेगरी में बांटा जाता है। फाइन मोटर स्किल और ग्रॉस मोटर स्किल।
फाइन मोटर स्किल (Fine motor skill)- इसमें बच्चा छोटी मांसपेशियों का इस्तेमाल करता है। जैसे हाथ, पैर की उंगलियां. कलाई आदि का इस्तेमाल। जब बच्चा रेत या मिट्टी में पैर घुमाता है तो वह इसी मोटर स्किल का इस्तेमाल करता है। इतना ही नहीं जब शिशु चीभ और होठों से किसी चीज को चखता है उसका स्वाद लेता है तो उसके लिए भी फाइन मोटर स्किल का इस्तेमाल करता है।
ग्रॉस मोटर स्किल (gross motor skill)- इसमें बच्चा शरीर की बड़ी मांसपेशियों जैसे हाथ-पैर आदिक इस्तेमाल करता है। बड़ी मांसपेशियां जो शिशु को उठने, बैठने, घूमने, खिसकने में मदद करती है इसमें शामिल है।
बच्चों को आत्मनिर्भर बनने के लिए दोनों तरह की मोटर स्किल का सही विकास जरूरी है। फाइन मोटर स्किल (fine motor skill) खासतौर पर ज्यादा जरूरी है क्योंकि छोटे मसल्स जैसे हाथों की उंगलियों का सही इस्तेमाल आदि बच्चे को अपनी देखभाल करने और अपने काम बिना किसी की मदद के करने में मदद करता है जैसे-
- अपने दांतों को ब्रश करना (brushing)
- खाना खाना (eating)
- लिखना (writing)
- कपड़े पहना आदि।
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बच्चों और प्री स्कूलर्स के लिए मोटर स्किल विकास के महत्वपूर्ण चरण (Toddlers and preschoolers motor skill milestone)
बच्चों की मोटर स्किल का विकास उम्र के हिसाब से होता है। किसी खास उम्र में ही कोई खास तरह का काम करना सीखते हैं, जैसे पहले वह चम्मच उठाना सीखते हैं, उसके बाद उसे मुंह में डालते हैं और फिर कुछ दिनों बाद उससे खाना सीखते हैं। लेकिन उम्र के हिसाब से यदि बच्चा काम नहीं कर पाता है तो आपको अलर्ट होने की जरूरत है।
12-18 महीने में आपका बच्चा ये काम करता है:
एक से डेढ़ साल की उम्र में बच्चा चलने लगता है और कुछ शब्द बोलता भी है। इस दौरान वह खिलौनों से खेलता है, चीजों को उठाने लगता है, उसे फेंकता है और घरवालों को भी पहचानने लगता है। इसके अलावा वह निम्न काम करता है-
- किताब में दी पिक्चर की तरह उंगली दिखाना
- 2 ब्लॉक की मदद से टावर बनाना
- दोनों हाथों की मदद से कोई खिलौना उठाना
- क्रेयॉन कलर की मदद से पेपर पर घिसना
- पॉइंटर फिंगर की मदद से किसी चीज की ओर इशारा करना
- अपना दूध का कप खुद उठाता है और थोड़ा गिराकर खुद दूध पीना
- चम्मच से खुद खाना खाता है, हालांकि थोड़ा नीचे भी गिराता है
- अपने मोजे खुद निकाल लेता है
- खुद ही टोपी पहन लेता है।
कब है सतर्क होने की जरूरत?
18 महीने की उम्र (18 months baby) तक भी आपका बच्चा यदि कुछ काम नहीं कर पाता है जो आपको डॉक्टर से परामर्श करने की जरूरत है जैसे यदि वह-
- छोटी चीजों को अपने अंगूठे और उंगली की मदद से नहीं उठा पाता है
- बच्चा उंगली से किसी चीज की तरफ इशारा नहीं कर पाता है
- यदि बच्चा किसी चीज को डिब्बे में नहीं रख पाता है
- खेलने के समय बच्चा दोनों हाथों का इस्तेमाल नहीं कर पाता है।
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18 महीने से 2 साल के बीच आपका बच्चा ये काम करता है:
डेढ़ से दो साल की उम्र में कुछ लोग बच्चे को प्ले ग्रुप में भी डाल देते हैं, जहां बच्चा कई तरह की एक्टिविटी करता है। वह पेंसिल पकड़कर कुछ भी बनाता है, कई तरह के खिलौनों से खेलता है और काफी नए शब्द बोलना सीख जाता है। साथ ही यह काम भी करता है-
- 4-6 ब्लॉक का इस्तेमाल करके टावर बनाता है
- एक स्टिक में 4 रिंग्स डालता है
- किताब के पन्ने पलटने लगता है एक साथ 2 या दिन
- पेंसिल से कुछ भी घिसता है
- छोटा बॉल फेक सकता है
- पेपर पर पेंट कर सकता है, लेकिन पेंट ब्रश को घुमाने क लिए पूरे हाथ का इस्तेमाल करता है
- चम्मच की मदद से खुद से खा सकता है
- बड़े जिप को खींच सकता है
- सीधी लाइन या सर्कल बना सकता है, भले ही वह एकदम परफेक्ट न हो
- अपनी उंगलियों से क्रेयॉन्स कलर को पकड़ने लगता है।
कब है अलर्ट होने की जरूरत?
यदि 2 साल की उम्र तक भी आपका बच्चा यदि कुछ काम नहीं कर पाता है जो आपको डॉक्टर से परामर्श करने की जरूरत है जैसे यदि वह-
- देखकर सीधी लाइन नहीं खींच सकता
- अभी तक वह मुंह में खिलौने डालता है
- वह आसान और बड़े पज्जल के टुकड़े को भी वुडन पज्जल बोर्ड में नहीं रख पाता है
- चम्मच की मदद से खुद से कुछ नहीं खा पाता
- 2-3 ब्लॉक को एक-दूसरे के ऊपर नहीं रख पाता।
2 से 3 साल की उम्र में बच्चा यह काम कर सकता है:
इस उम्र में अधिकांश बच्चे प्ले ग्रुप जाना शुरू कर देते हैं। 3 साल की उम्र में तो स्कूल में भी एडमिशन हो जाता है। अब तक बच्चे अपनी बात स्पष्ट रूप से कहना सीख जाते हैं और उनके खिलौनों की लिस्ट भी लंबी हो जाती है। अब तक बच्चे निम्न काम करना सीख जाते हैं-
- पेपर को आधा मोड़ना
- सीधी लाइन और सर्कल बनाना
- किताब का एक-एक पन्न् पलटना
- अंगूठे और उंगली की मदद से कलर या पेंसिल पकड़ना
- अधिकांश गतिविधियों के लिए एक ही हाथ का इस्तेमाल
- 9 बड़े ब्लॉक्स से टावर बनाना
- पेपर के टुकड़े को काटना (3 साल की उम्र तक)
- फोर्क की मदद से खाना
- बड़े बटन लगाना
कब है अलर्ट होने की जरूरत?
यदि 3 साल की उम्र तक भी आपका बच्चा यदि कुछ काम नहीं कर पाता है जो आपको डॉक्टर से परामर्श करने की जरूरत है जैसे यदि वह-
- उसकी गतिविधियां अस्थिर या स्टिफ लगे
- उसके हाथ और बाजू बहुत कमजोर लगे
- वह कैंची उठाकर पेपर नहीं काट पाए
- वह सीधी लाइन और सर्कल न बना पाए
- वह कुछ ब्लॉक्स को अरेंज न कर पाए।
यदि आपको लगता है कि उम्र के हिसाब से आपका बच्चा अपनी मांसपेशियों को नियंत्रित नहीं कर पा रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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बच्चों और प्री स्कूलर्स में फाइन मोटर स्किल के विकास के उपाय ((Toddlers and preschoolers motor skill development tips)
वैसे तो बच्चों का विकास (Babies growth) उम्र के हिसाब से होता ही है, लेकिन बच्चों और प्री स्कूलर्स में मोटर स्किल के विकास के लिए पैरेंट्स यदि थोड़ी पहल करें, तो उनका विकास अच्छी तरह से हो सकता है। बच्चों की फाइन मोटर स्किल डेवलप करने के लिए आप कुछ मजेदार तरीके अपना सकते हैं।
क्ले से खेलना सिखाएं
बच्चों में फाइन मोटर स्किल के विकास के लिए उन्हें क्ले से खेलने (play with clay) के लिए प्रेरित करें। क्ले की मदद से वह कोई भी अलग-अलग शेप बना सकते हैं जिसके लिए अपने हाथों और उंगलियों का इस्तेमाल करते हैं। इससे उनकी फाइन मोटर स्किल डेवलप होने में मदद मिलती है।
पज्जल
उम्र के हिसाब से मार्केट में कई तरह के पज्जल (puzzle) मिलते हैं। आप बच्चे की उम्र के हिसाब से पज्जल लाएं और उऩ्हें पज्जल के हिस्से को हटाकर फिर से सही जगह पर रखना सिखाएं। बच्चे के साथ खेले और उनकी मदद करें और जब भी वह सही जगह पर पज्जल के हिस्से को रखे तो उनकी तारीफ करें। आसान से शुरू करें और धीरे-धीरे बच्चे को मुश्किल पज्जल दें, इससे उनकी फाइन मोटर स्किल के विकास में मदद मिलेगी।
ड्राइंग, कलरिंग और पेंटिंग
कुछ बच्चों को रंगों से बहुत लगाव होता है और ड्राइंग (Drawing) करना तो तकरीबन सभी बच्चे को पसंद है। इससे न सिर्फ उनकी क्रिएटिविटी निखरती है, बल्कि मोटर स्किल का भी विकास होता है। बच्चे को क्रेयॉन्स, चॉक, चारकोल, फिंगर पेंटिंग या ब्रश से पेंटिंग करना सिखाएं। इससे बच्चे की आंखों और हाथों में सही तालमेल होगा। ब्रश और कलर पकड़ने के तरीके से उनकी उंगलियों की मांसपेशियां एक्टिव होंगी और उनके ग्रिप में भी सुधार होगा।
किचन टूल का इस्तेमाल
किचन में मौजूद चिमटे का इस्तेमाल करके एक गेम बनाएं और बच्चे को चिमटे से छोटी चीजें जैसे अंगूर, पास्ता, बटन आदि उठाने को कहें या सिक्कों को बाउल में डालने के लिए कहें। इस तरह से उन्हें मजा भी आएगा और मोटर स्किल भी विकसित होगी।
कैंची का इस्तेमाल करना सिखाएं
इतने छोटे बच्चे को आप असली कैंची तो नहीं दे सकते, लेकिन खिलौने वाली कैंची और पेपर देकर उसे काटने के लिए कहें। पेपर पर सीधी लाइन खींच दें और वहीं से कैंची से काटने के लिए कहें या पेपर काटकर कुछ एक्टिविटी करने को कहें। इससे भी फाइन मोटर स्किल का विकास अच्छा होता है।
नहाने के समय के खेल
बच्चे के नहाने के समय को इंटरेस्टिंग बनाएं और मग में पानी भरने और फेंकने दें। साथ ही स्पंज और रबड़ के खिलौने (Rubber toys) भी दे दें, जिसे वह भीगने पर निचोड़ेंगे और इससे उंगलियों और कलाई की मांसपेशियां मजबूत होती है।
रेत से खेलने दें
छुट्टी के दिन बच्चे को समुद्र किनारे (Beach side) ले जाएं और रेत खोदने या रेत से कुछ भी बनाने के लिए कहें। रेत पर उंगलिया फिराकर कोई शेप बनाना सिखाएं। इस तरह के गेम में बच्चों को बहुत मजा आता है और वह बहुत कुछ सीख भी लेते हैं।
ब्लॉक्स से खेलना
ब्लॉक्स को जोड़कर ब्लिडिंग (Building blocks) या अलग-अलग चीजे बनाने में बच्चों को दिमाग (Babies brain) के साथ ही हाथ की मांसपेशियों का भी इस्तेमाल करना पड़ता है। ब्लॉक्स को तोड़ने और जोड़ने के लिए उन्हें थोड़ी मेहनत भी करनी पड़ती है इससे इससे हाथों, कलाई और उंगलियों की मांसपेशियों का विकास (Muscles development) होता है। ध्यान रहे बहुत छोटे ब्लॉक्स न दें, वरना वह उसे मुंह में डाल सकते हैं।
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थ्रेड गेम्स
यह गेम 5 साल तक के बच्चों के साथ खेला जा सकता है। इसके लिए अलग-लग शेप में कार्डबोर्ड को काटकर छेद कर दें और बच्चे को ऊन या रिबन देककर उसमें से निकालने के लिए कहें। शुरू में बच्चे को यह थोड़ा मुश्किल लगेगा, लेकिन फिर उन्हें मजा आने लगेगा और इस गेम से उनकी मोटर स्किल भी डेवलप (Motor development) करने में मदद मिलेगी।
वैसे तो उम्र के साथ जैसे बच्चों का विकास (kids growth) होता है वैसे ही मोटर स्किल भी डेवलप होती है, लेकिन पैरेंट्स यदि कुछ बातों का ध्यान रखें और बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताएं, उनके साथ खेलें और अलग-अलग तरह की एक्टिविटी करें तो बच्चे की मोटर स्किल का विकास अच्छी तरह से होता है।
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