प्लेसेंटा एक ऐसा हिस्सा जो महिला के गर्भाशय में विकसित होता है। यह प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे को ऑक्सिजन (Oxygen) और न्यूट्रिशन (Nutrition) पहुंचाने का काम करता है। साथ ही यह शिशु के मल को बाहर निकालने का काम भी करता है। प्लेसेंटा गर्भनाल के जरिए बच्चे से जुड़ा होता है। ज्यादातर प्रेग्नेंसी में प्लेसेंटा गर्भाशय के ऊपर या एक तरफ जुड़ी होता है। अब बात करते हैं प्लेसेंटा प्रीविया (Placenta Previa) की। यह एक ऐसी स्थिति है, जब प्लेसेंटा पूरी तरह या आंशिक रूप से गर्भाशय के मुंह को कवर कर लेता है। इस स्थिति को प्लेसेंटा प्रीविया कहा जाता है। प्लेसेंटा प्रीविया प्रेग्नेंसी और डिलिवरी के दौरान भारी ब्लीडिंग की स्थिति पैदा कर सकता है। इस स्थिति में पूरी प्रेग्नेंसी और डिलिवरी के दौरान ब्लीडिंग (Bleeding during delivery) हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर महिला को उन कार्यों को करने से मना कर सकता है, जिससे कॉन्ट्रैक्शन पैदा हो। इनमें सेक्स, लंबी दूरी तक ट्रैवल, भागना या ऐसा कोई भी काम जिससे शरीर को झटका लगता हो, शामिल है।
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प्लेसेंटा प्रीविया अलग-अलग तरह के होते हैं (Types of Placenta Previa)
लो लाइन प्लेसेंटा प्रीविया (Low line Placenta Previa)
यह वह स्थिति होती है, जब प्लेसेंटा बच्चेदानी के मुंह को पूरी तरह से नहीं ढकता है बल्कि, वह इसके मुख से हल्का ऊपर होता है। इसे लो लाइन प्लेसेंटा प्रीविया (Placenta Previa) कहा जाता है।
पार्शियल प्लेसेंटा प्रीविया (Partial Placenta Previa)
यह वह स्थिति है, जब प्लेसेंटा बच्चेदानी के मुंह को आधा कवर कर लेता है।
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मार्जिनल प्लेसेंटा प्रीविया (Marginal Placenta Previa)
यह वह स्थिति है, जब प्लेसेंटा बच्चेदानी के मुख को कवर नहीं करता बल्कि, उसके बगल में जुड़ा हुआ होता है।
प्लेसेंटा प्रीविया कब हो सकता है घातक? (Risk factor of Placenta Previa)
प्रेग्नेंसी के शुरुआती 20 हफ्तों (पांच महीने) तक प्लेसेंटा बच्चेदानी में नीचे की तरफ होता है। 20 हफ्तों की अवधि के बाद यह अपने आप ही गर्भाशय के ऊपर आ जाता है। समय के हिसाब से बच्चेदानी का आकार बढ़ने से यह खुद ही अपना स्थान बदल लेता है लेकिन, कुछ मामलों में यह बच्चेदानी के मुंह के निकट या उसे पूरी तरह ढंक लेता है।
इस स्थिति में यह शिशु के मुंह को गर्भाशय के मुख के संपर्क में नहीं आने देता है। प्लेसेंटा प्रीविया (Placenta Previa) के ज्यादा बड़ा होने से कई बार इसमें अचानक ब्लीडिंग होने की संभावना रहती है।
प्लेसेंटा प्रीविया (Placenta Previa) से हो सकती है प्रीमैच्योर डिलिवरी
प्रेग्नेंसी के समय प्लासेंटा का डेवलपमेंट होता है। इस डेवलपिंग ऑर्गन की सहायता से गर्भ में पल रहे बच्चे को बहुत सहायता होती है। साथ ही ये गर्भ में पल रहे शिशू के ब्लड से वेस्ट प्रोडक्ट को भी दूर करने का काम करता है। यूटरस में प्रेग्नेंसी के दौरान खिचांव होता है। अर्ली प्रेग्नेंसी में प्लासेंटा (Placenta) का यूटरस में लो होना सामान्य बात होती है। जब प्लासेंटा सर्विक्स के पूरे ही भाग को कवर लेता है यह स्थिति गंभीर हो जाती है।
प्लेसेंटा प्रीविया के कुछ मामलों में महिलाओं को बार-बार ब्लीडिंग की समस्या होने लगती है। इसकी वजह से महिला की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसके चलते महिलाओं में आयरन और रक्त की कमी हो जाती है। इसकी वजह से शिशु को संपूर्ण पोषण नहीं मिल पाता।
कुछ मामलों में ब्लीडिंग ज्यादा होने की वजह से समय से पहले बच्चे की डिलिवरी करानी पड़ती है। इसे प्रीमैच्योर डिलिवरी भी कहा जाता है। प्रीमैच्योर डिलिवरी (Premature delivery) में बच्चे का वजन कम हो सकता है। शारीरिक रूप से बच्चे के कमजोर होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए महिलाओं को पौष्टिक भोजन लेना चाहिए। सबसे अहम बात उन्हें अपनी बॉडी में आयरन (Iron) की कमी नहीं होने देनी चाहिए।
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प्लेसेंटा प्रीविया (Placenta Previa) बच्चे के लिए है घातक
प्लेसेंटा प्रीविया के ज्यादातर मामलों में इसका आकार बड़ा पाया गया है। आकार बड़ा होने से यह बच्चेदानी के मुंह को पूरी तरह कवर कर लेता है। इसके बीच में कुछ रक्त वाहिकाएं होती हैं, जो मां और शिशु के बीच रक्त का संचार करती हैं। डिलिवरी के वक्त यह शिशु के सिर से आगे होता है।
डिलिवरी के वक्त जब गर्भाशय का मुंह खुलता है तो यह फैल जाता है। ऐसी स्थिति में इन रक्त वाहिकाओं के फटने का खतरा रहता है, जिससे जानलेवा ब्लीडिंग हो सकती है। यह स्थिति मां और शिशु दोनों के लिए ही खतरनाक होती है। किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो रही हो तो बेहतर होगा कि आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
प्लेसेंटा प्रीविया के कारण (Cause of Placenta Previa)
प्लेसेंटा प्रीविया कुछ फंक्शन की कार्य क्षमता धीमी होने की वजह से उनकी भरपाई के लिए बड़ा हो जाता है। गर्भाशय में जुड़वा या तीन बच्चे होने की स्थिति में उनकी ऑक्सीजन और दूसरे पोषक तत्वों की मांग भी बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में गर्भाशय में बड़े प्लेसेंटा की जरूरत होती है, जिसके चलते यह बढ़ जाता है। इसके अलावा सिगरेट पीने वाली महिलाओं में प्लेसेंटा प्रीविया (Placenta Previa) का खतरा रहता है।
पिछली प्रेग्नेंसी में प्लेसेंटा प्रीविया होने से अगली प्रेग्नेंसी में इसकी संभावना और बढ़ जाती है। एशियाई महाद्वीप में रहनी वाली महिलाओं में प्लेसेंटा प्रीविया (Placenta Previa) का खतरा ज्यादा रहता है। हालांकि, इसके पीछे अभी किसी ठोस कारण का पता नहीं चला है। इसके अतिरिक्त, यह देखा गया है कि फीमेल भ्रूण के मुकाबले मेल भ्रूण में प्लेसेंटा प्रीविया (Placenta Previa) होने का खतरा ज्यादा रहता है।
लो लाइन प्लेसेंटा प्रीविया की वजह से डिलिवरी के समय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में एक बात का ख्याल हमेशा रखना चाहिए कि डॉक्टर की बताई गई सभी बातों को ध्यान रखना चाहिए। अगर आपको डॉक्टर ने पूरी तरह से रेस्ट करने की सलाह दी है तो घर पर आराम करें। कुछ महिलाएं मना करने के बावजूद मेहनत वाले काम करती हैं, जिससे स्थिति अधिक खतरनाक हो सकती है। ऐसी स्थिति में एक्सरसाइज भी नहीं करनी चाहिए। इस बारे में डॉक्टर से आप जानकारी ले सकती हैं कि आपके लिए क्या सही रहेगा और क्या काम आपको नहीं करना चाहिए।
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उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको प्रेग्नेंसी के समय किसी भी तरह की दिक्कत महसूस हो रही हो तो बेहतर होगा कि आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बिना सलाह के बीमारी का इलाज करना घातक हो सकता है।
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