कुछ मामलों में डॉक्टर सेंसरी इंटेग्रेशन और प्रासिक्स (Sensory Integration and Praxis Tests) या सेंसरी प्रोसेसिंग मेजर (Sensory Processing Measure) का उपयोग करते हैं। जिससे डॉक्टर को बच्चों में सेंसरी तकलीफें (Sensory issues in children) समझने में आसानी होती है।
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बच्चों में सेंसरी तकलीफें होने पर इलाज कैसे होता है? (Treatment of sensory problems in children)
बच्चों में सेंसरी तकलीफें (Sensory issues in children) होने पर इसका कोई स्टेंडर्ड इलाज नहीं है। फिर भी निम्न थेरिपीज मददगार साबित हो सकती हैं।
ऑक्यूपेशनल थेरिपी (Occupational therapy)
एक ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट बच्चों की ऐसी एक्टिविटीज को सीखने या प्रैक्टिस करने में मदद करते हैं जो वे सेंसरी ईशूज के चलते अवॉइड कर देते हैं।
फिजिकल थेरिपी (Physical therapy)
एक फिजिकल थेरिपिस्ट सेंसरी रेजीम डेवलप कर सकता है। इसमें ऐसी गतिविधियों को शामिल किया जाता है जो सेंसरी इंपुट की क्रेविंग को सैटिस्फाय करने में मदद करें। इसमें जंपिंग जैक या जगह पर दौड़ना शामिल हो सकता है।
सेंसरी इंटीग्रेशन थेरिपी (Sensory integration therapy)
ऊपर बताए गए दोनों उपचार विकल्प का सेंसरी इंटीग्रेशन थेरिपी हिस्सा हैं।
यह दृष्टिकोण बच्चों को उनकी इंद्रियों को उचित रूप से प्रतिक्रिया करने के तरीके सीखने में मदद करने के लिए माना जाता है। यह उन्हें यह समझने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है कि उनके अनुभव कैसे भिन्न हैं ताकि वे अधिक विशिष्ट प्रतिक्रिया को ठीक से समझ सकें। जबकि ऐसी खबरें हैं कि सेंसरी इंटीग्रेशन थेरिपी द्वारा बच्चों की मदद तो की जा रही है, लेकिन इसकी प्रभावशीलता सिद्ध नहीं हुई है।
उम्मीद करते हैं कि आपको बच्चों में सेंसरी तकलीफें (Sensory issues in children) क्यों होती है और इनके उपचार से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।