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एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी प्लानिंग कब करें?

एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी प्लानिंग कब करें?

एबॉर्शन या मिसकैरिज जैसे शब्दों को सुनने के बाद अक्सर महिलाओं को या उनके परिवार के सदस्यों को लगता है कि अब फिर मां बनना आसान नहीं है। रिसर्च के अनुसार 65 प्रतिशत महिलाओं ने मिसकैरिज के बाद फिर से गर्भधारण किया और वे स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे चुकी हैं। इसलिए एबॉर्शन या मिसकैरिज के बाद निराश न हों और नकारात्मक भावना मन में पैदा न होने दें।

कैलिफोर्निया के फर्टिलिटी हेल्थकेयर यूएससी फर्टिलिटी के अनुसार तकरीबन 15 प्रतिशत महिलाएं एक से ज्यादा बार मिसकैरिज की शिकार होती हैं। एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी थोड़ी तनावपूर्ण हो सकती है और तनाव का असर सेहत पर पड़ने के साथ-साथ फर्टिलिटी पर भी पड़ता है। ऐसे में सवाल उठता है एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रहीं हैं तो इनफर्टिलिटी से कैसे बचें?

एबॉर्शन या मिसकैरिज के बाद गर्भधारण में वैसे कोई परेशानी नहीं आती है, लेकिन एबॉर्शन के कारण की जानकारी होनी चाहिए। एबॉर्शन या मिसकैरिज ये एक ही शब्द हैं लेकिन, इन शब्दों में थोड़ा फर्क है।

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एबॉर्शन (Abortion)

कई बार कुछ कारणों की वजह से जैसे शिशु का ठीक तरह से विकास न होना या कोई ऐसी बीमारी जिसका इलाज संभव न होना। ऐसी स्थिति में गर्भ में पल रहे शिशु को एबॉर्शन कर निकाल दिया जाता है।

मिसकैरिज (miscarriage)

प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते से पहले गर्भ में फिट्स की मौत हो जाना मिसकैरिज कहलाता है। अमेरिकन सोसायटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में 10-25% प्रेग्नेंसी गर्भपात होने की वजह से पूरी नहीं हो पाती है।

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मुंबई की कंसल्टिंग होम्योपैथ और क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. श्रुति श्रीधर कहती हैं कि, ‘एबॉर्शन या मिसकैरिज के बाद इसका फर्टिलिटी पर असर नहीं पड़ता है, लेकिन एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रहीं हैं तो एबॉर्शन या मिसकैरिज क्यों हुआ इसके बारे में अपने हेल्थ एक्सपर्ट से जरूर पूछें या समझें। अगर मिसकैरिज हुआ है तो क्या गर्भवती महिला की किसी शारीरिक परेशानी के कारण ऐसा हुआ है या आपने किसी विशेष कारण की वजह से एबॉर्शन करवाया है। हालांकि, कारण कोई भी हो ऐसे में महिला को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। हेल्दी रहने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए, पानी और तरल पदार्थ का अत्यधिक सेवन करना चाहिए, पूरी नींद लेकर तनाव से दूर रहना चाहिए।’

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क्या एबॉर्शन कराने के बाद भविष्य में प्रेग्नेंट होने में परेशानी होती है?

हैलो स्वास्थ्य ने फोर्टिस हॉस्पिटल की कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्‍ट डॉ. सगारिका बसु से बात की तो उन्होंने कहा कि, ‘ एक बार अबॉर्शन या मिसकैरिज हो जाने के बाद बॉडी को रिकवर होने के लिए थोड़ा समय देना जरूरी होता है। मिसकैरिज के बाद कंसीव करने के लिए कम से कम दो से तीन महीने का समय देना बेहतर रहेगा। शरीर को पहले जैसी अवस्था में लाने के लिए पौष्टिक आहार के साथ ही मानसिक रूप से तैयार होना भी बहुत जरूरी होता है।’

एबॉर्शन कराने से भविष्य में प्रेग्नेंट होने में कोई परेशानी नहीं होती है। एबॉर्शन दो तरह से होता है। मेडिकल एबॉर्शन और सर्जिकल एबॉर्शन। मेडिकल एबॉर्शन के सर्जिकल एबॉर्शन की तुलना में कम जोखिम होते हैं। क्योंकि मेडिकल एबॉर्शन प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान किया जाता है। यदि प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में एबॉर्शन करा लिया जाए तो इसके जोखिम बेहद कम होते हैं। आमतौर पर मेडिकल एबॉर्शन गर्भावस्था की पहली तिमाही में किया जाता है। कई शोध के अनुसार, मेडिकल एबॉर्शन के कारण भविष्य में किसी तरह की प्रेग्नेंसी कॉम्पलीकेशन जैसे प्रीटर्म बर्थ, लो बर्थ वेट, प्रेग्नेंसी लॉस और एक्टॉपिक प्रेग्नेंसी आदि की समस्या नहीं होती है। सर्जिकल एबॉर्शन में डाइलेशन और क्यूराटेज (D & C) किया जाता है। सर्जिकल एबॉर्शन के कुछ मामलों में यूट्रिन वॉल पर स्कार पड़ सकते हैं। डॉक्टर इसे आशरमेंस सिंड्रोम (Asherman’s syndrome) कहते हैं। इससे महिला के गर्भवती होने के चांसेस बहुत कम हो जाते हैं।

मिसकैरिज के बाद प्रेग्नेंसी के बारे में सोचा जा सकता है। अबॉर्शन के कुछ ही दिनों बाद महिला के पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। साथ ही 14 से 28 दिनों में ऑव्युलेशन की प्रॉसेस होने लगेगी। ये प्रॉसेस अबॉर्शन के एक हफ्ते बाद शुरू हो सकती है। अगर अबॉर्शन के एक हफ्ते बाद तक अनसेफ सेक्स किया जाता है तो महिला में बिना पीरियड्स के आए ही प्रेग्नेंसी के चांसेस रहते हैं। सभी महिलाओं में पीरियड्स के दिनों की संख्या समान नहीं होती है। इस कारण दिन कम या ज्यादा हो सकते हैं। कुछ महिलाओं में ऑव्युलेशन देर से होने की भी संभावना रहती है। मिसकैरिज के बाद प्रेग्नेंसी में वैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि साधारण तौर पर गर्भावस्था में लक्षण दिखआई देते हैं। कुछ लक्षण जैसे,

अगर आपको अबॉर्शन के छह सप्ताह बाद तक भी पीरियड्स नहीं होते हैं तो होम प्रेग्नेंसी टेस्ट करके देखें। अगर रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो अपने डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर प्रेग्नेंसी की जांच करेंगे कि कहीं वो लेफ्टओवर प्रेग्नेंसी हाॅर्मोन तो नहीं हैं।

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मिसकैरिज के बाद कितना करें इंतजार?

अबॉर्शन के बाद डॉक्टर कम से कम एक से दो हफ्ते तक सेक्स न करने की सलाह देते हैं। इंफेक्शन से बचने के लिए डॉक्टर सेफ सेक्स की सलाह देते हैं। ज्यादातर केस में डॉक्टर अबॉर्शन के तीन महीने बाद तक कंसीव करने की सलाह देते हैं। अगर आप मेंटली, फिजिकली और इमोशनली फिट हैं तो आपको कंसीव करने के लिए ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं है। अगर आप इमोशनल तौर पर रेडी नहीं हैं तो इंतजार करना बेहतर रहेगा। सर्जिकल अबॉर्शन में महिलाओं को कुछ कॉम्प्लिकेशन फेस करने पड़ते हैं। जैसे-

  • इंफेक्शन की समस्या
  • गर्भाशय ग्रीवा टियर
  • ब्लीडिंग
  • रिटेन्ड टिशू
  • प्रोसीजर के दौरान प्रयोग की जा रही दवाओं से समस्या

मिसकैरिज के बाद प्रेग्नेंसी के लिए कितना इंतजार करना चाहिए, इसके अलग-अलग जवाब मिल सकते हैं। कुछ डॉक्टर जल्द ही प्रेग्नेंसी के बारे में राय देते हैं, वहीं कुछ 18 महीने का इंतजार करने के लिए भी कह सकते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार (WHO) मिसकैरिज के बाद प्रेग्नेंसी के लिए छह महीने का इंतजार सही रहता है। अगर आपका सर्जिकल अबॉर्शन हुआ है तो एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही प्रेग्नेंसी प्लान करें।

एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो काम आएंगे ये टिप्स

एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो नीचे बताई गई बातों का खास ख्याल रखें:

  • बच्चे की प्लानिंग करने से पहले अपनी गायनो से कंसल्ट करना न भूलें।
  • एक स्वस्थ जीवनशैली बनाकर रखें। धूम्रपान और एल्कोहॉल से दूरी बनाकर रखें
  • कैफीन इनटेक को कम कर दें।
  • अपने पार्टनर के साथ सेक्स लाइफ को एक्टिव बनाकर रखें। इससे प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ जाती है।
  • ओव्यूलेशन पीरियड के समय अधिक सेक्स करें। इसके लिए आप अपने मोबाइल फोन पर ओव्यूलेशन ट्रैक्र एप डाउनलॉड कर सकती हैं।
  • पोस्ट इंटरकोर्स, अपने नीचे तकिया रखकर पैरों और कूल्हों को ऊपर की ओर उठाएं।

एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी प्लान कर रहीं हैं तो कैसा हो आहार?

एबॉर्शन के बाद निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को अपने आहार में नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। इनमें शामिल हैं।

आयरन युक्त खाद्य पदार्थ (Iron rich foods)

मिसकैरिज की वजह से महिला को अत्यधिक ब्लीडिंग होती है। जरूरत से ज्यादा ब्लीडिंग होने से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है और महिला एनीमिया की शिकार हो सकती हैं। इसलिए गर्भपात के बाद आयरन से भरपूर आहार का सेवन करें। रोजाना हरी सब्जी जैसे ब्रोकली, पालक, बीन्स, ब्राउन राइस और दाल को डायट में शामिल करें।

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चॉकलेट और नट्स (Chocolate & Nuts)

मिसकैरिज के बाद होने वाली हैवी ब्लीडिंग से भी ज्यादा परेशानी तनाव के कारण महिला महसूस करने लगती हैं। इसलिए इस दौरान ऐसे खाद्य पदार्थ जो आपको पसंद हो, लेकिन नुकसान न पहुंचाए का सेवन करें। आप इस दौरान चॉकलेट और नट्स का सेवन कर सकती हैं। खुद को तनाव और चिंता के साथ-साथ डिप्रेशन से भी बचा कर रखें। क्योंकि अगर आप हेल्दी होंगी तो नेक्सट प्रेग्नेंसी फिर से जल्द प्लान कर सकती हैं।

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कैल्शियम युक्त आहार (Calcium rich food)

गर्भावस्था के दौरान शरीर में कैल्शियम की मात्रा तेजी से कम हो जाती है। इसलिए मिसकैरिज के बाद कैल्शियम युक्त आहार जैसे ड्राई फ्रूट्स, डेयरी प्रोडक्ट, दूध, सी-फूड और सोया जैसी खाने-पीने की चीजें जरूर अपने आहार में शामिल करें। एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी का प्लान कर रही हैं या नहीं लेकिन अच्छी सेहत के लिए आहार पौष्टिक होना चाहिए।

एबॉर्शन के बाद इनफर्टिलिटी से कैसे बचें?

निम्नलिखित उपाय से इनफर्टिलिटी से बचा जा सकता है। जैसे-

  • अपने आपको व्यस्त रखें, लेकिन जरूरत से ज्यादा व्यस्त न रहें (Keep yourself busy, but don’t be too busy)
  • सिगरेट और एल्कोहॉल का सेवन न करें (Do not consume cigarettes and alcohol)
  • संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करें (Eat balanced and nutritious diet)
  • तनाव और चिंता से बचें (Avoid stress and anxiety)
  • डिप्रेशन से दूर रहें (Stay away from depression)

मिसकैरिज के बाद शरीर को आराम की जरूरत होती है। जब आपको कुछ महीने बाद ऐसा लगे कि आप पूरी तरह से फिट हैं तब कंसीव करने का फैसला लें। अगर आपका सर्जिकल एबॉर्शन हुआ है तो डॉक्टर की राय एक बार जरूर लें। दूसरे बच्चे के बारे में सोचने से पहले एक बार चाहे तो चेकअप करा लें। डॉक्टर आपका चेकअप करने के बाद उचित राय दे सकता है। दूसरी प्रेग्नेंसी के लिए वॉम्ब लाइनिंग का सही होना बहुत जरूरी है। अबॉर्शन के दो से तीन दिन तक ब्लीडिंग हो सकती है। अगर आपको ज्यादा समय तक ब्लीडिंग हो रही है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

अबॉर्शन के बाद कंसीव करना पति-पत्नी का निजी फैसला होता है। मेडिकली महिला दूसरी बार प्रेग्नेंसी के लिए प्रिपेयर है या नहीं, इस बात की जानकारी डॉक्टर दे सकता है। बेहतर रहेगा कि आप किसी भी तरह की जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

इन टिप्स को अपनाकर एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी प्लानिंग की जा सकती है, लेकिन अगर आप एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी से जुड़े किसी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में एबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी प्लान करने से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई प्रश्न है तो आप उसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके प्रश्नों का उत्तर दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Pregnancy after miscarriage: What you need to know: https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/getting-pregnant/in-depth/pregnancy-after-miscarriage/art-20044134  Accessed July 30, 2020

Trying again after a miscarriage: https://www.tommys.org/pregnancy-information/pregnancy-complications/baby-loss/miscarriage/miscarriage-support/trying-again-after-miscarriage Accessed July 30, 2020

After a Miscarriage: Getting Pregnant Again: https://americanpregnancy.org/pregnancy-loss/after-miscarriage-getting-pregnant-again/ Accessed July 30, 2020

Induced Abortion: https://www.acog.org/patient-resources/faqs/special-procedures/induced-abortion Accessed July 30, 2020

Current Version

26/11/2020

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Bhawana Awasthi


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/11/2020

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