backup og meta

क्या बच्चों को प्री-स्कूल में भेजना जरूरी है ?

क्या बच्चों को प्री-स्कूल में भेजना जरूरी है ?

प्री स्कूल (Pre-school) में बच्चों की गतिविधियों की संरचना कुछ इस तरह से की होती है कि, जिसके अंतर्गत बच्चे खुद के विकास व शिक्षा में सक्रीय भागीदार होते हैं। हम बच्चों का अवलोकन करके प्रतिक्रिया देते हैं व उनकी वर्तमान योग्यता में सहयोग करते हुए उनके विकास की यात्रा को अगले पड़ाव पर पहुचने में मदद करते है।

शिशु के विकास में उसकी परवरिश और गतिविधियों से बहुत असर पड़ता है। एक बच्चे की पढ़ाई से भी पहले खेल से परिचय हो जाती है। बच्चे खेल-खेल में ही सबसे अधिक सीखते हैं, और उनके लिए खेलना सबसे उचित और मनोरंजक एक्टिविटी है। जब बच्चे शांत मन से किसी खेल में व्यस्त होते हैं, तब वे चीजों को बड़े ही रचनात्मकता के साथ ज्ञान खोजते हैं। इसी साधन व सोच को समझ कर किंडरगार्टन यानी प्री-स्कूल की पहली बार कल्पना हुई होगी। अपने ज्ञान का प्रबंधन व विस्तार करते हैं।

और पढ़ें- जानें बच्चे में होने वाली आयरन की कमी को कैसे पूरा करें

प्री स्कूल जाने के फायदे (Benefits of going to pre-school)

बच्चों के लिए प्री स्कूलिंग (Pre-school) उसके जीवन का सबसे अहम हिस्सा होता है। इससे बच्चे को निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं-

प्री स्कूल जाने से गतिविधियों के माध्यम से विकास होता है

प्री-स्कूल (Pre-school) में फॉलो होने वाली पाठ्यक्रम शिक्षक द्वारा नियोजित व बच्चों में स्वयं से सीखने की योग्यता का संतुलन बनाए रखता है। बच्चों के गुणों, रूचि, आवश्यकताओं और सीखने के तरीकों को प्रतिक्रियाशील बनाने पर जोर देता है। प्री-स्कूल की पाठ्यक्रम में अनेक गतिविधियां जैसे नाटक, भाषा, विज्ञान, गणित, सामाजिक शिक्षा, संगीत कला, और सकल व सूक्ष्म मोटर विकास (motor skills) सम्मिलित हैं। जहां प्री-नर्सरी में बच्चे वर्णमाला व संख्या पहचानने लगते है,  के जी क्लास कम्पलीट होने तक वे स्वत्रंत रूप से पढ़ने व लिखने लग जाते है।

और पढ़ें- बेबी टॉयज बच्चों के विकास के लिए है बेस्ट

प्री-स्कूल जाने से लोगों के बीच में बोलना सीखते हैं

प्री स्कूल (Pre-school) के दौरान बच्चे क्लास में कविता, कहानी, रोल-प्ले, गाने गाना, प्रार्थना करना जैसी मौखिक गतिविधियों में शामिल होते हैं। ये सभी एक्टिविटीज उनकी पर्सनालिटी को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। वे समूहों में बोलना सीखते हैं। वे छोटे-छोटे समूहों के सामने बोलने का आत्मविश्वास भी विकसित करते हैं। जो आगे चलकर काफी काम आता है।

प्री-स्कूल जाने से बच्चों के उत्तरदायी बनने में अहम भूमिका निभाता है

प्री-स्कूल (Pre-school) में टीचर्स बच्चों को उत्तरदायी बनने और सही चयन करने के अवसर प्रदान करते हैं। टीचर्स समझते हैं कि क्यों कुछ व्यवहार सीमाबद्ध होने चाहिए और जो उचित व अनुरूप हैं, उनके लिए सीमा निश्चित करते हैं। बच्चों के व्यवहार को लेकर उम्मीदें उनके विकास के अनुरूप रहती हैं एवं इस चुनौती के लिए उन्हें शिक्षकों का सहयोग मिलता है।

और पढ़ें : ऑफिस में अपने सीनियर से व्यवहार कैसा होना चाहिए?

प्री-स्कूल जाने से बच्चे सामाजिक और भावनात्मक रूप से विकसित होते हैं

प्री स्कूल (Pre-school) में बच्चों को एक जगह मिलती हैं जहां आपका बच्चा स्वयं की भावना को व्यक्त करना सीखता है। अपने सहपाठियों के साथ गेम्स खेलता है। इन अब गतिविधियों से उसमें आत्मविश्वास का निर्माण होता है। प्री स्कूल के जरिए ही बच्चों को आमतौर पढ़ापर पता चलता है कि वे अपने आप से काम कर सकते हैं। इससे वे सामाजिक और भावनात्मक रूप से धीरे-धीरे विकसित होते हैं। सामाजिक संपर्क भी बच्चे प्री स्कूल में ही सीखते हैं यह प्री स्कूल एजुकेशन की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है।

और पढ़ें- छोटे बच्चे के कपड़े खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान

बच्चों के लिए प्री-स्कूल का महत्व: बढ़ता है आत्मविश्वास

प्री-स्कूल के बारे में एक बात यह भी अच्छी है कि बच्चों में निराशा को कम रखते हुए आत्मविश्वास व सम्मान बढ़ाते हैं। शिक्षक, धैर्य, सौहार्द और सम्मान के साथ बच्चों को उनकी उत्तेजना व व्यवहार को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। शिक्षक बच्चे के उन व्यव्हार पर अधिक ध्यान देते हैं जो उचित हैं, न कि उन पर जो अनुचित हैं, क्योंकि वो समझते हैं कि शिशु ऐसा व्यवहार करते हैं जिस पर अधिक ध्यान दिया जाता है।

और पढ़ें- बच्चे के सुसाइड थॉट को अनदेखा न करें, इन बातों का रखें ध्यान

प्री-स्कूल जाने से प्री स्कूल (Pre-school) से बच्चे सीखते हैं अनुशासन

प्री स्कूल (Pre-school) में बच्चे शिक्षकों और बच्चों के एक ग्रुप में रहते हैं जहां वे निर्देशों को साझा करना और उनका पालन करना सीखते हैं। जैस जब उन्हें कोई प्रश्न पूछना होता है तो वे अपना हाथ खड़ा करते हैं, टॉयलेट जाने के लिए भी टीचर की परमिशन लेते हैं। बच्चे को स्कूल शुरू करने से पहले इस तरह का अनुभव उसे विद्यालय में सहज रहने में सहायक होते हैं।

प्री-स्कूल जाने से टाइम मैनेजमेंट सीखते हैं

समय प्रबंधन प्री स्कूल (Pre-school) की एक और महत्वपूर्ण विशेषता है। बच्चे असेंबली टाइम, प्ले टाइम, लंच टाइम आदि के जरिए एक बेहतरीन टाइम मैनेजमेंट (time management) सिस्टम में बढ़ जाते हैं। जिससे वे आगे स्कूल में आसानी से मैनेज कर पाते हैं।

प्री-स्कूल जाने से स्वर संबंधी जागरूकता

यह प्री स्कूल (Pre-school) शिक्षा की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। इस दौरान बच्चे वर्णमाला की आवाज पहचानना सीखते हैं। वे ध्वनि सुनकर वर्णमाला को पहचानना सीखते हैं। इसके साथ ही चीजों के नाम लेना आदि भी सीखते हैं। साथ ही बच्चों में लिखने की कला और कलरिंग स्किल्स भी आती हैं। बच्चे प्री स्कूल (Pre-school) में बहुत कुछ सीखते हैं। बच्चे के संज्ञानात्मक विकास पर जोर दिया जाता है।

प्री-स्कूल जाने से कल्पनाशीलता और कौशल में बच्चों को निपुण करता है

कक्षा में बच्चों को कल्पनाशील नाटक में संलग्न करने के लिए उपकरण शामिल हैं, रचनात्मक अन्वेषण के लिए उपयुक्त कला अनुभव, बौद्धिक और शारीरिक कौशल के लिए विभिन्न प्रकार के खेल, साथ ही साथ ब्लॉक, संगीत और किताबें बनाना। यह वातावरण बच्चों को गतिविधियों को चुनने की स्वतंत्रता देता है और उनकी आवश्यकता के अनुसार गतिविधि को दोहराने का सम्मान भी करता है, क्योंकि अनुभवों की पुनरावृत्ति शैक्षिक क्षमता को प्रोत्साहित करती है। बच्चों की कलाओं को गर्व के साथ प्रदर्शित किया जाता है और वे जहाँ भी हैं, उनका सम्मान किया जाता है।

इस प्रकार कहा जा सकता है कि प्री स्कूल (Pre-school) जाना बच्चे के लिए बहुत जरूरी है। यह उनके कॉन्फिडेंस को बढ़ाने के लिए एक बढ़िया जरिया साबित हो सकता है। प्री स्कूल (Pre-school) बच्चों की जिंदगी का एक अहम हिस्सा होता है जहां वे काफी कुछ सीखते हैं। कहना गलत नहीं होगा कि प्री स्कूल एजुकेशन उनके भावनात्मक, सामजिक और शारीरिक विकास की प्रथम सीढ़ी होती है।

बच्चों के लिए प्री-स्कूल का महत्व (Importance of pre school) आप इस आर्टिकल के माध्यम से समझ गए होंगे। वैसे तो घर को ही प्रथम पाठशाला कहा जाता है लेकिन आजकल एकल परिवार होने के कारण घर में सदस्य कम होते हैं और पेरेंट्स के पास काम अधिक होने के कारण वो अपना पूरा समय नहीं दे पाते हैं। बच्चों को ज्वाइंट फैमिली में अधिक बातें सीखने को मिलती हैं। समय के साथ प्री स्कूलिंग जरूरी हो गई है।

हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको प्री-स्कूल के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंग।

[embed-health-tool-vaccination-tool]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Importance Of Pre School Education. https://samagra.education.gov.in/early_childhood.htmlAccessed on 21 Jan 2020

6 Reasons Why Preschool Is Good for Your Child. https://novakdjokovicfoundation.org/6-reasons-why-preschool-is-good-for-your-child/ Accessed on 21 Jan 2020

10 good reasons your child should attend preschool. https://www.greatschools.org/gk/articles/why-preschool/ Accessed on 21 Jan 2020

Why Preschool is the ‘Most Important Year’ In a Child’s Development. https://www.kqed.org/mindshift/49205/why-preschool-is-the-most-important-year-in-a-childs-development Accessed on 21 Jan 2020

Advantages and Disadvantages of Preschool. https://www.nycpreschool.org/advantages-and-disadvantages-of-preschool Accessed on 21 Jan 2020

 

 

Current Version

30/06/2021

Nikhil Kumar द्वारा लिखित

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. अभिषेक कानडे

Updated by: Bhawana Awasthi


रेलेटेड पोस्ट

स्कूल के बच्चों का स्वास्थ्य कैसा होना चाहिए, जानिए उनके लिए सही आहार और देखभाल के तरीके के बारे में


के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड

डॉ. अभिषेक कानडे

आयुर्वेदा · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/06/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement