अगर आप एचआईवी (HIV) पीड़ित हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप गर्भधारण नहीं कर सकतीं। एचआईवी गर्भावस्था को लेकर हर किसी के दिमाग में बहुत से सवाल हैं लेकिन इसके बारे में सही जानकारी होना जरूरी है। एचआईवी से संक्रमित महिलाएं आसानी से गर्भधारण कर सकती हैं। एचआईवी का संक्रमण महिला की फर्टिलिटी को उस हद तक प्रभावित नहीं करता, जिससे वह गर्भधारण न कर पाए। महिला के गर्भधारण न कर पाने के पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं। अक्सर महिलाओं को गलतफहमी हो जाती है। कुछ महिलाओं को यह भी डर होता है कि अगर उन्हें एचआईवी है तो एचआईवी गर्भावस्था के बाद उनके बच्चे को भी यह होगा। हकीकत में ऐसा नहीं है। आधुनिक चिकित्सा तकनीक के आने से अब इसका खतरा न्यूनतम हो गया है। आजकल के बदलते समय के साथ एचआईवी गर्भावस्था आसान है।
इसको लेकर हैलो स्वास्थ्य ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ट्यूबरक्लोसिस एंड रेस्पिरेटरी डिजीज में एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर के डॉक्टर अभिषेक रॉयल से खास बातचीत की।
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क्या एचआईवी (HIV) संक्रमित महिला मां नहीं बन सकती?
डॉक्टर: सिर्फ एचआईवी संक्रमण होने से फर्टिलिटी प्रभावित नहीं होती है। इसके पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं। विगत समय में महिला में इनफर्टिलिटी होने का कारण गर्भाशय में टीबी हो सकता है। एसटीडी (सेक्स ट्रांसमिटेड डिजीज) और एसटीआई (सेक्स ट्रांसमिटेड इंफेक्शन) भी महिला की फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकते हैं। यदि एड्स से पीड़ित महिला को यौन संक्रमण भी है तो संभवतः वह गर्भधारण न कर पाए। इस स्थिति में उसकी गर्भधारण करने की क्षमता कम हो जाती है। एचआईवी गर्भावस्था के बारे में लोगों के दिमाग में यह कंफ्यूजन है कि एचआईवी संक्रमित महिला मां नहीं बन सकती।
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एचआईवी गर्भावस्था वाली महिला के शिशु को संक्रमण हो सकता है?
डॉक्टर: यदि महिला प्रेग्नेंट है और उसे एचआईवी का संक्रमण भी है तो ऐसी स्थिति में कड़ी मेडिकल निगरानी की जरूरत होगी। एचआईवी संक्रमित महिला का गर्भधारण मेडिकल निगरानी में हो तो शिशु में संक्रमण की संभावना पांच प्रतिशत से भी कम रह जाती है। एचआईवी गर्भावस्था में महिला के साथ-साथ डॉक्टरों को भी काफी एक्टिव रहना पड़ता है। अलग-अलग जांच के माध्यम से महिला और बच्चे को एचआईवी से बचाने की जिम्मेदारी डॉक्टर की होती है।
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इस पूरी अवधि के दौरान महिला को नियमित चिकित्सा जांच और दवाइयों की जरूरत होती है। महिला की डिलिवरी भी विशेषज्ञों की निगरानी में की जानी चाहिए। इस पूरी अवधि के दौरान महिला को एचआईवी की दवाइयां नियमित तौर पर खानी चाहिए। ऐसा न होने पर कई बार नौ महीनों की अवधि के दौरान वायरस प्लेसेंटा को पार करके शिशु में पहुंच जाता है। एचआईवी गर्भावस्था में डॉक्टर दवाओं के माध्यम से वायरस को महिला तक सीमित रखते हैं।
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महिला का पार्टनर एचआईवी (HIV) से संक्रमित है लेकिन, महिला नहीं?
डॉक्टर: ऐसी स्थिति में भी महिला गर्भधारण कर सकती है। जब तक महिला एचआईवी (HIV) से संक्रमित नहीं हो जाती तब तक बच्चे को संक्रमण नहीं होगा। इस स्थिति में पार्टनर से होने वाले संक्रमण को रोक दिया जाता है, जिससे वह महिला तक नहीं पहुंचता। इसके बाद महिला को गर्भधारण कराया जाए, जिससे यह बच्चे तक संक्रमण नहीं पहुंचेगा। इसके लिए अभी तक इनवेट्रो फर्टिलाइजेशन, टेस्ट ट्यूब बेबी का इस्तेमाल किया जाता था।
यदि संक्रमित पार्टनर अपना उपचार सही समय पर ले रहा है, तो महिला के संक्रमित होने की संभावना बेहद कम हो जाती है। कुछ अध्ययनों में पता चला है कि एचआईवी का पता चलने के बाद इलाज शुरू करने के तीन से छह महीनों के भीतर वायरल लोड कम हो जाता है। एचआईवी गर्भावस्था के लिए पहले से डॉक्टर और विशेषज्ञ की टीम महिला को देखरेख में रखती है।
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इसे तकनीकी भाषा में वायरल लोड अनडिटेक्टेबल (Undetectable) कहा जाता है। यदि महिला और उसके पति को किसी भी तरह का यौन रोग नहीं है तो इस स्थिति में वायरस कमजोर हो जाता है, जिससे यह महिला तक नहीं पहुंच पाता। इसके लिए ट्रीटेमेंट एज प्रिवेंशन (Treatment as prevention) किया जाता है।
इसमें पार्टनर का इलाज और महिला तक संक्रमण ना पहुंचे इसकी रोकथाम के उपाय किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त इन दिनों प्री एक्सपोजर प्रोफायलेक्सिस (Pre-exposure prophylaxis) जिसे आम बोलचाल की भाषा में (PrEP) भी कहा जाता है।
पार्टनर के एचआईवी संक्रमित होने की स्थिति में महिला को (PrEP)उपचार दिया जाता है और पार्टनर का उपचार किया जाता है। (PrEP) वह उपचार है, जिसमें किसी पुरुष या महिला को ऐसी दवाइयां दी जाती हैं जो HIV से संक्रमित नहीं है लेकिन, किसी भी कारण के चलते उसे संक्रमण होने का खतरा हो सकता है। यह उपचार उसे एचआईवी के संक्रमण से बचाता है। हालांकि, ज्यादातर सरकारी अस्पताल में यह इलाज उपलब्ध नहीं है।
क्या प्रेग्नेंसी के दौरान संक्रमित महिला दवाइयां ले सकती है?
डॉक्टर: गर्भवती महिला में एचआईवी (HIV) के संक्रमण का पता चलते ही तत्काल इसका उपचार शुरू कर दिया जाता है। यह दवाइयां मां और शिशु दोनों के लिए सुरक्षित होती हैं। उपचार जितना जल्द शुरू किया जाए संक्रमण का बच्चे तक पहुंचने की संभावना उतनी ही कम होती है। एचआईवी गर्भावस्था में मां का इलाज शुरू कर दिया जाता है जिससे बच्चे को यह संक्रमण ना हो।
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एचआईवी गर्भावस्था में बच्चे के संक्रमण के बारे में कब पता चलता है?
ब्लड टेस्ट या कोई भी ऐसा टेस्ट जो आपके एचआईवी वायरल लोड को निर्धारित करते हैं, पता लगा सकते हैं कि आपके बच्चे को एचआईवी है या नहीं है। एचआईवी गर्भावस्था में बच्चे के संक्रमण के बारे में पता करने के लिए आमतौर पर तीन ब्लड टेस्ट किए जाते हैं:
- जन्म के बाद पहले कुछ दिनों या हफ्तों के अंदर
- 1-2 महीने की उम्र में
- 4-6 महीने की उम्र में
अगर ये टेस्ट एचआईवी के लिए निगेटिव हैं तो आपके बच्चे में वायरस नहीं है। कई डॉक्टर लगभग 2 साल की उम्र में फिर से एचआईवी के लिए आपके बच्चे का टेस्ट करके इसकी पुष्टि करेंगे। एचआईवी गर्भावस्था में हर समय पेरेंट्स के साथ डॉक्टर को जांच करते रहना चाहिए। अब तो आप समझ गईं होंगी कि एड्स (AIDS) का गर्भधारण से कोई संबंध नहीं है। अगर आपके आस-पास कोई महिला इस बीमारी से पीड़ित है और प्रेग्नेंट होने को लेकर कंफ्यूजन है तो आप उसे समझा सकते हैं। इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेना सबसे सही होगा।
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