आज के समय में लोगों में पेट की समस्या अधिक बढ़ती जा रही है, जिसका एक कारण है गैस की समस्या भी है। पैनगैस्ट्राइटिस (Pangastritis), गैस्ट्राइटिस का क्रॉनिक रूप है। गैस्ट्राइटिस पाचन तंत्र की एक स्थिति है, जिसमें पेट की लाइनिंग में सूजन आ जाती है। गैस्ट्राइटिस दो प्रकार के होते हैं: एक्यूेट गैस्ट्रिटिस और क्रॉनिक गैस्ट्रिटिस। एक्यूट गैस्ट्रिटिस अचानक से हो जाता है, लेकिन यह कम समय के लिए होता है। पर क्रॉनिक गैस्ट्रिटिस में यह समस्या गंभीर और लंबे समय के लिए होती है। इसे जानने के लिए सबसे पहले आप गैस्ट्राइटिस क्या है,यह जानें। पैंगैस्ट्राइटिस सबसे आम प्रकार का क्रॉनिक गैस्ट्रेटिस है। यह पूरे पेट को प्रभावित करता है, जिसमें एंट्राम (पेट के निचले हिस्से) और फंडस (पेट के ऊपरी हिस्से) के एंट्रल और ऑक्सीनेटिक म्यूकोसा दोनों शामिल हैं। इसे जानने के लिए आप सबसे पहले यह जाने की गैस्ट्राइटिस क्या है।
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पैंगैस्ट्राइटिस क्या है? (What is Pangastritis)
पैंगैस्ट्राइटिस, गैस्ट्राइटिस का क्रॉनिक रूप है। गैस्ट्राइटिस पाचन तंत्र की एक स्थिति है, जिसमें पेट की लाइनिंग में सूजन आ जाती हैपेट की परत में आने वाली को गैस्ट्राइटिस (Gastritis) कहते हैं। वैसे तो पेट में अल्सर की समस्या उत्पन्न होने से जो बैक्टीरिया जन्म लेते हैं, उन्ही से ही गैस्ट्राइटिस की समस्या होती है। गैस्ट्राइटिस दो प्रकार के होते हैं- एक्यूट गैस्ट्राइटिस और क्रोनिक गैस्ट्राइटिस। एक्यूट गैस्ट्राइटिस अचानक से होते हैं, जबकि क्रोनिक गैस्ट्राइटिस समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ते हैं।अगर समस्या बढ़ जाती है, तो आपके तो हालत गंभीर हो सकती है। इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
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पैंगैस्ट्राइटिस के लक्षण (Pangastritis Symptoms)
पैंगैस्ट्राइटिस के लक्षण नियमित गैस्ट्रेटिस में पाए जाने वाले लक्षणों के समान हैं। वे शामिल हो सकते हैं:
- पेट में दर्द होना
- पेट में सूजन
- जी मिचलाने की समस्या
- उल्टी होना
- भूख कम लगना और खाने का स्वाद न लगना
- पेट में जलन
- पेट गड़बड़ होना
- काला मल
पैंगैस्टाइटिस के इन लक्षणों के अलावा और बहुत सारे लक्षण हो सकते हैं।, इसलिए यदि आप उन्हें अक्सर अनुभव कर रहे हैं, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है।
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पैंगैस्ट्राइटिस के रिस्क फैक्टर (Risk Factor)
कई कारक आपके पेट के अस्तर को नुकसान पहुंचा सकते हैं और पैंगैस्ट्राइटिस के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
1. पेट में संक्रमण
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी एक प्रकार का बैक्टीरिया है,जो कि पाचन तंत्र के संक्रमण के कारण हो सकता है। यह पेट में होने वाले इंफेक्शन के सबसे आम कारणों में से एक माना जाता है। जोकि कई बार अल्सर का कारण भी हो सकता है। यह गैस्ट्रिक कैंसर का कारण भी हो सकता है।
2. दर्द निवारक दवांओं का सेवन
दर्द निवारक दवाओं का बार-बार उपयोग, विशेष रूप से नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी), पैंगैस्ट्राइटिस का कारण बन सकता है।
3. अत्यधिक अल्कॉहल का सेवन
अत्यधिक शराब का सेवन भी आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है, खासतौर पर आपके पाचन तंत्र के लिए। अत्यधिक अल्कोहल के कारण आपको क्रॉनिक गैस्ट्र्रिटिस हो सकता है।
4. तनाव की समस्या
तनाव आपके शरीर को कई तरह से प्रभावित कर सकता है, आपके पाचन तंत्र को भी। इसके कारण शरीर में कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसमें और हिस्टामाइन के स्तर में वृद्धि भी होती है। लंबे समय से बने रहने वाला तनाव भी पैंगैस्टाइटिस का कारण बन सकता है।
पैंगैस्ट्राइटिस की जांच कैसे करें
ऐसे कई टेस्ट हैं, जिनकी साहयता से चिकित्सक पैंगैस्टाइटिस का निदान कर सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैं:
- डॉक्टर आपके मल का टेस्ट करवा सकते हैं, क्योंकि गैस्ट्राइटिस और अन्य सूजन पेट की स्थिति के कारण मल में रक्त मौजूद हो सकता है।
- डॉक्टर ब्ल्ड टेस्ट भी करवा सकते हैं
- यूरिया ब्रीथ टेस्ट भी इसकी जांच में शामिल है, जिसमें सक्रिय इंफेक्शन के बारे में पता चलता है।
- पैंगैस्टाइटिस के कारण लोगों में एनीमिया की समस्या भी हो सकती है। जिसके कारण डॉक्टर पैंगैस्टाइटिस के जांच की सलाह दे सकते हैं।
- गंभीर स्थितियों में डॉक्टर एंनोस्कोपी भी कर सकते हैं।
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पैंगैस्ट्राइटिस के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं? (COMPLICATIONS DUE TO PANGASTRITIS)
जैसा कि हम पहले बता चुके हैं कि गैस्ट्राइटिस पेट से जुड़ी एक समस्या है, इसलिए समय पर इस बीमारी का इलाज न कराने से पेट की लाइनिंग पतली हो जाती है जिससे अल्सर (Ulcer) एवं पेट के कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। क्रोनिक गैस्ट्राइटिस से पीड़ित मरीजों को भारी जोखिम उठाना पड़ सकता है क्योंकि ऐसे मरीजों में समय के साथ गैस्ट्राइटिस के लक्षण गंभीर हो जाते हैं।
एक्यूट गैस्ट्राइटिस के मरीजों को किसी विशेष जोखिम का सामना नहीं करना पड़ता है। हालांकि गैस्ट्राइटिस के कारण एनीमिया, गैस्ट्रिक कैंसर, गुर्दे में परेशानी और आंत संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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पैंगैस्ट्राइटिस के लिए उपचार (Treatment)
पैंगैस्ट्राइटिस के इलाज के लिए डॉक्टर विभिन्न चीजें कर सकते हैं, जैसे कि:
यदि आपमें पैन्गैस्ट्राइटिस एच के साथ संक्रमण पाया गया तो डॉक्टर पहले इंफेक्शन का इलाज करेंगे। वैसे तो पाइलोरी संक्रमण 10 से 14 दिनों के अंदर ठीक हो सकता है। जिसके लिए डॉक्टर आपको कुछ दवाएं दे सकते हैं, जैसे कि:
- एंटीबायोटिक्स (जैसे एमोक्सिसिलिन या टेट्रासाइक्लिन)
- रैनिटिडिन बिस्मथ साइट्रेट
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस उपचार के बावजूद भी डॉक्टर म्यूकोसल क्षति डैमेज के लिए पीपीआई थेरिपी भी अपना सकते हैं।
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कुछ डायटरी चेंजेस (Dietary Changes)
इस समस्या को कम करने के लिए कुछ डायटरी चेजेंस भी जरूरी है, जैसे कि:
- खाने में हाय मात्रा में फाइबर लेना है जरूरी
- लीन प्रोटीन लें और फैट कम मात्रा में लें
- कुछ ऐसे भोजन को अपने खानपान में शामिल करें, जिससे पेट में एसिड की मात्रा कम हो
- कैफिन लेने से बचे
ये न लें
- अल्कोहल
- एसिड बनाने वाले फूड
- ऑयली फूड
- स्पाइसी फूड
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों सामने आने के बाद आप तुरंत डॉक्टर से मिलें। आज के समय में अधिकतर व्यक्तियों में पेट की समस्या बनी रहती है। गैस की प्रॉब्लम होने के कई कारण हो सकते है। सबसे पहले उन कारणों का निदान करें। लेकिन यदि गैस्ट्राइटिस के लक्षण एक हफ्ते से अधिक दिनों तक रहते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। पेट की समस्या से बचाव के लिए भी जरूरी है कि आप अपने खानपान का ध्यान रखें। इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
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