रनर्स स्टमक (Runner’s Stomach)… आज इस टर्म से रनर्स स्टमक से जुड़ी सभी जानकारी आपके साथ शेयर करने जा रहें हैं। आर्टिकल की शुरुआत करने के साथ ही सबसे पहले रनर्स स्टमक को किन-किन नामों से जाना जाता है यह समझ लेते हैं।
रनर्स स्टमक को रनर्स टमी (Runner’s Tummy), रनर्स ट्रॉटस (Runner’s Trots), रनर्स गट (Runner’s Gut) एवं रनर्स बेली (Runner’s Belly) जैसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। अब इस तकलीफ के बारे में समझने की कोशिश करते हैं और साथ ही इसके पीछे की साइंस को समझेंगे।
- रनर्स स्टमक क्या है?
- क्या रनर्स स्टमक (रनर्स गट) की समस्या सामान्य है?
- रनर्स स्टमक के कारण क्या हैं?
- रनर्स स्टमक का इलाज कैसे किया जाता है?
- रनर्स स्टमक यानी रनर्स गट से बचाव कैसे संभव है?
चलिए अब रनर्स स्टमक (Runner’s Stomach) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
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रनर्स स्टमक (Runner’s Stomach) क्या है?
रनर्स स्टमक यानी रनर्स गट की समस्या तब शुरू होती है जब डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive health) से जुड़े समस्या या घबराहट ज्यादा होने लगे। ऐसा दौड़ने के वक्त या एक्सरसाइज करने के दौरान महसूस किया जाता है। रनर्स स्टमक की समस्या होने पर परेशान ना हों, क्योंकि सिर्फ कुछ बातों को ध्यान में रखकर इस परेशानी से बचा जा सकता है।
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क्या रनर्स स्टमक (रनर्स गट) की समस्या सामान्य है? (How common is Runner’s stomach?)
रनर्स स्टमक (रनर्स गट) की समस्या ज्यादातर लॉन्ग डिस्टेंस दौड़ने वालों में देखी जाती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 30 से 90 प्रतिशत रनर्स (Runners) एवं एन्डुरन्स स्पोर्ट्स एथलीट्स (Endurance sport athletes) रनर्स स्टमक यानी रनर्स गट (Runner’s gut) की समस्या के शिकार होते हैं। अब ऐसे में यह सवाल उठता है कि रनर्स स्टमक की समस्या क्यों होती है या इसके कारण क्या हो सकते हैं।
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रनर्स स्टमक के कारण क्या हैं? (Cause of Runner’s stomach?)
रनर्स स्टमक के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- दौड़ने की प्रक्रिया
- खाने-पीने की आदत
- हॉर्मोनल फैक्टर
इन ऊपर बताये तीन कारणों को रनर्स स्टमक से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि रनर्स स्टमक की समस्या से बचा नहीं जा सकता है। अगर रनर्स स्टमक का इलाज ठीक तरह से करवाया जाए तो इस तकलीफ से बचा जा सकता है।
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रनर्स स्टमक यानी रनर्स गट से बचाव कैसे संभव है? (Tips to control Runner’s stomach)
रनर्स स्टमक (Runner’s stomach) यानी रनर्स गट (Runner’s gut) से बचाव के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे:
डायट (Diet)
रनर्स स्टमक की समस्या से निजात पाने के लिए डायट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हेल्दी डायट फॉलो करने से दौरान के वक्त महसूस की जाने वाली समस्या भी कम हो सकती है। इसलिए लॉन्ग डिस्टेंस रनर या शॉर्ट डिस्टेंस रनर्स को शुगर (Sugars) एवं कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates) की कम मात्रा का सेवन करना चाहिए। नैशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन (National Library of Medicine) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार लो शुगर (Low sugar) एवं लो कार्बोहाइड्रेट (Low Carbohydrates) वाले डायट को एफओडीएमएपी डायट (FODMAP diet) भी कहा जाता है। FODMAP डायट में व्हीट एवं डेयरी प्रॉडक्ट्स (Diary products) शामिल नहीं होते हैं और ना ही इस डायट में आर्टिफिशियल स्वीटनर (Artificial sweeteners), हनी (Honey) और कुछ खास तरह की सब्जियों (Vegetables) एवं फलों (Fruits) को शामिल नहीं किया जाता है।
रनर्स स्टमक या रनर्स ट्रॉटस (Runner’s Trots) की समस्या ना हो, इसलिए रनर्स को खाने-पीने का विशेष ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ होते हैं, जिनका सेवन अगर दौड़ने (Run) या एक्सरसाइज (Exercise) करने से ठीक पहले किया जाए तो एब्डॉमिनल पेन (Abdominal pain) की समस्या शुरू हो सकती है।
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प्रोबायोटिक्स (Probiotics)
हेल्दी गट एवं रेगुलर बॉउल मूवमेंट एक्सरसाइज या दौड़ने के वक्त होने वाली परेशानियों को कम करने मददगार होता है। इसलिए प्रोबायोटिक्स सप्लिमेंट्स के सेवन से रनिंग ट्रेनिंग (Running training) या एक्सरसाइज ट्रेनिंग (Workout training) के दौरान होने वाली परेशानियों से बचने में मदद मिल सकती है। एनसीबाई (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार प्रोबायोटिक सप्लिमेंट्स (Probiotic supplements) के सेवन से हाई टेम्प्रेचर (High temperature) में दौड़ने की क्षमता को बेहतर बनाने के साथ-साथ डायजेस्टिव हेल्थ को भी स्ट्रॉन्ग बनाने में मददगार होता है। वहीं रिसर्च रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिम्पटम्स (Gastrointestinal symptoms) को भी कम करने में मददगार होता है।
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हाइड्रेशन (Hydration)
दौड़ने के वक्त पेट में क्रैम्प महसूस होना या जी मिचलाना इम्प्रॉपर हाइड्रेशन (Improper hydration) की ओर इशारा करते हैं। इसलिए दौड़ने के पहले, दौड़ने के वक्त एवं दौड़ने के बाद हाइड्रेशन (Hydration) का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। हालांकि रनर्स (Runner’s) अगर जरूरत से ज्यादा पानी का सेवन करें, तो इससे भी डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive health) से जुड़ी समस्या एवं क्रैम्प (Cramp) महसूस किया जा सकता है। इसलिए रोजाना संतुलित मात्रा में पानी (Water) का सेवन करना चाहिए और दौड़ने के पहले और बाद में इलेक्ट्रोलाइट इंफ्यूस्ड वॉटर (Electrolyte-infused water) का सेवन करना चाहिए।
इन अलग-अलग तरीकों से रनर्स स्टमक की समस्या (Runner’s stomach problem) से बचा जा सकता है। वहीं जो रनर्स मैराथॉन में ज्यादा हिस्सा लेते हैं वो रनर्स स्टमक की समस्या ज्यादा महसूस करते हैं। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आप दौड़ना छोड़ दें, बल्कि आप डायट (Diet) और रेगुलर प्रैक्टिस (Regular practice) को फॉलो कर इस परेशानी को कम करने या इससे बचने में सक्षम हो सकते हैं।
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डॉक्टर से कब करें संपर्क? (Consult Doctor if-)
रनर्स स्टमक की समस्या (Stomach problem) होने पर निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। जैसे:
- इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) की समस्या होना।
- सेलिएक डिजीज (Celiac disease) की समस्या होना।
- डायरिया (Diarrhea) की समस्या होना।
- क्रैम्प (Cramping) महसूस होना।
- बार-बार कॉन्स्टिपेशन (Frequent constipation) की समस्या होना।
- जी मिचलाना (Nausea), गैस (Gas) एवं ब्लोटिंग (Bloating) की समस्या महसूस होना। ऐसा रनर्स दौड़ें या नहीं दौड़ें दोनों ही स्थिति में महसूस की जा सकती है।
- स्टूल (Stool) से ब्लड आना।
इन स्थितियों में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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रनर्स स्टमक (Runner’s Stomach) की समस्या कुछ खास स्थितियों में शुरू हो सकती है। इसलिए इसके कारणों को समझकर इस परेशानी से बचने में मदद मिल सकती है। वहीं अगर आप रनर्स स्टमक (Runner’s Stomach) की समस्या काफी समय से महसूस कर रहें हैं, तो देरी ना करें और हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें।
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